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रुड़की: भाजपा के 14 पार्षदों ने अपना सामूहिक इस्तीफा लिया वापस

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Published : Jan 12, 2022, 12:43 PM IST

मंगलवार की देर रात घंटों तक चली वार्ता के बीच डॉ.निशंक ने रुड़की निगम के घटनाक्रम पर वार्ता की. उनके द्वारा समस्या के हल को लेकर किए गए प्रयास से सभी नाराज पार्षद संतुष्ट दिखाई दिए.

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14 पार्षदों ने अपना सामूहिक इस्तीफा लिया वापस.

रुड़की: नगर निगम रुड़की के 14 भाजपा पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे की गूंज राजधानी देहरादून तक पहुंच गई. ऐसे में इस मामले के समाधान के लिए हरिद्वार सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. जिसके बाद इस्तीफा देने वाले भाजपा पार्षदों और मेयर गौरव गोयल ने देहरादून आवास पर हरिद्वार निशंक से मुलाकात के बुलाया और उनकी नाराजगी दूर की. जिसके बाद पार्षदों ने अपने-अपने इस्तीफे वापस लेने का मन बना लिया है.

बता दें कि मंगलवार की देर रात घंटों तक चली वार्ता के बीच डॉ.निशंक ने रुड़की निगम के घटनाक्रम पर हरिद्वार भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.जयपाल सिंह चौहान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शहरी विकास सचिव एवं शहरी विकास मंत्री और भाजपा के कई प्रांतीय नेताओं से वार्ता की. उनके द्वारा समस्या के हल को लेकर किए गए प्रयास से सभी नाराज पार्षद संतुष्ट दिखाई दिए. उन्होंने भाजपा के साथ जुड़े रहने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

पढ़ें- Uttarakhand Weather: पहाड़ों पर कड़ाके की ठंड, मैदानों में कोहरे ने बढ़ाई टेंशन, येलो अलर्ट

इस मौके पर डॉ.निशंक ने कहा कि जनप्रतिनिधि का सम्मान करना लोकतंत्र में आवश्यक है, यदि कोई अधिकारी किसी भी जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनता तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि की जवाबदेही जनता के लिए होती है, क्योंकि जनता द्वारा उसे अपनी समस्याओं के समाधान व क्षेत्र के विकास के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में चुनकर भेजा जाता है और यदि आपसी तालमेल और समन्वय, ईमानदारी एवं पारदर्शिता से कार्य नहीं होंगे तो विकास के कार्य बाधित होंगे. निशंक द्वारा किए गए प्रयास के बाद सभी नाराज पार्षदों ने अपने-अपने इस्तीफे वापस लेने के साथ ही पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करने की बात कही.

रुड़की: नगर निगम रुड़की के 14 भाजपा पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे की गूंज राजधानी देहरादून तक पहुंच गई. ऐसे में इस मामले के समाधान के लिए हरिद्वार सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. जिसके बाद इस्तीफा देने वाले भाजपा पार्षदों और मेयर गौरव गोयल ने देहरादून आवास पर हरिद्वार निशंक से मुलाकात के बुलाया और उनकी नाराजगी दूर की. जिसके बाद पार्षदों ने अपने-अपने इस्तीफे वापस लेने का मन बना लिया है.

बता दें कि मंगलवार की देर रात घंटों तक चली वार्ता के बीच डॉ.निशंक ने रुड़की निगम के घटनाक्रम पर हरिद्वार भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.जयपाल सिंह चौहान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शहरी विकास सचिव एवं शहरी विकास मंत्री और भाजपा के कई प्रांतीय नेताओं से वार्ता की. उनके द्वारा समस्या के हल को लेकर किए गए प्रयास से सभी नाराज पार्षद संतुष्ट दिखाई दिए. उन्होंने भाजपा के साथ जुड़े रहने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

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इस मौके पर डॉ.निशंक ने कहा कि जनप्रतिनिधि का सम्मान करना लोकतंत्र में आवश्यक है, यदि कोई अधिकारी किसी भी जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनता तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि की जवाबदेही जनता के लिए होती है, क्योंकि जनता द्वारा उसे अपनी समस्याओं के समाधान व क्षेत्र के विकास के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में चुनकर भेजा जाता है और यदि आपसी तालमेल और समन्वय, ईमानदारी एवं पारदर्शिता से कार्य नहीं होंगे तो विकास के कार्य बाधित होंगे. निशंक द्वारा किए गए प्रयास के बाद सभी नाराज पार्षदों ने अपने-अपने इस्तीफे वापस लेने के साथ ही पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करने की बात कही.

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