हरिद्वारः हरिद्वार: धर्मनगरी में बीते दिनों आयोजित हुई धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में पुलिस कार्रवाई के विरोध संतों ने आज रविवार को सर्वानंद घाट में प्रतिकार सभा का आयोजन किया. जिसके संतों ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों की वापसी और हेट स्पीच मामले में एसआईटी को रद्द करने की मांग की. इस दौरान वक्ताओं ने सीएम पुष्कर सिंह धामी पर जमकर निशाना साधा.
संतों ने सीएम धामी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिहादी मानसिकता का कोई भी मुख्यमंत्री उत्तराखंड का नहीं होना चाहिए, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो. संतों पर मुकदमा करा कर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि वह जिहादियों के दबाव में कार्य करते हैं. वहीं धर्म संसद पर बोलते हुए आनंद स्वरूप ने कहा कि धर्म संसद जहां-जहां होनी तय हुई थी, उसी दिन होगी. धर्म संसद पर किसी तरह की रोक नहीं है, हमारे द्वारा लगातार धर्म संसद कराई जाएंगी.
बता दें कि कल हेट स्पीच मामले और समुदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ अर्मायादित टिप्पणी के मामले में पुलिस ने शनिवार रात जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार कर लिया. वह सर्वानंद घाट पर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में अनशन पर बैठे थे. आज यति नरसिंहानंद को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी.
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संतों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में आयोजित हो रही प्रतिकार सभा में स्वामी आनंद स्वरूप, स्वामी सिंधु सागर, महंत प्रह्लाद दास , स्वामी परबोधानंद, स्वामी अमृतानंद, विनोद महाराज आदि शामिल हैं.
ये है पूरा मामलाः हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इसमें वक्ताओं द्वारा कथित तौर पर विशेष धर्म समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. इसी वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ज्वालापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ IPC की धारा 153ए, 298 में मुकदमा दर्ज किया था.
बाद में पुलिस ने वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर महामंडलेश्वर धरमदास परमानंद और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम भी केस दर्ज किया था. इसके बाद सागर सिंधु महाराज, यति नरसिंहानंद गिरि, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रमोधानंद गिरि का नाम भी FIR में जोड़ा गया था. इस मामले में बुधवार 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने भी राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन हुआ है, जो इस मामले की जांच कर रही है.
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वसीम रिजवी के गिरफ्तारी पर हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया था कि रिजवी पर तीन मामले दर्ज हैं. ये गिरफ्तारी तीसरे मामले में हुई है. रिजवी को काफी समय से नोटिस दिया जा रहा था, लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
गौर हो कि, वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. साल 2000 में वह लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से सपा के नगर सेवक चुने गए. 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में बोर्ड के अध्यक्ष बने. वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था साथ ही याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था.