रुड़की: मेयर गौरव गोयल (Roorkee Mayor Gaurav Goyal ) पर 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगा है. मेयर गोयल के खिलाफ व्यवसायी सुबोध गुप्ता (Businessman Subodh Gupta) ने सिविल लाइन कोतवाली में तहरीर दी है. तहरीर में मेयर पर लीज भूमि का नवीनीकरण कराए जाने के लिए 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. व्यवसायी ने मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.
बता दें, रुड़की की सिविल लाइन कोतवाली पुलिस को सौंपी गई तहरीर में सुबोध गुप्ता ने बताया कि साल 1942-57 में तीन अलग-अलग दस्तावजे द्वारा नगर पालिका ने राजपुताना में एक भूमि उनके मथुरादास पुत्र सेवकराम व ओमप्रकाश पुत्र मथुरादास के नाम की थी. उसके बाद से यह भूमि उनके नाम स्थानांतरित हो गई. तब से ही उनके नाम से चली आ रही है.
सुबोध गुप्ता ने दी तहरीर में बताया है कि 30 वर्षों में भूमि की लीज समाप्त होनी थी. जिसके बाद उन्होंने पुनः नवीनीकरण के लिए नगर निगम में प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन उसके बाद कोई बोर्ड बैठक ही निगम द्वारा आयोजित नहीं की गई, जो बैठक आयोजित की गई, उसमें उनका प्रस्ताव नहीं रखा गया. वहीं, बोर्ड बैठक कराए जाने की मांग को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट तक दौड़ लगाई. हाईकोर्ट के आदेश के बाद बैठक का आयोजन किया गया.
25 लाख रिश्वत की मांग: सुबोध गुप्ता के अनुसार मामला बोर्ड बैठक में रखने के लिए वह मेयर गौरव गोयल से मिले थे. आरोप है कि मेयर ने इसके बदले 25 लाख रुपए की मांग की. इसके बाद मेयर गौरव गोयल ने कहा कि 25 नहीं तो चलो 20 ही दे देना. सुबोध गुप्ता के अनुसार यह बात सुनने के बाद वह वापस चले आए. उसके बाद दो अलग-अलग मोबाइल नंबर से उनके पास फोन आया और पैसे की मांग की गई. पैसे नहीं देने पर धमकी दी गई कि उन्हें करोड़ों की संपत्ति से हाथ धोना पड़ेगा.
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फोन पर धमकी देने का आरोप: सुबोध गुप्ता के अनुसार 8 जनवरी को आयोजित बोर्ड बैठक में लीज नवीनीकरण का प्रस्ताव इसलिए स्थगित कर दिया गया, ताकि प्रार्थी पर दबाव बनाकर लाखों रुपए वसूले जा सकें. सुबोध गुप्ता ने तहरीर में बताया कि इस बात की पुष्टि उस वायरल ऑडियो से भी होती है, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. सुबोध गुप्ता ने मामले में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
इस मामले में कोतवाली प्रभारी देवेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि उनको एक तहरीर मिली है. मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर, मेयर गौरव गोयल का कहना है कि उन्हें इस प्रकार की तहरीर की कोई जानकारी नहीं है. अगर उनके खिलाफ तहरीर दी गई है तो मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.