हरिद्वार: देशभर के शिवालयों में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली रही है. वहीं धर्मनगर हरिद्वार के कनखल में भगवान शिव के ससुराल पौराणिक दक्षेश्वर महादेव मंदिर और अन्य सभी शिवालयों में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. सुबह से ही श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं. वहीं तमाम शिवालय बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहे हैं.
विश्व प्रसिद्ध धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. वहीं देश के अन्य राज्यों से आए श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना व दान पुण्य कर रहे हैं. सुबह से ही हरकी पौड़ी ब्रह्म कुंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है.
लोग गंगा स्नान के बाद शिवालयों में पहुंच रहे हैं. हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. मान्यता है कि पौराणिक महाशिवरात्रि पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज के दिन जो व्यक्ति दक्षेश्वर महादेव स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक करता है, उसे अन्य स्थान पर जल चढ़ाने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य मनोज त्रिपाठी ने बताया कि
भगवान शिव का विवाह फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को हुआ था, इसी शब्द का अपभ्रंश हो गया है और शिवरात्रि हो गया है. शुद्ध शब्द है शिव विवाह रात्रि आज ही के दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ में हुआ था. कनखल भगवान शिव की विवाह रात्रि का वही स्थल है, जहां भगवान शिव का पार्वती से विवाह हुआ था. इसलिए इस स्थान का विशेष महत्व है. यहां भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं.
गौर हो कि शिवरात्रि पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक का अत्यधिक महत्व है. लोग अपनी श्रद्धा अनुसार गंगाजल भगवान शिव को अर्पण करते हैं और भगवान का पंचामृत से स्नान कराया जाता है. जिसके बाद श्रद्धालु भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही, शहद, चावल, काले तिल, गेहूं, धतूरा, भांग, कपूर, सफेद चंदन और आक के फूल अर्पित कर रहे हैं.
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