हरिद्वार: माकपा नेता सीताराम येचुरी द्वारा हिंदुओं को हिंसक बताने और भगवान राम व कृष्ण के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर हरिद्वार के संत समाज ने घोर आपत्ति जताई है. निवर्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने कहा कि येचुरी ने हिंदू को हिंसक बताकर हमारी संस्कृति का अपमान किया है. हिंसा वह होती है जिसके बाद में मन दुखी हो. इतना ही नहीं सत्यमित्रानंद ने तो यहां कह दिया है कि येचुरी को यदि कोई तोप से भी उड़ा दे तो यह कोई हिंसा नहीं होगी.
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सत्यमित्रानंद ने कहा कि उनके इस भाषणा को बाद यदि उन्हें जेल में भी डाल दिया जाएगा तो इसकी उन्हें कोई चिंता नहीं है. सब लोगों को मिलकर सीताराम येचुरी का नाम बदलान चाहिए. येचुरी हिंदू संस्कृति और धार्मिक ग्रंथों को बिना पढ़े ही अमर्यादित बयान देकर सनातन संस्कृति का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को हिंसक बताकर सीताराम येचुरी अपने नाम के विपरीत आचरण कर रहे हैं. उन्हें अपने बयान के लिए हिंदू समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
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बता दें कि माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था कि रामायण और महाभारत भी लड़ाई और हिंसा से भरी है. लेकिन एक प्रचारक के तौर पर उसे केवल एक महाकाव्य बताया जाता रहा हैं. उन्होंने कहा यह दावा करना ठीक नहीं है कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकते हैं. माकपा के महासचिव ने कहा था कि रामायण और महाभारत हिंसा के उदाहरणों से भरे पड़े हैं. इस के बाद यह कहना ठीक नहीं हैं कि हिंदू अहिंसक हैं. उन्होंने कहा वह इस तर्क पर भरोसा नहीं करते जबकि इसके तमाम उदाहरण सामने हैं. सीताराम येचुरी के इस बयान को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव और कुछ संतों हरिद्वार में एफआईआर दर्ज कराई है.