हरिद्वार: तेलंगाना में इंडियन पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप (Indian Power Lifting Championship ) के बैनर तले आयोजित पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में हरिद्वार की संध्या राजपूत ने रजत पदक जीत उत्तराखंड का नाम रोशन किया है. संध्या राजपूत ने शादी के 17 सालों बाद पावर लिफ्टिंग को अपना जनून बनाया. हालांकि, संध्या पिछली बार इस प्रतियोगिता में गोल्ड भी जीत चुकी है. संध्या राजपूत अब तक कुल 18 पदक जीत चुकी है.
पेशे से एक टीचर संध्या राजपूत हरिद्वार में ही स्थित महर्षि विद्या मंदिर स्कूल में अध्य्यापन का कार्य करती है. संध्या राजपूत के दो लड़के है. एक 18 साल जबकि दूसरा 17 साल का है. संध्या के पति बीआरओ में कार्यरत है. अध्यापन से पावर लिफ्टिंग के क्षेत्र के सफर के बारे में संध्या का कहना है कि शादी के करीब 17 सालों बाद जब उनका वजन करीब 96 किलो हो गया तो वजन कम करने के लिए उन्होंने जिम ज्वाइन किया था. लेकिन वजन कम होने के साथ-साथ, धीरे-धीरे उनका रूझान पावर लिफ्टिंग की ओर बढ़ने लगा. इस दौरान उनके कोच विनोद नेगी ने उन्हें पावर लिफ्टिंग में हाथ आजमाने की सलाह दी.
जिसके बाद उन्होंने अपने कोच के दिशा निर्देश में तैयारी शुरू कर दी और मात्र एक साल के अंदर ही पहला पदक हासिल किया. जिसके बाद सिलसिला लगातार चलता रहा और वे कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करने लगी. अपनी इस कामयाबी के पीछे संध्या राजपूत अपने कोच और अपने संस्थान महर्षि विद्या मंदिर के स्टाफ और प्रबंधन को देती है. जिन्होंने उन्हें प्रतियोगिताओं के लिए प्रोत्साहित किया.
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संध्या का सपना अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए मेडल जीतने का है. वहीं संध्या ने घर पर रहने वाली ग्रहणी को सलाह देते हुए कहा कि वह भी बहुत कुछ कर सकती है शादी के बाद भी लाइफ में कई गोल अचीव किए जा सकते है. जैसे उन्होंने किया है. बस हौसला रखना चाहिए और दुसरों की प्रवाह नहीं करनी चाहिए.