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देहरादून से रामपुर तिराहा तक निकाली गई शहीद सम्मान साइकिल यात्रा

शहीदों के सम्मान में साइकिल यात्रा (Cycle yatra in honor of martyrs ) निकाली गई. ये शहीद सम्मान साइकिल यात्रा (saheed samman Cycle yatra) देहरादून से निकाली गई. शहीद सम्मान साइकिल यात्रा देहरादून, हरिद्वार होते हुए रामपुर तिराहा पहुंची. यहां शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी गई.

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देहरादून से रामपुर तिराहा तक निकाली गई शहीद सम्मान साइकिल यात्रा
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Published : Oct 2, 2022, 3:19 PM IST

Updated : Oct 2, 2022, 9:57 PM IST

देहरादून/हरिद्वार: पृथक राज्य की मांग को लेकर बस से दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों के साथ दो अक्टूबर को रामपुर तिराहा में दर्दनाक घटना घटी थी. उस घटना को याद कर आज भी राज्य आंदोलनकारी सिहर उठते हैं. उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम दिन पर आज शहीदों को याद किया गया. इस मौके पर शहीदों के सम्मान में साइकिल यात्रा निकाली गई. 'शहीद सम्मान यात्रा' को उत्तराखंड राज्य आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाली वरिष्ट राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस मौके पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे. उन्होंने रवानगी से पूर्व उत्तराखंड आंदोलन में मातृ शक्ति की भूमिका और आंदोलनकारियों के साथ हुई बर्बरता का उल्लेख किया.

सुशीला बलूनी ने कहा उत्तराखंड के शहीदों को यही बड़ी श्रद्धांजलि होगी कि नयी पीढ़ी शुद्ध भाव से राज्य की कमान अपने हाथ लेने आगे आये. युवाओं से बड़ी उम्मीद है और वही राज्य की किस्मत बदल सकते हैं. उन्होंने राज्य आंदोलन के दौर को याद करते हुए आंदोलनकारियों की लक्ष्य हासिल करने मरने-जीने की जिद्द को रेखांकित किया और मौजूदा वक्त में उसी जज़्बे की जरूरत की कामना की.

शहीद सम्मान साइकिल यात्रा.

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'हस्तक्षेप' संगठन और 'मैत्री एडवेंचर क्लब' की संयुक्त साझेदारी ने 'शहीद सम्मान यात्रा' को प्रवासी-निवासी एकजुटता और संवेदनशीलता से गहरे रेखांकित किया. 'हस्तक्षेप' के संस्थापक केशरसिंह बिष्ट और 'मैत्री एडवेंचर क्लब' के सुधीर बडोनी व खेल की दुनिया के प्रखर चेहरे विमल डबराल ने 'शहीद समान यात्रा' को भावनाओं में गढ़ कर सामाजिक संकल्प शक्ति को नया मुकाम दिया. साथ ही खेल की दुनिया का बड़ा नाम 'डेकेथलॉन' ने साइकिल सवारों को भेंट देकर हौंसला बढ़ाया.

saheed samman Cycle yatra
शहीद सम्मान साइकिल यात्रा

पढे़ं- अंकिता हत्याकांड: मुख्य आरोपी पुलकित पर लगेगा गैंगस्टर एक्ट, पुरानी 'कुंडली' खंगाल रही पुलिस

शहीद सम्मान यात्रा देहरादून के कचहरी स्थित शहीद स्थल से शुरू हुई और हर्रावाला, डोईवाला, नेपाली फार्म, रायवाला होती हुई हरिद्वार पहुंची. हरिद्वार में सप्त ऋषि चुंगी, शंकराचार्य चौक, सहगल पेट्रोल पंप बायपास होती हुई सिंह द्वार पहुंची. जहां साइकिल यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ.

saheed samman Cycle yatra
रामपुर तिराहा पहुंची शहीद सम्मान साइकिल यात्रा

पढे़ं- अंकिता भंडारी के दोषियों को मिलेगी सख्त सजा, महिला सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीरः रेखा आर्य

यह साइकिल यात्रा करीब 130 किलोमीटर का सफर तय करके मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे के शहीद स्थल पर पहुंची.शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी गई. शहीद सम्मान साइकिल यात्रा का आयोजन मुंबई के उत्तराखंड प्रवासियों के सामाजिक संगठन हस्तक्षेप ने किया.

saheed samman Cycle yatra
देहरादून से शुरू हुई शहीद सम्मान साइकिल यात्रा

पढ़ें- अंकिता भंडारी गांव में बनानी चाहती थी घर, हैवानों ने उसके सपनों के साथ मार डाला

शहीद सम्मान साइकिल यात्रा के मुख्य संयोजक और हस्तक्षेप संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केसर सिंह बिष्ट ने कहा कि यह साइकिल यात्रा रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए उत्तराखंड आंदोलनकारियों की याद में निकाली जा रही है. यह यात्रा यहीं पर समाप्त नहीं होगी बल्कि पूरे देश में जारी रहेगी. जब तक उत्तराखंड के शहीदों के सपनों का राज्य नहीं बन जाता तब तक हम साइकिल यात्रा जारी रखेंगे. उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 22 सालों बाद भी के शहीदों के सपनों का उत्तराखंड राज्य नहीं बन पाया है.

देहरादून/हरिद्वार: पृथक राज्य की मांग को लेकर बस से दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों के साथ दो अक्टूबर को रामपुर तिराहा में दर्दनाक घटना घटी थी. उस घटना को याद कर आज भी राज्य आंदोलनकारी सिहर उठते हैं. उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम दिन पर आज शहीदों को याद किया गया. इस मौके पर शहीदों के सम्मान में साइकिल यात्रा निकाली गई. 'शहीद सम्मान यात्रा' को उत्तराखंड राज्य आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाली वरिष्ट राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस मौके पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे. उन्होंने रवानगी से पूर्व उत्तराखंड आंदोलन में मातृ शक्ति की भूमिका और आंदोलनकारियों के साथ हुई बर्बरता का उल्लेख किया.

सुशीला बलूनी ने कहा उत्तराखंड के शहीदों को यही बड़ी श्रद्धांजलि होगी कि नयी पीढ़ी शुद्ध भाव से राज्य की कमान अपने हाथ लेने आगे आये. युवाओं से बड़ी उम्मीद है और वही राज्य की किस्मत बदल सकते हैं. उन्होंने राज्य आंदोलन के दौर को याद करते हुए आंदोलनकारियों की लक्ष्य हासिल करने मरने-जीने की जिद्द को रेखांकित किया और मौजूदा वक्त में उसी जज़्बे की जरूरत की कामना की.

शहीद सम्मान साइकिल यात्रा.

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'हस्तक्षेप' संगठन और 'मैत्री एडवेंचर क्लब' की संयुक्त साझेदारी ने 'शहीद सम्मान यात्रा' को प्रवासी-निवासी एकजुटता और संवेदनशीलता से गहरे रेखांकित किया. 'हस्तक्षेप' के संस्थापक केशरसिंह बिष्ट और 'मैत्री एडवेंचर क्लब' के सुधीर बडोनी व खेल की दुनिया के प्रखर चेहरे विमल डबराल ने 'शहीद समान यात्रा' को भावनाओं में गढ़ कर सामाजिक संकल्प शक्ति को नया मुकाम दिया. साथ ही खेल की दुनिया का बड़ा नाम 'डेकेथलॉन' ने साइकिल सवारों को भेंट देकर हौंसला बढ़ाया.

saheed samman Cycle yatra
शहीद सम्मान साइकिल यात्रा

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शहीद सम्मान यात्रा देहरादून के कचहरी स्थित शहीद स्थल से शुरू हुई और हर्रावाला, डोईवाला, नेपाली फार्म, रायवाला होती हुई हरिद्वार पहुंची. हरिद्वार में सप्त ऋषि चुंगी, शंकराचार्य चौक, सहगल पेट्रोल पंप बायपास होती हुई सिंह द्वार पहुंची. जहां साइकिल यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ.

saheed samman Cycle yatra
रामपुर तिराहा पहुंची शहीद सम्मान साइकिल यात्रा

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यह साइकिल यात्रा करीब 130 किलोमीटर का सफर तय करके मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे के शहीद स्थल पर पहुंची.शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी गई. शहीद सम्मान साइकिल यात्रा का आयोजन मुंबई के उत्तराखंड प्रवासियों के सामाजिक संगठन हस्तक्षेप ने किया.

saheed samman Cycle yatra
देहरादून से शुरू हुई शहीद सम्मान साइकिल यात्रा

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शहीद सम्मान साइकिल यात्रा के मुख्य संयोजक और हस्तक्षेप संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केसर सिंह बिष्ट ने कहा कि यह साइकिल यात्रा रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए उत्तराखंड आंदोलनकारियों की याद में निकाली जा रही है. यह यात्रा यहीं पर समाप्त नहीं होगी बल्कि पूरे देश में जारी रहेगी. जब तक उत्तराखंड के शहीदों के सपनों का राज्य नहीं बन जाता तब तक हम साइकिल यात्रा जारी रखेंगे. उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 22 सालों बाद भी के शहीदों के सपनों का उत्तराखंड राज्य नहीं बन पाया है.

Last Updated : Oct 2, 2022, 9:57 PM IST
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