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राजाजी टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों ने ड्रोन कैमरा चलाने के सीखे गुर

हरिद्वार जिले स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला सब डिवीजन की तीन रेंजो के वनकर्मियों ने ड्रोन से गश्त करने के गुर सीखें. प्रशिक्षण के बाद से अब राजाजी टाइगर रिजर्व की तीनों रेंजों में ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी.

Rajaji Tiger Reserve
राजाजी टाइगर रिजर्व
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Published : Dec 14, 2020, 5:28 PM IST

हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व के वनकर्मी अब आधुनिक तकनीक से लैस होने लगे हैं, जानवरों और शिकारियों पर ड्रोन कैमरे से नजर रखने की तैयारी की जा रही है. पार्क के दक्षिणी छोर के बाद आज चीला सब डिवीजन की तीन रेंजों के वनकर्मियों ने ड्रोन से गश्त करने के गुर सीखे.

वन्य जीव प्रतिपालक ललित प्रसाद टम्टा का कहना है कि वर्तमान दौर में आधुनिक तकनीक से गश्त किए जाने पर जोर दिया जा रहा है. इनका कहना है कि राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिम भाग में ड्रोन कैमरे से निगरानी और गश्त करने का प्रशिक्षण हो गया था. लेकिन कुछ कारणों से चलते पूर्वी भाग चिला डिवीजन में वन कर्मियों को ड्रोन कैमरा प्रशिक्षण छूट गया था. वहीं, प्रशिक्षण के बाद से अब राजाजी टाइगर रिजर्व की तीनों रेंजों में ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी. जिस क्षेत्र में वन कर्मी नहीं पहुंच सकते, वहां पर आधुनिक तरीके से ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा सकती है.

वहीं, चीला रेंज के रेंजर अनिल पैन्यूली का कहना है कि राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में काफी पहाड़ी इलाका गंगा का क्षेत्र है और इस रेंज में बाघों का कुनबा भी बड़ा है. इस कारण यह रेंज काफी महत्वपूर्ण है. विदेशों में काफी मॉडल तकनीक से निगरानी की जाती है. इसी कारण ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी और यह जानवरों की सुरक्षा के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़ें : राजाजी टाइगर रिजर्व बना भ्रष्टाचार का अड्डा, कागजों पर बना वॉच टावर का डोर बैंड

उन्होंने कहा कि इसी के चलते आज ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण लिया गया है और पार्क में निगरानी ड्रोन कैमरे से आज से शुरू कर दी गई है. ड्रोन कैमरा बाघों की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, रेंज में बाघ की संख्या ज्यादा है. इसलिए यहां शिकारियों की आने आंशका भी बनी रहती है.

हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व के वनकर्मी अब आधुनिक तकनीक से लैस होने लगे हैं, जानवरों और शिकारियों पर ड्रोन कैमरे से नजर रखने की तैयारी की जा रही है. पार्क के दक्षिणी छोर के बाद आज चीला सब डिवीजन की तीन रेंजों के वनकर्मियों ने ड्रोन से गश्त करने के गुर सीखे.

वन्य जीव प्रतिपालक ललित प्रसाद टम्टा का कहना है कि वर्तमान दौर में आधुनिक तकनीक से गश्त किए जाने पर जोर दिया जा रहा है. इनका कहना है कि राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिम भाग में ड्रोन कैमरे से निगरानी और गश्त करने का प्रशिक्षण हो गया था. लेकिन कुछ कारणों से चलते पूर्वी भाग चिला डिवीजन में वन कर्मियों को ड्रोन कैमरा प्रशिक्षण छूट गया था. वहीं, प्रशिक्षण के बाद से अब राजाजी टाइगर रिजर्व की तीनों रेंजों में ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी. जिस क्षेत्र में वन कर्मी नहीं पहुंच सकते, वहां पर आधुनिक तरीके से ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा सकती है.

वहीं, चीला रेंज के रेंजर अनिल पैन्यूली का कहना है कि राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में काफी पहाड़ी इलाका गंगा का क्षेत्र है और इस रेंज में बाघों का कुनबा भी बड़ा है. इस कारण यह रेंज काफी महत्वपूर्ण है. विदेशों में काफी मॉडल तकनीक से निगरानी की जाती है. इसी कारण ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी और यह जानवरों की सुरक्षा के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है.

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उन्होंने कहा कि इसी के चलते आज ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण लिया गया है और पार्क में निगरानी ड्रोन कैमरे से आज से शुरू कर दी गई है. ड्रोन कैमरा बाघों की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, रेंज में बाघ की संख्या ज्यादा है. इसलिए यहां शिकारियों की आने आंशका भी बनी रहती है.

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