ETV Bharat / state

अच्छी पहलः हरिद्वार के इस मदरसे में संस्कृत और हिंदी की भी दी जा रही तालीम

हरिद्वार के दारुल उलूम रशीदिया ईदगाह मदरसा में संस्कृत और हिंदी भी पढ़ाई जा रही है. मदरसे में सरकार द्वारा दी गई एनसीईआरटी किताब की मदद से संस्कृत भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. ताकि बच्चे उर्दू के अलावा संस्कृत भाषा का प्रयोग भविष्य में आजीविका के लिए कर सकें.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Nov 29, 2022, 2:47 PM IST

देहरादूनः देवभूमि के धर्मनगरी में एक मदरसा ऐसा भी है जहां उर्दू और संस्कृत दोनों की शिक्षा (Urdu and Sanskrit education in madrassa) दी जाती है. हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में पड़ने वाला दारुल उलूम रशीदिया ईदगाह मदरसे (Haridwar Darul Uloom Rashidiya Idgah Madrasa) में अब कुरान की शिक्षा के साथ संस्कृत के मंत्रों की दीक्षा भी दी जा रही है. अब मदरसों में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी सहित भारत की पौराणिक भाषा संस्कृत की तालीम दी जाने लगी है. सरकार द्वारा दी गई एनसीईआरटी किताब की मदद से मदरसों में संस्कृत भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. ताकि बच्चे उर्दू के अलावा संस्कृत भाषा का प्रयोग भविष्य में आजीविका के लिए कर सकें.

एक तरफ उत्तराखंड सरकार द्वारा मदरसों को मॉडर्नाइजेशन करने की बात की जा है. वहीं, समय के अनुरूप मदरसों का नवीनीकरण मदरसा संचालकों द्वारा किया जा रहा है. हरिद्वार के ज्वालापुर मदरसे में हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा पढ़ाई जा रही है. बच्चों को अपनी भाषा चुनने का पूरा अधिकार भी मदरसे द्वारा दिया गया है.

मदरसे में संस्कृत और हिंदी की भी दी जा रही तालीम.
ये भी पढ़ेंः IFS अधिकारियों पर कार्रवाई से क्यों बच रही सरकार? जांच पर मौन

मदरसे के शिक्षकों का कहना है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे संस्कृत भाषा में खासी रुचि ले रहे हैं और संस्कृत भाषा को अपनी प्रथम भाषा बनाने के लिए राह में आगे बढ़ रहे हैं. वहीं, मदरसे के संचालक का कहना है कि लगातार कुछ मुस्लिम विरोधी लोगों द्वारा मदरसों को बदनाम करने का कार्य किया जाता रहा है. लेकिन मदरसों में देश के आने वाले भविष्य को उज्ज्वल बनाने का कार्य किया जा रहा है.

देहरादूनः देवभूमि के धर्मनगरी में एक मदरसा ऐसा भी है जहां उर्दू और संस्कृत दोनों की शिक्षा (Urdu and Sanskrit education in madrassa) दी जाती है. हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में पड़ने वाला दारुल उलूम रशीदिया ईदगाह मदरसे (Haridwar Darul Uloom Rashidiya Idgah Madrasa) में अब कुरान की शिक्षा के साथ संस्कृत के मंत्रों की दीक्षा भी दी जा रही है. अब मदरसों में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी सहित भारत की पौराणिक भाषा संस्कृत की तालीम दी जाने लगी है. सरकार द्वारा दी गई एनसीईआरटी किताब की मदद से मदरसों में संस्कृत भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. ताकि बच्चे उर्दू के अलावा संस्कृत भाषा का प्रयोग भविष्य में आजीविका के लिए कर सकें.

एक तरफ उत्तराखंड सरकार द्वारा मदरसों को मॉडर्नाइजेशन करने की बात की जा है. वहीं, समय के अनुरूप मदरसों का नवीनीकरण मदरसा संचालकों द्वारा किया जा रहा है. हरिद्वार के ज्वालापुर मदरसे में हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा पढ़ाई जा रही है. बच्चों को अपनी भाषा चुनने का पूरा अधिकार भी मदरसे द्वारा दिया गया है.

मदरसे में संस्कृत और हिंदी की भी दी जा रही तालीम.
ये भी पढ़ेंः IFS अधिकारियों पर कार्रवाई से क्यों बच रही सरकार? जांच पर मौन

मदरसे के शिक्षकों का कहना है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे संस्कृत भाषा में खासी रुचि ले रहे हैं और संस्कृत भाषा को अपनी प्रथम भाषा बनाने के लिए राह में आगे बढ़ रहे हैं. वहीं, मदरसे के संचालक का कहना है कि लगातार कुछ मुस्लिम विरोधी लोगों द्वारा मदरसों को बदनाम करने का कार्य किया जाता रहा है. लेकिन मदरसों में देश के आने वाले भविष्य को उज्ज्वल बनाने का कार्य किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.