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राम मंदिर को लेकर मुस्लिमों के हस्ताक्षर अभियान का रामदेव ने किया स्वागत, विरोध में शंकराचार्य

मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान को शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने खुलकर विरोध किया है, लेकिन उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मुस्लिम समाज के इस अभियान का समर्थन किया था. जबकि बाबा रामदेव ने इस अभियान का खुलकर स्वागत किया है.

शंकराचार्य और रामदेव.
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Published : Jun 15, 2019, 7:10 PM IST

Updated : Jun 15, 2019, 7:23 PM IST

हरिद्वारः अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को लेकर इनदिनों चर्चाएं जोरों पर हैं. मुस्लिम संगठन के लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को सौगात पूर्वक जमीन सौंपने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत राम जन्मभूमि को हिंदुओं को देने की बात कही जा रही है. जिसे लेकर कई लोग समर्थन और विरोध में उतर आए हैं. इस अभियान का बाबा रामदेव ने स्वागत किया है, तो वहीं शारदा द्वारका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती इस अभियान से सहमत नहीं हैं.

मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान का जहां बाबा रामदेव ने खुलकर समर्थन किया है, तो शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हस्ताक्षर अभियान का खुलकर विरोध किया है, लेकिन उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मुस्लिम समाज के इस अभियान का समर्थन किया था. शंकराचार्य ने साफ कर दिया कि अविमुक्तेश्वरानंद भी उसी बात का समर्थन करेंगे. जिसका स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य समर्थन करेंगे.

मामले को लेकर बाबा रामदेव का कहना है कि हिन्दू और मुस्लिम के बीच सद्भावना, भाईचारे, एकता से ही देश आगे बढ़ेगा. मुस्लिम संगठन की इस पहल का वो स्वागत करते हैं. मुस्लिम समाज भी मानता है, कि अयोध्या में जो भूमि है. वो श्री राम की जन्मभूमि है. ऐसे में मुस्लिम तीर्थ का होना तो संभव नहीं है. मक्का मदीना समेत कई जगह मुस्लिमों के तीर्थ हैं और भारत में राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि, काशी विश्वनाथ तीर्थ हैं.

मुस्लिम संगठनों के राम मंदिर निर्माण को लेकर हस्ताक्षर अभियान पर बोलते शंकराचार्य और बाबा रामदेव.

उन्होंने कहा कि रामकृष्ण समेत कई महापुरुष सभी हमारे पूर्वज हैं. अपने पूर्वजों को सम्मान देना सभी हिंदुओं का दायित्व है. इसमें किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए. सदियों से हिंदू-मुसलमान एक साथ रहते आए हैं और आगे भी ऐसे ही रहते आएंगे.

ये भी पढ़ेंः गुप्ता बंधुओं के शादी समारोह पर आध्यात्मिक गुरू अवधेशानंद का बयान, बोले- शादी से राज्य का होगा फायदा

उधर, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इस पहल से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि इस तरह के अभियान का कोई औचित्य नहीं है. जिन मुस्लिम लोगों ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, वो याचिका वापस नहीं लेते हैं. तब तक इस तरह के हस्ताक्षर अभियान की कोई सार्थकता नहीं है.

शंकराचार्य स्वरूपानंद का कहना है कि मुस्लिम समाज अयोध्या में मस्जिद निर्माण की बात करता है, लेकिन वहां तो पहले ही मस्जिद बनी हुई है, तो मुसलमानों को वहीं नमाज पढ़नी चाहिए. ऐसे में वो जताना चाहते हैं कि जब राम जन्मभूमि पर उनका कब्जा है, तो हस्ताक्षर अभियान क्यों करें.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाई चाहते हैं कि दोनों ही समाज के लोग शांति से रहें, तो गो हत्या को बंद करना चाहिए. जिससे उनके साथ हमेशा के लिए समझौता हो जाएगा. वहीं, शंकराचार्य के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान को अपना समर्थन दे रहे है. इस पर शंकराचार्य ने कहा कि उनकी अविमुक्तेश्वरानंद से बातचीत हो चुकी है. दोनों का अपना एक ही मत होगा.

हरिद्वारः अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को लेकर इनदिनों चर्चाएं जोरों पर हैं. मुस्लिम संगठन के लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को सौगात पूर्वक जमीन सौंपने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत राम जन्मभूमि को हिंदुओं को देने की बात कही जा रही है. जिसे लेकर कई लोग समर्थन और विरोध में उतर आए हैं. इस अभियान का बाबा रामदेव ने स्वागत किया है, तो वहीं शारदा द्वारका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती इस अभियान से सहमत नहीं हैं.

मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान का जहां बाबा रामदेव ने खुलकर समर्थन किया है, तो शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हस्ताक्षर अभियान का खुलकर विरोध किया है, लेकिन उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मुस्लिम समाज के इस अभियान का समर्थन किया था. शंकराचार्य ने साफ कर दिया कि अविमुक्तेश्वरानंद भी उसी बात का समर्थन करेंगे. जिसका स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य समर्थन करेंगे.

मामले को लेकर बाबा रामदेव का कहना है कि हिन्दू और मुस्लिम के बीच सद्भावना, भाईचारे, एकता से ही देश आगे बढ़ेगा. मुस्लिम संगठन की इस पहल का वो स्वागत करते हैं. मुस्लिम समाज भी मानता है, कि अयोध्या में जो भूमि है. वो श्री राम की जन्मभूमि है. ऐसे में मुस्लिम तीर्थ का होना तो संभव नहीं है. मक्का मदीना समेत कई जगह मुस्लिमों के तीर्थ हैं और भारत में राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि, काशी विश्वनाथ तीर्थ हैं.

मुस्लिम संगठनों के राम मंदिर निर्माण को लेकर हस्ताक्षर अभियान पर बोलते शंकराचार्य और बाबा रामदेव.

उन्होंने कहा कि रामकृष्ण समेत कई महापुरुष सभी हमारे पूर्वज हैं. अपने पूर्वजों को सम्मान देना सभी हिंदुओं का दायित्व है. इसमें किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए. सदियों से हिंदू-मुसलमान एक साथ रहते आए हैं और आगे भी ऐसे ही रहते आएंगे.

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उधर, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इस पहल से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि इस तरह के अभियान का कोई औचित्य नहीं है. जिन मुस्लिम लोगों ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, वो याचिका वापस नहीं लेते हैं. तब तक इस तरह के हस्ताक्षर अभियान की कोई सार्थकता नहीं है.

शंकराचार्य स्वरूपानंद का कहना है कि मुस्लिम समाज अयोध्या में मस्जिद निर्माण की बात करता है, लेकिन वहां तो पहले ही मस्जिद बनी हुई है, तो मुसलमानों को वहीं नमाज पढ़नी चाहिए. ऐसे में वो जताना चाहते हैं कि जब राम जन्मभूमि पर उनका कब्जा है, तो हस्ताक्षर अभियान क्यों करें.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाई चाहते हैं कि दोनों ही समाज के लोग शांति से रहें, तो गो हत्या को बंद करना चाहिए. जिससे उनके साथ हमेशा के लिए समझौता हो जाएगा. वहीं, शंकराचार्य के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान को अपना समर्थन दे रहे है. इस पर शंकराचार्य ने कहा कि उनकी अविमुक्तेश्वरानंद से बातचीत हो चुकी है. दोनों का अपना एक ही मत होगा.

Intro:एक मुस्लिम संगठन द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए मुसलमानों द्वारा हिंदुओं को सौगात पूर्वक जमीन सौंपने के लिए मुसलमानो द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाकर राम जन्मभूमि हिंदुओं को देने की बात कही है मगर इस अभियान के समर्थन और विरोध में भी लोग उतर आए हैं इस अभियान का जहां बाबा रामदेव ने स्वागत किया तो वही शारदा द्वारका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती इस अभियान से सहमत नहीं है


Body:मुस्लिम संगठनों द्वारा चला के हस्ताक्षर अभियान का बाबा रामदेव ने स्वागत किया है बाबा रामदेव का कहना है कि मुस्लिम समाज भी मानता है की यह भूमि श्री राम की जन्मभूमि है इसलिए ना मुस्लिम तीर्थ का होना तो संभव नहीं है मक्का मदीना और कहीं जगह मुस्लिमों को तीर्थ है और भारत के राम जन्मभूमि कृष्ण जन्मभूमि काशी विश्वनाथ यह भारत की अपने तीर्थ है रामकृष्ण और जितने भी महापुरुष है वह सभी हमारे पूर्वज है अपने पूर्वजों को सम्मान देना यह सभी हिंदुओं का दायित्व है इसमें किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि देश विवाद से आगे नहीं पड़ता देश प्रेम सौगात से आगे बढ़ता है मैं इस पहल का स्वागत करता हूं क्योंकि आपसी भाईचारे एकता से ही देश आगे बनता है सदियों से हिंदू मुसलमान एक साथ रहते आए हैं और आगे भी ऐसे ही रहते आएंगे

बाइट--बाबा रामदेव--योग गुरु

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इस पहल से सहमत नजर नहीं आए उनका कहना है कि इस तरह के कुछ मुसलमान संतों के अभियान का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि जिन मुसलमानों ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में रीट याचिका दायर कर रखी है जब तक यह संगठन रिट याचिका वापस नहीं लेते है तब तक इस तरह के हस्ताक्षर अभियान का कोई सार्थकता नहीं है उन्होंने कहा कि हम किसी भी मुसलमान संगठन की कोई शर्त मानने को तैयार नहीं है क्योंकि अयोध्या में रामलला और उनका मंदिर विराजमान है और हम तो वहां पूजा कर ही रहे हैं शंकराचार्य स्वरूपानंद का कहना है कि मुस्लिम समाज अयोध्या में मस्जिद निर्माण की बात करता है मगर वहां तो पहले ही मस्जिद बनी हुई है तो मुसलमानों को वही नमाज पढ़नी चाहिए हम कहा इस बात पर एतराज कर रहे है जब राम जन्मभूमि पर हमारा कब्जा है तो हम क्यों हस्ताक्षर अभियान करें और क्यों उनका एहसान हम ले अगर मुस्लिम भाई चाहते हैं कि दोनों ही समाज के लोग शांति से रहे तो गौ हत्या को बंद कर दिया जाए तो हमारा हमेशा ही उनसे समझौता हो जाएगा शंकराचार्य के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान को अपना समर्थन दे रहे है इस पर शंकराचार्य ने कहा कि उनकी अविमुक्तेश्वरानंद से बातचीत हो चुकी है हमारा और उनका मत एक ही होगा

बाइट--स्वरूपानंद सरस्वती---शंकराचार्य


Conclusion:मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान का जहां बाबा रामदेव ने खुलकर समर्थन किया है तो वही शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हस्ताक्षर अभियान का खुलकर विरोध किया है मगर उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मुस्लिम समाज के इस अभियान का समर्थन किया था मगर शंकराचार्य ने साफ कर दिया कि अविमुक्तेश्वरानंद भी वही समर्थन करेगे जिसका स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य समर्थन जरेगे अब देखना होगा मुस्लिम समाज द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में कौन-कौन लोग इसका समर्थन करते हैं और कौन इसका विरोध करता है
Last Updated : Jun 15, 2019, 7:23 PM IST
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