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स्वामी आनंद स्वरूप की मांग, उत्तराखंड में सभी मदरसों का हो सर्वे, रोहिंग्या को निकालें बाहर

उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे का मुद्दा सुर्खियों में है. सीएम पुष्कर धामी ने उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स के बयान पर मुहर लगा दी है. जिसके बाद संत समाज की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उनका कहना है कि उत्तराखंड में सभी मदरसों का सर्वे होना चाहिए और उन्हें बंद कर देना चाहिए.

Swami Anand Swaroop
स्वामी आनंद स्वरूप
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Published : Sep 13, 2022, 3:59 PM IST

हरिद्वारः असम और उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी मदरसों का सर्वे किया जाएगा. इस फैसले का संत समाज ने स्वागत किया है. काली सेना के प्रमुख और शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) का कहना है कि सीएम पुष्कर धामी ने देर से ही सही, लेकिन अच्छा फैसला लिया है. उनका कहना है कि सिर्फ वक्फ बोर्ड के अधीन मदरसों का ही सर्वे न करें, बल्कि सभी मदरसों का सर्वे किया जाना चाहिए. सभी की जांच होनी चाहिए.

शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि इन मदरसों में गलत शिक्षा प्रणाली के साथ पैसे का दुरुपयोग और एक विशेष समुदाय को तैयार किया जा रहा है. इन मदरसों पर सर्वे (Madrasa Survey in Uttarakhand) तो सही है, लेकिन सर्वे सिर्फ वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों का न हो. वक्फ बोर्ड के मुताबिक, 103 मदरसे ही उत्तराखंड में है, जबकि उत्तराखंड में करीब 400 से ज्यादा मदरसे चल रहे हैं.

उत्तराखंड में सभी मदरसों का हो सर्वे

स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) का कहना है कि इन सभी मदरसों का सर्वे होना चाहिए. अब सिर्फ सर्वे से काम नहीं चलेगा. इन मदरसों को तत्काल रूप से बंद किया जाना चाहिए. साथ ही उत्तराखंड से रोहिंग्याओं (Rohingyas in Uttarakhand) को भी बाहर निकालें. तभी जाकर उत्तराखंड देवभूमि बनेगा.

बता दें कि बीती रोज यानी 12 सितंबर को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स (Uttarakhand Waqf Board Chairman Shadab Shams) ने सूबे के 103 मदरसों का सर्वे कराने की बात कही थी. शादाब का कहना था कि पूरे प्रदेश में 500 से ज्यादा मदरसे संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें से 103 मदरसे वक्फ बोर्ड के अधीन आते हैं. इनमें राज्य सरकार मुस्लिम छात्रों के शिक्षा, खाना और अन्य सुविधाओं के लिए पैसा देती है. ऐसे में राज्य सरकार का यह पूरा अधिकार है कि वो इन मदरसों का समय-समय पर निरीक्षण करे.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मदरसों का होगा सर्वे, पिरान कलियर के आसपास लगेंगे CCTV

इसी के तहत वक्फ बोर्ड उत्तराखंड में मौजूद सभी अपने 103 मदरसों का सर्वे करेगा (Survey of Madrasas in Uttarakhand) और उनमें दी जाने वाली राज्य सरकार की तमाम सुविधाओं का किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, इसे सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वक्फ बोर्ड के अलावा 419 मदरसे, मदरसा बोर्ड के तहत संचालित किए जाते हैं, लेकिन ये वक्फ बोर्ड के तहत नहीं आते हैं.

लिहाजा, यह सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर (Uttarakhand Madarsa Board) हैं, लेकिन फिर भी क्योंकि ये मदरसे उत्तराखंड में हैं और वक्फ बोर्ड के मदरसों में तमाम तरह के सुधारों के बाद इन मदरसों में भी इसका साफतौर पर असर देखने को मिलेगा. इसके अलावा प्रदेश में कुछ निजी तौर पर भी मदद से मदरसे संचालित किए जाते हैं, उन पर भी राज्य सरकार की निगरानी बनी हुई है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के मदरसों का होगा सर्वे, CM धामी ने शादाब शम्स के बयान पर लगाई मुहर

CM धामी ने शादाब शम्स के बयान पर लगाई मुहरः उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स के मदरसों को लेकर दिए बयान पर सीएम पुष्कर सिंह धामी की प्रतिक्रिया सामने आई है. सीएम धामी ने भी मदरसों के सर्वे पर मुहर लगा दी है. सीएम धामी का कहना है कि मदरसों को लेकर समय समय पर तमाम तरीके की बातें सामने आती रहती हैं. ऐसे में जांच होना जरूरी है, ताकि सच सामने आ सके. गौलतलब है कि उत्तर प्रदेश में भी तेजी से मदरसों की जांच (Investigation of madrasas) के साथ अवैध मदरसों को ध्वस्त किया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मजार पर सियासत! कांग्रेस ने कार्रवाई को बताया चिंताजनक, बीजेपी ने किया घेराव

हरिद्वारः असम और उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी मदरसों का सर्वे किया जाएगा. इस फैसले का संत समाज ने स्वागत किया है. काली सेना के प्रमुख और शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) का कहना है कि सीएम पुष्कर धामी ने देर से ही सही, लेकिन अच्छा फैसला लिया है. उनका कहना है कि सिर्फ वक्फ बोर्ड के अधीन मदरसों का ही सर्वे न करें, बल्कि सभी मदरसों का सर्वे किया जाना चाहिए. सभी की जांच होनी चाहिए.

शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि इन मदरसों में गलत शिक्षा प्रणाली के साथ पैसे का दुरुपयोग और एक विशेष समुदाय को तैयार किया जा रहा है. इन मदरसों पर सर्वे (Madrasa Survey in Uttarakhand) तो सही है, लेकिन सर्वे सिर्फ वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों का न हो. वक्फ बोर्ड के मुताबिक, 103 मदरसे ही उत्तराखंड में है, जबकि उत्तराखंड में करीब 400 से ज्यादा मदरसे चल रहे हैं.

उत्तराखंड में सभी मदरसों का हो सर्वे

स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) का कहना है कि इन सभी मदरसों का सर्वे होना चाहिए. अब सिर्फ सर्वे से काम नहीं चलेगा. इन मदरसों को तत्काल रूप से बंद किया जाना चाहिए. साथ ही उत्तराखंड से रोहिंग्याओं (Rohingyas in Uttarakhand) को भी बाहर निकालें. तभी जाकर उत्तराखंड देवभूमि बनेगा.

बता दें कि बीती रोज यानी 12 सितंबर को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स (Uttarakhand Waqf Board Chairman Shadab Shams) ने सूबे के 103 मदरसों का सर्वे कराने की बात कही थी. शादाब का कहना था कि पूरे प्रदेश में 500 से ज्यादा मदरसे संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें से 103 मदरसे वक्फ बोर्ड के अधीन आते हैं. इनमें राज्य सरकार मुस्लिम छात्रों के शिक्षा, खाना और अन्य सुविधाओं के लिए पैसा देती है. ऐसे में राज्य सरकार का यह पूरा अधिकार है कि वो इन मदरसों का समय-समय पर निरीक्षण करे.
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इसी के तहत वक्फ बोर्ड उत्तराखंड में मौजूद सभी अपने 103 मदरसों का सर्वे करेगा (Survey of Madrasas in Uttarakhand) और उनमें दी जाने वाली राज्य सरकार की तमाम सुविधाओं का किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, इसे सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वक्फ बोर्ड के अलावा 419 मदरसे, मदरसा बोर्ड के तहत संचालित किए जाते हैं, लेकिन ये वक्फ बोर्ड के तहत नहीं आते हैं.

लिहाजा, यह सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर (Uttarakhand Madarsa Board) हैं, लेकिन फिर भी क्योंकि ये मदरसे उत्तराखंड में हैं और वक्फ बोर्ड के मदरसों में तमाम तरह के सुधारों के बाद इन मदरसों में भी इसका साफतौर पर असर देखने को मिलेगा. इसके अलावा प्रदेश में कुछ निजी तौर पर भी मदद से मदरसे संचालित किए जाते हैं, उन पर भी राज्य सरकार की निगरानी बनी हुई है.
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