हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड में चार धामों समेत तमाम धार्मिक स्थलों पर फैल रही कथित अश्लीलता से व्यथित संतों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से अपील की है. संतों ने कहा है कि उत्तराखंड को पर्यटन नहीं बल्कि तीर्थाटन की दृष्टि से देखा जाए. इसके लिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की जाए कि वह देवभूमि में आएं तो अपने वस्त्रों का ख्याल रखें और तीर्थ क्षेत्रों की मर्यादा का पालन करें.
संतों ने की चारधाम आ रहे श्रद्धालुओं से शपथ पत्र भरवाने की मांग: संतों ने कहा है कि जिस तरह से चारधामों में इन दिनों लोग पिकनिक मनाने के लिए आ रहे हैं, उससे देवभूमि उत्तराखंड की छवि धूमिल हो रही है. लिहाजा उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन के वक्त ही इस बात का भी शपथ पत्र भरवाया जाए कि वह यहां तीर्थ की मर्यादा का पालन करेंगे और खासकर युवतियां और महिलाएं छोटे कपड़े नहीं पहनेंगी.
देवभूमि में मर्यादा में रहने की अपील: संतों के अनुसार अगर शपथ पत्र भरने के बाद भी यहां आने वाले श्रद्धालु इस बात का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. हरिद्वार के कनखल स्थित हरे राम आश्रम में पत्रकारों से बात करते हुए जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने यह बातें कहीं हैं.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार के साधु संतों ने मंदिरों में ड्रेस कोड का किया स्वागत, जानिए कहां हुआ लागू और क्या है ये नियम
प्रबोधानंद गिरि बोले- उत्तराखंड तीर्थाटन करने आएं पर्यटन करने नहीं: स्वामी प्रबोधानंद गिरि के अनुसार चारधाम यात्रा समेत पूरे उत्तराखंड में आने वाले श्रद्धालु आजकल यहां तीर्थाटन कम बल्कि पर्यटन की दृष्टि से आ रहे हैं. जबकि यहां धर्म और आध्यात्म का क्षेत्र है और इसे पिकनिक स्पॉट बनाया जा रहा है. ऐसे में देवभूमि उत्तराखंड की गलत तस्वीर देश दुनिया में जा रही है. यही नहीं तीर्थों की मर्यादा भंग होने से ही उत्तराखंड में आपदाएं आती हैं. ऐसे में आपदाओं से बचने के लिए उत्तराखंड सरकार तत्काल यह कदम उठाए.