लक्सर: त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है लेकिन इस बार सभी पर्व कोरोना महामारी के बीच पड़ रहे हैं. ऐसे में आने वाले त्योहारी सीजन में स्थानीय दुकानदारों के माथे पर ग्राहकों के न आने की चिंता की लकीरें साफ दिखाई पड़ रही हैं. कोरोना महामारी की वजह से इस बार स्थानीय बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. दुकानदारों को उम्मीद थी कि त्योहारी सीजन शुरू होने के बाद बाजारों में रौनक देखने को मिलेगी, लेकिन कोरोना महामारी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
कुछ यही हाल लक्सर बाजार का भी है. यहां सभी स्थानीय बाजारों में ग्राहकों की भीड़ त्योहारी सीजन की शुरुआत में ही जुटने लगती थी लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है. कोरोना के डर से लोग बाजारों का रुख करने से कतरा रहे हैं. कोरोना महामारी ने जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया, इसका असर छोटे-मोटे दुकानदारों पर भी पड़ा है. वर्तमान में स्थानीय दुकानदार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं लेकिन त्योहारी सीजन में स्थानीय बाजारों के दुकानदारों को बाजारों में रौनक लौटने की काफी उम्मीद थी, लेकिन ग्राहकों का बजारों की ओर रुख ना करना इस बात की तस्दीक करता है कि उनकी उम्मीद पर पानी फिरता जा रहा है.
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वहीं, दुकानदारों की मानें तो इस बार त्योहार के इस सीजन में बाजारों की हालत बेहद चिंताजनक है. ग्राहक बाजारों को आने से कतरा रहे हैं. कुछ दुकानदारों का तो यहां तक कहना है कि कई बार जिस तरह सुबह खाली हाथ आते हैं, ठीक उसी तरह दुकान बंद करने के बाद खाली हाथ लौटना भी पड़ता है. ऐसे में अगर ये कहा जाए कि कोरोना ने छोटे-मोटे व्यवसाइयों की कमर तोड़ कर रख दी है, तो ये गलत नहीं होगा. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि अगर आगे भी हालात नहीं सुधरे तो वो दिन दूर नहीं जब छोटे दुकानदार भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे.