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रुड़की में स्कूल बना तालाब, बच्चों को हो रही भारी दिक्कतें - सरकारी जूनियर हाई स्कूल बना तालाब

रुड़की के भगवानपुर विधानसभा के गांव किशनपुर में पड़ने वाला सरकारी जूनियर हाई स्कूल अपनी बदहाली पर रो रहा है. ये स्कूल पिछले लंबे अरसे से तालाब में तब्दील है और बच्चे इस तालाब में पढ़ने को मजबूर है. स्कूल की हालात सुधरने की बजाय और खराब होते जा रही है, इसके बावजूद शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

सरकारी जूनियर हाई स्कूल
सरकारी जूनियर हाई स्कूल
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Published : Mar 28, 2021, 4:34 PM IST

Updated : Mar 28, 2021, 4:48 PM IST

रुड़की: भगवानपुर विधानसभा के गांव किशनपुर में पड़ने वाला सरकारी जूनियर हाई स्कूल अपनी बदहाली पर रो रहा है. ये स्कूल पिछले लंबे अरसे से तालाब में तब्दील है और बच्चे इस तालाब में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल कि हालात सुधरने की बजाय और खराब होते जा रही है, इसके बावजूद शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

बता दें कि, शुरुआत में जब पानी कम था, तो स्कूली बच्चों ने टेम्परेरी रास्ता बनाकर स्कूल में प्रवेश क रने की व्यवस्था बनाई थी. लेकिन कुछ दिन बाद वो रास्ता भी जलभराव की भेंट चढ़ गया. हालात ये है कि स्कूल में दाखिल होने पर लगता है कि किसी तालाब के पास आ गए है.


हाल ही में उत्तराखंड और दिल्ली के नेताओं के बीच प्रदेश के मॉडल पर खूब जंग छिड़ी हुई थी, दिल्ली के नेता बेहतर शिक्षा मुहैया कराने का दम भरते हुए उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों पर कटास कर रहे थे. तो वहीं उत्तराखंड सरकार के नेता भी बेहतर शिक्षा मुहैया कराने का दावा कर रहे थे.लेकिन उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है.

सरकारी जूनियर हाई स्कूल
भगवानपुर विधानसभा के किशनपुर में जूनियर हाई स्कूल के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इसकी वजह पास में लगी एक पंचवटी कंपनी जिसका केमिकल युक्त पानी स्कूल के अंदर जमा हो रहा है. लेकिन इस ओर कोई शिक्षा विभाग के अधिकारी या स्थानीय जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दें रहे है. इस स्कूल के अंदर गंदा पानी आने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. यहां पर पढ़ाने वाले शिक्षक और स्कूल के सभी छात्र-छात्राएं स्कूल की दीवार फांद कर स्कूल में प्रवेश करने को मजबूर हैं.

पढ़ें: जल्द खुलने जा रही विश्व की सबसे 'अद्भुत' गली, भारत-तिब्बत व्यापार की है गवाह

बता दें कि, यह स्कूल पिछले 5 सालों से इसी स्थिति में पड़ा हुआ है. यहां पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं पहले तो स्कूल के गेट से आते थे और जब पानी भरना शुरू हो गया तो बच्चों के द्वारा ईटें बिछाकर रास्ता बनाया गया. लेकिन आज की स्थिति यह है कि जो ईटों का रास्ता बच्चों द्वारा बनाया गया था वह इंटे भी पानी में डूब चुकी है. स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा लगातार विभाग को शिकायत करने के बाद भी आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया. हालात इतने खराब है कि इस इकट्ठे हुए पानी मे जहरीले मच्छर पैदा हो रहे हैं, जिससे बच्चों और शिक्षकों को भी संक्रमण फैलने का खतरा सता रहा है.

रुड़की: भगवानपुर विधानसभा के गांव किशनपुर में पड़ने वाला सरकारी जूनियर हाई स्कूल अपनी बदहाली पर रो रहा है. ये स्कूल पिछले लंबे अरसे से तालाब में तब्दील है और बच्चे इस तालाब में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल कि हालात सुधरने की बजाय और खराब होते जा रही है, इसके बावजूद शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

बता दें कि, शुरुआत में जब पानी कम था, तो स्कूली बच्चों ने टेम्परेरी रास्ता बनाकर स्कूल में प्रवेश क रने की व्यवस्था बनाई थी. लेकिन कुछ दिन बाद वो रास्ता भी जलभराव की भेंट चढ़ गया. हालात ये है कि स्कूल में दाखिल होने पर लगता है कि किसी तालाब के पास आ गए है.


हाल ही में उत्तराखंड और दिल्ली के नेताओं के बीच प्रदेश के मॉडल पर खूब जंग छिड़ी हुई थी, दिल्ली के नेता बेहतर शिक्षा मुहैया कराने का दम भरते हुए उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों पर कटास कर रहे थे. तो वहीं उत्तराखंड सरकार के नेता भी बेहतर शिक्षा मुहैया कराने का दावा कर रहे थे.लेकिन उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है.

सरकारी जूनियर हाई स्कूल
भगवानपुर विधानसभा के किशनपुर में जूनियर हाई स्कूल के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इसकी वजह पास में लगी एक पंचवटी कंपनी जिसका केमिकल युक्त पानी स्कूल के अंदर जमा हो रहा है. लेकिन इस ओर कोई शिक्षा विभाग के अधिकारी या स्थानीय जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दें रहे है. इस स्कूल के अंदर गंदा पानी आने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. यहां पर पढ़ाने वाले शिक्षक और स्कूल के सभी छात्र-छात्राएं स्कूल की दीवार फांद कर स्कूल में प्रवेश करने को मजबूर हैं.

पढ़ें: जल्द खुलने जा रही विश्व की सबसे 'अद्भुत' गली, भारत-तिब्बत व्यापार की है गवाह

बता दें कि, यह स्कूल पिछले 5 सालों से इसी स्थिति में पड़ा हुआ है. यहां पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं पहले तो स्कूल के गेट से आते थे और जब पानी भरना शुरू हो गया तो बच्चों के द्वारा ईटें बिछाकर रास्ता बनाया गया. लेकिन आज की स्थिति यह है कि जो ईटों का रास्ता बच्चों द्वारा बनाया गया था वह इंटे भी पानी में डूब चुकी है. स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा लगातार विभाग को शिकायत करने के बाद भी आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया. हालात इतने खराब है कि इस इकट्ठे हुए पानी मे जहरीले मच्छर पैदा हो रहे हैं, जिससे बच्चों और शिक्षकों को भी संक्रमण फैलने का खतरा सता रहा है.

Last Updated : Mar 28, 2021, 4:48 PM IST
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