रुड़की: नगर निगम का गठन होने के बाद दूसरी बोर्ड बैठक के आयोजन में महापौर को पार्षदों का विरोध झेलना पड़ा. करीब एक साल बाद हुई दूसरी बोर्ड बैठक में 200 प्रस्ताव रखे गए थे. इनमें से मात्र 3 प्रस्ताव ही सर्वसम्मति से पास किए गए. बाकी 197 प्रताव को अगली बोर्ड बैठक तक स्थगित कर दिया गया. इसपर पार्षद भड़क गए और बोर्ड बैठक को लेट करने पर कड़ी नाराजगी जताई. बड़ी बात ये रही कि भाजपा मेयर को अपने ही पार्षदों का विरोध झेलना पड़ा.
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बता दें कि रुड़की नगर निगम में करीब एक साल बाद बोर्ड की दूसरी बैठक की गई. प्रस्ताव पास न होने सहित बोर्ड बैठक लेट होने पर पार्षदों ने मेयर की कार्यप्रणाली से नाराजगी जताई. इसी बीच नाराज पार्षद चलती बोर्ड बैठक से निकलकर बाहर आ गए. उन्होंने मेयर के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि, कुछ देर बाद नाराज पार्षदों को दोबारा बोर्ड बैठक में बुला लिया गया.
मेयर गौरव गोयल ने बताया कि कोरोना काल के चलते बोर्ड बैठक करने में देरी हुई. लेकिन अब से पार्षदों की नाराजगी का ध्यान रखा जाएगा. मेयर ने बताया कि बोर्ड गठन होने के बाद विकास कार्यों के लिए करीब 500 से ज्यादा टेंडर किए गये हैं. उन्होंने कहा कि सभी की महत्वकांक्षाएं पूरी नहीं की जा सकती.