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महाकुंभ: दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था, ऑटोमेटिक व्हील चेयर से कर पाएंगे गंगा स्नान - हरिद्वार हिंदी समाचार

महाकुंभ से पहले मेला प्रशासन की ओर से घाट पर ऑटोमेटेड हैंड ऑपरेटेड व्हील चेयर व रैंप की सुविधा शुरू की गई है. इसका फायदा कुंभ आने वाले दिव्यांगों और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मिलेगा. उन्हें गंगा के आचमन करने और स्नान में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी.

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दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था
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Published : Feb 17, 2021, 11:05 AM IST

हरिद्वारः अब हरकी पैड़ी पर देश-विदेश से गंगा स्नान करने आने वाले दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मां गंगा के आचमन और स्नान में कोई दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि कुंभ मेला प्रशासन की ओर से घाट पर ऑटोमेटेड हैंड ऑपरेटेड व्हील चेयर व रैंप की सुविधा शुरू की गई है.

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ऑटोमेटिक व्हील चेयर पर बैठे मेला अधिकारी

स्वयं संचालित कुर्सी में बैठकर श्रद्धालुगण रैंप से होकर गंगा जल का आचमन खुद ही कर सकेंगे. मेला अधिकारी दीपक रावत ने हरकी पैड़ी पर दिव्यांगों के लिए बने ऑटोमेटेड व्हील चेयर व रैंप को देखकर उसका ट्रायल स्वयं भी लिया. इस सुविधा की सराहना करते हुए मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि इस सुविधा से हरकी पैड़ी पर दिव्यांगजन घाट पर बिना किसी दिक्कत के गंगाजल का आचमन और स्नान कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि ये सुविधा निशुल्क रखी गई है.

दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था

ये भी पढ़ें: CAU कोच विवाद: सचिव महिम वर्मा का बड़ा बयान, जाफर के कहने पर मिली मौलाना को अंदर आने की अनुमति

कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि हरकी पैड़ी पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं और उसमें कई दिव्यांग लोग भी होते हैं. जिन्हें गंगा में स्नान करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसके पीछे हर की पैड़ी पर काफी सीढ़ियां होना बड़ा कारण हैं. ऐसे में व्हीलचेयर से उन्हें उतारना संभव नहीं हो पाता.

ये भी पढ़ें: देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड में नामित किये गये भारत सरकार के दो अधिकारी

उन्होंने कहा कि इसी परेशानी को देखते हुए महिला घाट के बराबर ऑटोमेटेड हैंड ऑपरेटेड व्हील चेयर व रैंप की सुविधा शुरू की गई है. श्रद्धालु इसे खुद ही चला सकते हैं. इससे लोगों को काफी फायदा भी मिलेगा, वो हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर मां गंगा का स्पर्श कर सकते हैं. इसके लिए उनसे कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा. हरकी पैड़ी पर सीढ़ियों के चलते ब्रह्मकुंड में गंगा नदी तक पहुंचने में दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता था. काफी भीड़ होने से कई बार दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालु मायूस होकर बिना गंगा स्नान के ही वापस लौट जाते थे. ऐसे में महाकुंभ से पहले मेला प्रशासन की ओर से शुरू की गई ये सेवा श्रद्धालुओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी.

हरिद्वारः अब हरकी पैड़ी पर देश-विदेश से गंगा स्नान करने आने वाले दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मां गंगा के आचमन और स्नान में कोई दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि कुंभ मेला प्रशासन की ओर से घाट पर ऑटोमेटेड हैंड ऑपरेटेड व्हील चेयर व रैंप की सुविधा शुरू की गई है.

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ऑटोमेटिक व्हील चेयर पर बैठे मेला अधिकारी

स्वयं संचालित कुर्सी में बैठकर श्रद्धालुगण रैंप से होकर गंगा जल का आचमन खुद ही कर सकेंगे. मेला अधिकारी दीपक रावत ने हरकी पैड़ी पर दिव्यांगों के लिए बने ऑटोमेटेड व्हील चेयर व रैंप को देखकर उसका ट्रायल स्वयं भी लिया. इस सुविधा की सराहना करते हुए मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि इस सुविधा से हरकी पैड़ी पर दिव्यांगजन घाट पर बिना किसी दिक्कत के गंगाजल का आचमन और स्नान कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि ये सुविधा निशुल्क रखी गई है.

दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था

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कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि हरकी पैड़ी पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं और उसमें कई दिव्यांग लोग भी होते हैं. जिन्हें गंगा में स्नान करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसके पीछे हर की पैड़ी पर काफी सीढ़ियां होना बड़ा कारण हैं. ऐसे में व्हीलचेयर से उन्हें उतारना संभव नहीं हो पाता.

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उन्होंने कहा कि इसी परेशानी को देखते हुए महिला घाट के बराबर ऑटोमेटेड हैंड ऑपरेटेड व्हील चेयर व रैंप की सुविधा शुरू की गई है. श्रद्धालु इसे खुद ही चला सकते हैं. इससे लोगों को काफी फायदा भी मिलेगा, वो हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर मां गंगा का स्पर्श कर सकते हैं. इसके लिए उनसे कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा. हरकी पैड़ी पर सीढ़ियों के चलते ब्रह्मकुंड में गंगा नदी तक पहुंचने में दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता था. काफी भीड़ होने से कई बार दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालु मायूस होकर बिना गंगा स्नान के ही वापस लौट जाते थे. ऐसे में महाकुंभ से पहले मेला प्रशासन की ओर से शुरू की गई ये सेवा श्रद्धालुओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी.

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