हरिद्वार: भगवानपुर के करीब 6 गांवों में मौत का सन्नाटा पसरा हुआ है. कई घरों के चिराग बुझ गए हैं तो कई ऐसे भी घर हैं जिनमें अब कमाने वाला कोई भी नहीं बचा. ऐसे ही एक परिवार है मृतक विनोद का. विनोद के भाई ने बताया कि वो अपने पीछे 6 बच्चे छोड़ गया है, जिनके सामने अब रोजी-रोटी की समस्या आ गई है. वो अपने घर में कमाने वाला इकलौता व्यक्ति था. मृतक के भाई ने सरकार से उनकी मदद करने के साथ ही नकली शराब को संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
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बीते शुक्रवार यानी 8 फरवरी को जहरीली शराब पीने से इन गांवों में मौत का ऐसा तांडव शुरू हुआ है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है. मौत के आकंड़े दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. अब तक यूपी और उत्तराखंड के कुल 92 से ज्यादा लोग जहरीली शराब के कारण काल के गाल में समा गए हैं. इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि अबतक अवैध शराब को संरक्षण देने वाली बड़ी मछलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिले के जिम्मेदार आला अफसरों को लेकर कोई कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाया गया है.
हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर उत्तराखंड को जहरीली शराब का हब बनना का आरोप लगाते हुए मृतकों के अश्रितों को 5-5 लाख की आर्थिक सहायता और परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग भी की है. वहीं सीएम त्रिवेंद्र रावत भी इस घटना के बाद अवैध शराब के खिलाफ सरकार द्वारा चलाये गए अभियान और उपलब्धि गिनाते दिखे. उन्होंने दो साल से चल रही छापेमारी की कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अवैध शराब के खिलाफ काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड छापेमारी सरकार द्वारा की गई है, जिनके आंकड़ों को देखा जा सकता है. वहीं जब कार्रवाई का सवाल सीएम से किया गया तो उन्होंने कहा कि कार्रवाई हो चुकी है 17 लोगों को निलंबित किया जा चुका है.
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