रुड़की: उत्तराखंड में पहाड़ के गांवों को तो छोड़ दीजिए. यहां तो मैदानी जिलों के गांव अभी तक सड़क से महरूम हैं. हम बात कर रहे है हरिद्वार जिले की झबरेड़ा विधानसभा के माधोपुर गांव की है. माधोपुर गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. यहां के ग्रामीण अपने सांसद और विधायक से खफा है, क्योंकि खस्ताहाल सड़क की वजह से उन्हें काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. हालांकि अब उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की ठान ली है.
माधोपुर गांव को हाईवे से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बदहाली की आंसू रो रहा है. सड़क पूरी तरह टूट चुकी है, लेकिन प्रशासन ने उसकी मरम्मत कराने की जहमत तक नहीं उठाई है. इस खस्ताहाल सड़क से सफर करना मतलब हादसे का शिकार होना है. बरसात में तो हालात और भी खराब हो जाते है. कब्रिस्तान वाली सड़क तो नाममात्र के लिए रह गई है.
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ग्रामीण कई बार सड़क की मरम्मत के लिए प्रशासन से लेकर जनप्रनिधियों तक से गुहार लगा चुके है, लेकिन किसी को भी ग्रामीणों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है. सरकार और प्रशासन से उम्मीद छोड़ चुके ग्रामीणों ने खुद ही सड़क को सही करने का बीड़ा उठाया है.