हरिद्वार: कोरोना के कारण आर्थिक मंदी झेल रहे हरिद्वार के व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. तय समय पर कुंभ मेला न कराने से नाराज प्रदेश व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने सरकार के विरोध का नया तरीका अपनाया है. व्यापारी 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति के स्नान को कुंभ मेले का पहला शाही स्नान मानकर गंगा स्नान करेंगे और इसके लिए उन्होंने अखाड़ों को निमंत्रण भी देना शुरू कर दिया है.
दरअसल, कोरोना के कारण राज्य सरकार ने कुंभ मेले को लेकर अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, जिस कारण इस बार मेला जनवरी से ना होकर बल्कि मार्च से प्रारंभ होगा. सरकार के इस फैसले से प्रदेश व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त की है. उनकी मांग है कि हर बार की तरह इस बार के कुंभ में भी 14 जनवरी को कुंभ मेले का पहला शाही स्नान किया जाए. इसी मांग को लेकर प्रदेश व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने हरिद्वार के निरंजनी अखाड़े में पहुंचकर अखाड़े के साधु-संतों को निमंत्रण दिया.
वहीं, प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि सरकार जानबूझकर जनवरी से कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी नहीं कर रही है. इस कारण श्रद्धालु भी हरिद्वार नहीं आ रहे हैं. इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति स्नान पर सभी व्यापारी शाही स्नान की तरह स्नान करेंगे. इसके माध्यम से वो देश-दुनिया के लोगों को संदेश देंगे कि वह हरिद्वार आएं. वहीं, कोरोना काल के कारण हरिद्वार का व्यापारी आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है, उन्हें इस मंदी से उबारने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है.
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व्यापारी विशाल गर्ग ने कहा कि सदियों से परंपरा चली आ रही है कि जब भी हरिद्वार में कुंभ मेला होता है, तो 14 जनवरी को कुंभ मेले का पहला शाही स्नान होता है, लेकिन सरकार इस बार ऐसा नहीं होने दे रही है. इसलिए उन्होंने बैंड बाजे के साथ पूरे जोर-शोर से 14 जनवरी को ही पहला स्नान करने का निर्णय लिया है और साधु-संतों को भी इसका निमंत्रण दिया है कि वह भी उनके साथ आएं और 14 जनवरी को कुंभ मेला का पहला स्नान करें.