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भाइयों की फोटो देखकर रक्षाबंधन मनाती हैं बहनें, भाई देश की रक्षा लिए सीमा पर है तैनात

देश भर में आज रक्षा बंधन को त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है, लेकिन कुछ बहने ऐसी भी जिन्हें भाई उनके पास नहीं है. बल्कि वो देश की सीमाओं पर तैनात है. ऐसे में बहने उनकी फोटो को राखी बांधकर त्योहार मना रही है.

रक्षा बंधन
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Published : Aug 15, 2019, 6:44 PM IST

Updated : Aug 15, 2019, 7:44 PM IST

रुड़की: देशभर में स्वतत्रंता दिवस और रक्षा बंधन का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. भाई की कलाई पर बहने राखी बांध रही है और भाई उनकी रक्षा का वचन दे रहे हैं, लेकिन कुछ बहनें ऐसी भी है, जो अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाती. क्योंकि उनके भाई देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात हैं. ऐसे में बहनें उनकी फोटो को देखकर रक्षाबंधन मनाती हैं. जहां एक ओर भाई के पास न होने का गम में उनकी आंखें नम है तो वहीं दूसरी ओर उन्हें गर्व महसूस होता है कि उनका भाई मातृभूमि की सेवा कर रहा है.

भाइयों की फोटो देखकर रक्षाबंधन मनाती हैं बहनें.

देश की सीमाओं पर तैनात सेवा के जवान अधिकांश त्योहारों पर अपने घर नहीं आ पाते हैं. क्योंकि देश उनके लिए पहले है और परिवार बाद में, ताकि उनकी वजह से पूरा देश शांति से त्योहार मना सके. देश की रक्षा करने वाले जवानों के परिवारों को भी इस पर गर्व महसूस होता है.

पढ़ें- उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा रक्षाबंधन का त्योहार, महिलाओं को बस में फ्री सफर का तोहफा

रुड़की के ढंडेरा स्थित अशोक नगर कॉलोनी में कई परिवार के ऐसे हैं, जिनके भाई सेना में है. इन परिवारों में त्योहार पर खुशी का माहौल तो होता है, लेकिन कहीं ना कहीं अपनों के करीब ना होने पर आंखें नम भी हो जाती है. कॉलोनी की अधिकतर बहनें अपने भाइयों की तस्वीर को सामने रखकर रक्षाबंधन मनाती है. हालांकि, राखी डाक के जरिए भी उन्हें भेजी जाती हैं.

रुड़की: देशभर में स्वतत्रंता दिवस और रक्षा बंधन का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. भाई की कलाई पर बहने राखी बांध रही है और भाई उनकी रक्षा का वचन दे रहे हैं, लेकिन कुछ बहनें ऐसी भी है, जो अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाती. क्योंकि उनके भाई देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात हैं. ऐसे में बहनें उनकी फोटो को देखकर रक्षाबंधन मनाती हैं. जहां एक ओर भाई के पास न होने का गम में उनकी आंखें नम है तो वहीं दूसरी ओर उन्हें गर्व महसूस होता है कि उनका भाई मातृभूमि की सेवा कर रहा है.

भाइयों की फोटो देखकर रक्षाबंधन मनाती हैं बहनें.

देश की सीमाओं पर तैनात सेवा के जवान अधिकांश त्योहारों पर अपने घर नहीं आ पाते हैं. क्योंकि देश उनके लिए पहले है और परिवार बाद में, ताकि उनकी वजह से पूरा देश शांति से त्योहार मना सके. देश की रक्षा करने वाले जवानों के परिवारों को भी इस पर गर्व महसूस होता है.

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रुड़की के ढंडेरा स्थित अशोक नगर कॉलोनी में कई परिवार के ऐसे हैं, जिनके भाई सेना में है. इन परिवारों में त्योहार पर खुशी का माहौल तो होता है, लेकिन कहीं ना कहीं अपनों के करीब ना होने पर आंखें नम भी हो जाती है. कॉलोनी की अधिकतर बहनें अपने भाइयों की तस्वीर को सामने रखकर रक्षाबंधन मनाती है. हालांकि, राखी डाक के जरिए भी उन्हें भेजी जाती हैं.

Intro:भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के त्यौहार पर जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती हैं और भाई बहन को जीवनभर रक्षा का वचन देता है तो वहीं मातृभूमि की रक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात वीर जवानों की बहने भाइयों की फोटो सामने रखकर इस पर्व को मनाते हैं यकीनन उन बहनों को भाइयों की देश सेवा पर गर्व महसूस होता है लेकिन कहीं ना कहीं आंखें भी नम होती है क्योंकि रक्षाबंधन के त्यौहार पर तमाम बहने सालभर उम्मीद लगाती हैं कि वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी और त्यौहार को मनाएंगी लेकिन हर साल की तरह इस साल भी सेना के जवानों की बहनों ने भाइयों की तस्वीर की आरती कर राखी का पर्व मनाया।


Body:जी हां आपको बता दें कि देश की सीमाओं पर हमारी रक्षा करने वाले सेना के जवान अधिकतम त्योहारों पर अपने घर नहीं आ पाते क्योंकि देश की रक्षा की जिम्मेदारी उनके लिए पहले है इसीलिए देश भर में त्योहार शांतिपूर्वक मनाया जाते हैं देश के लिए परिवार से अलग सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों के परिवार भी इस बात पर गर्व महसूस करते हैं। वहीं रुड़की के ढंडेरा स्थित अशोक नगर कॉलोनी में अधिकतर परिवार ऐसे हैं जिनमें से परिवार के लोग सेना में भर्ती हैं इन परिवारों में त्यौहार पर खुशी का माहौल तो होता है लेकिन कहीं ना कहीं अपनों के करीब ना होने पर आंखें भी नम दिखाई पड़ती है कॉलोनी की अधिकतर बहने रक्षाबंधन के पर्व को अपने भाइयों की तस्वीर को सामने रखकर मनाती हैं ये बहने भाइयों की तस्वीर पर पहले आरती करती हैं इसके बाद राखी बांधती हैं हालांकि राखी डाक के जरिए भी भेजी जाती है। बाइट - ममता चौहान (सैनिक की बहन) बाइट - सलोचना देवी (सैनिक की बहन) बाइट - सुप्रिया मेहरा (सैनिक की बहन)


Conclusion:बता दें कि मोर्चे पर लगे देश के जवानों की आंखें यकीनन उस समय नम हो गई होंगी जब भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के त्यौहार पर बहन सामने ना हो यही हाल उन बहनों का भी है जो पूरे साल रक्षाबंधन का इंतजार करती है जो रुड़की के अशोक नगर कॉलोनी में देखने को मिलता है अशोक नगर कॉलोनी की रहने बहने अपने सैनिक भाइयों पर गर्व महसूस करती हैं हालांकि उन्हें इस मौके पर भाइयों की बेहद याद भी आती है लेकिन देश की सेवा में भाइयों के योगदान पर वह गर्व से सर ऊंचा करती हैं।
Last Updated : Aug 15, 2019, 7:44 PM IST
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