हरिद्वार: पूर्व विधायक और रविदासाचार्य सुरेश राठौर (Former MLA Suresh Rathore) ने श्री गुरु रविदास अखाड़े के नाम से 15वें अखाड़े की घोषणा (Announcement of 15th Akhara in Haridwar) की है. उन्होंने विवादित आईएफएस अधिकारी किशनचंद (Controversial IFS officer Kishanchand ) को अपने अखाड़े का महामंत्री बनाया है. अभी तक 13 अखाड़े ही अस्तित्व में थे. जिसके बाद कुम्भ 2021 में 14वें अखाड़े के रूप में किन्नर अखाड़ा सामने आया था. जिसको जूना अखाड़े और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि का समर्थन था. अब श्री गुरु रविदास अखाड़े की घोषणा करते हुए रविदासाचार्य सुरेश राठौर ने इस संबंध में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से बातचीत करते हुए कहा आगामी कुम्भ में वे निरंजनी अखाड़े के साथ स्नान करेंगे.
पूर्व विधायक और रविदासाचार्य सुरेश राठौर (Former MLA and Ravidasacharya Suresh Rathore) खुद को संत रविदास का अवतार मानते हैं. रविदासाचार्य बन कथाएं भी करते हैं. कुम्भ 2021 से पूर्व रविदासाचार्य सुरेश राठौर ने निरंजनी अखाड़े से महामंडलेश्वर बनने का प्रयास भी किया था. लेकिन उनके निजी जीवन के चलते संतों के विरोध के कारण उनकी यह मंशा पूरी नहीं हो पाई. अब उन्होंने खुद ही नए अखाड़े श्री गुरु रविदास अखाड़े की घोषणा कर दी है. वे इसके मुखिया भी बन गए हैं. उत्तराखंड के विवादित आईएफएस अधिकारी को उन्होंने अपने अखाड़े का महामंत्री बनाया है. अपने अखाड़े की घोषणा करते हुए रविदासाचार्य सुरेश राठौर ने कहा देश में 25 करोड़ से ज्यादा लोग अनुसूचित जाति के हैं, जिनका प्रतिनिधित्व करते हुए अखाड़े की घोषणा की गई है.
सनातन धर्म को मजबूत करने और देश में हो रहे धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए इस 15वें अखाड़े की घोषणा की गई है. जिसकी तैयारी बहुत दिनों से की जा रही थी. अब इसकी विधिवत घोषणा की जा रही है. उन्होंने कहा साधु संतों और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से वार्ता के बाद ही उन्होंने श्री गुरु रविदास अखाड़े की घोषणा की है. अखाड़े के बारे में जानकारी देते हुए महामंत्री किशनचंद ने कहा कि उनका अखाड़ा 15वें अखाड़े के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने कहा उनके अखाड़े में सभी धर्म और पंथ के अनुयायियों का स्वागत है. उन्होंने बताया उनकी बातचीत अन्य अखाड़ों से भी चल रही हैं. जिसके बाद यह होगा कि वह किस अखाड़े के साथ संबंध में होंगे.