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बड़े-बड़े नेताओं ने ठुकराया, अब लिया बूट पॉलिश का सहारा, क्या मिलेगा न्याय!

रुड़की के अरुण सैनी ने हीरो मोटर कार्प कंपनी के गेट पर कर्मचारियों के जूते पॉलिश कर इंसाफ की गुहार लगाई. कंपनी ने अरुण को 2 वर्ष पूर्व निकाल दिया था.

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Published : Oct 7, 2019, 10:54 AM IST

अरुण सैनी

रुड़कीः हीरो मोटर कार्प कंपनी का एक कर्मचारी पिछले 2 साल से इंसाफ के लिए गुहार लगा रहा है. अब इस कर्मचारी ने कंपनी के बाहर बूट पॉलिश कर अनोखा विरोध किया. पीड़ित कर्मचारी अरुण सैनी के अनुसार 11 साल कंपनी में लगातार काम करने के बाद 2 साल पहले कंपनी ने उसे अचानक बाहर निकाल दिया. कंपनी के इस फैसले से उसके परिवार पर भुखमरी की नौबत आ गई है.

बूट पॉलिश कर कर्मचारी ने जताया विरोध.

बता दें कि रुड़की के रहने वाले अरुण सैनी द्वारा कंपनी के गेट पर सैकड़ों कर्मचारियों के जूतों पर पॉलिश की गई है. जिसमें अरुण को एक रुपए से लेकर दस रुपए तक बूट पॉलिश के लिए दिए गए. पीड़ित का कहना है कि 11 साल कंपनी द्वारा काम लेने के बाद मुझे 2 साल पहले कंपनी से अचानक बाहर कर दिया गया. अब मेरे सामने रोजी-रोटी का सवाल है. दीपावली नजदीक है ऐसे में मुझे कोई गिफ्ट बोनस और सैलरी भी नहीं मिलेगी.

यह भी पढ़ेंः आखिर 1 करोड़ 38 लाख लूटकांड मामले में पुलिस को मिली तहरीर, 5 महीने बाद की गई शिकायत

इसके चलते उन्होंने अपने बच्चों की दीपावली मनाने के लिए सभी कर्मचारियों के जूतों पर पॉलिश कर एक रुपये से लेकर 10 रुपए तक इकट्ठा किए गए ताकि मेरे बच्चों की दिवाली बन सके.वहीं पीड़ित कर्मचारी ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के सामने भी अपनी गुहार उस समय लगाई थी जब वे रामनगर में श्रम विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर आए थे. लेकिन इसके बावजूद इंसाफ नहीं मिल पाया है.

अरुण की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. स्थिति यह है कि पीड़ित कर्मचारी को अपने ही साथियों के बूट पॉलिश कर अपने परिवार की दीपावली के लिए धन जुटाना पड़ रहा है.

रुड़कीः हीरो मोटर कार्प कंपनी का एक कर्मचारी पिछले 2 साल से इंसाफ के लिए गुहार लगा रहा है. अब इस कर्मचारी ने कंपनी के बाहर बूट पॉलिश कर अनोखा विरोध किया. पीड़ित कर्मचारी अरुण सैनी के अनुसार 11 साल कंपनी में लगातार काम करने के बाद 2 साल पहले कंपनी ने उसे अचानक बाहर निकाल दिया. कंपनी के इस फैसले से उसके परिवार पर भुखमरी की नौबत आ गई है.

बूट पॉलिश कर कर्मचारी ने जताया विरोध.

बता दें कि रुड़की के रहने वाले अरुण सैनी द्वारा कंपनी के गेट पर सैकड़ों कर्मचारियों के जूतों पर पॉलिश की गई है. जिसमें अरुण को एक रुपए से लेकर दस रुपए तक बूट पॉलिश के लिए दिए गए. पीड़ित का कहना है कि 11 साल कंपनी द्वारा काम लेने के बाद मुझे 2 साल पहले कंपनी से अचानक बाहर कर दिया गया. अब मेरे सामने रोजी-रोटी का सवाल है. दीपावली नजदीक है ऐसे में मुझे कोई गिफ्ट बोनस और सैलरी भी नहीं मिलेगी.

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इसके चलते उन्होंने अपने बच्चों की दीपावली मनाने के लिए सभी कर्मचारियों के जूतों पर पॉलिश कर एक रुपये से लेकर 10 रुपए तक इकट्ठा किए गए ताकि मेरे बच्चों की दिवाली बन सके.वहीं पीड़ित कर्मचारी ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के सामने भी अपनी गुहार उस समय लगाई थी जब वे रामनगर में श्रम विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर आए थे. लेकिन इसके बावजूद इंसाफ नहीं मिल पाया है.

अरुण की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. स्थिति यह है कि पीड़ित कर्मचारी को अपने ही साथियों के बूट पॉलिश कर अपने परिवार की दीपावली के लिए धन जुटाना पड़ रहा है.

Intro:रुड़की

रूड़की: 11 साल कंपनी में लगातार काम करने के बाद 2 साल पहले कंपनी से बाहर निकाले गए अरुण सैनी नामक कर्मचारी को जब इंसाफ नही मिला तो आज उसने हरिद्वार स्थित हीरो मोटर कार्प कंपनी के बाहर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है। क्योंकि अब अरुण सैनी को अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

Body:बता दें कि रुड़की के रहने वाले अरुण सैनी के द्वारा कंपनी के गेट पर कंपनी के अंदर काम करने वाले सेकड़ो कर्मचारियों के जूतों पर पॉलिश की गई है जिसमें पीड़ित कर्मचारी अरुण के द्वारा ₹1 से लेकर ₹10 तक बूट पॉलिश के लिए गए हैं। पीड़ित अरुण सैनी का कहना है कि 11 साल कंपनी के द्वारा काम लेने के बाद मुझे 2 साल पहले कंपनी से अचानक बाहर कर दिया गया।अब मेरे सामने रोजी-रोटी का सवाल है दिवाली नजदीक है ऐसे में मुझे कोई गिफ्ट बोनस और सैलरी भी नहीं मिलेगी। इसके चलते मैंने अपने बच्चों की दिवाली मनाने के लिए सभी कर्मचारियों के जूतों पर पॉलिश कर एक रुपये से लेकर ₹10 तक इकट्ठा किए जिससे मेरे बच्चों की दिवाली बन सके।


Conclusion:वहीं पीड़ित कर्मचारी के द्वारा श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के सामने भी अपनी गुहार उस समय लगाई थी जब श्रम मंत्री रुड़की के रामनगर में श्रम विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर आए थे। लेकिन इसके बावजूद अरुण सैनी को इंसाफ नहीं मिल पाया है। वहीं अरुण की आर्थिक स्तिथि अब आकर कमज़ोर हो चली है। वहीं पीड़ित कर्मचारी को अपने ही साथियों के बूट पॉलिश कर अपने परिवार की दिवाली बनानी पड़ रही है।

बाइट --अरुण सैनी (पीड़ित कर्मचारी)
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