ETV Bharat / state

हरिद्वार: लालढांग क्षेत्र की रवासन नदी में खनन पर एक बार फिर खड़े हुए सवाल

author img

By

Published : Dec 25, 2021, 4:51 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 4:59 PM IST

हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र की रवासन नदी में हुए खनन पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. लालढांग निवासी जसविंदर सिंह ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया है कि जिस जगह पर खनन की अनुमति नहीं है, वहां पर खनन किया गया है.

haridwar latest hindi news
हरिद्वार लेटेस्ट हिंदी न्यूज

हरिद्वार: पिछले दिनों हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र की रवासन नदी में हुए खनन पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं. क्षेत्र के ही एक निवासी जसविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि जिस स्थान पर खनन की अनुमति दी गई थी, उस स्थान की जगह अन्य स्थान पर खनन हुआ है, जो कि पूरी तरह से अवैध है. इससे पहले कांग्रेस ने भी खनन पर सवाल उठाए थे. इसके जवाब में पट्टाधारी ने पत्रकार वार्ता कर अपना पक्ष रखा था.

लालढांग निवासी जसविंदर सिंह प्रेस वार्ता करने हरिद्वार पहुंचे, जहां उन्होंने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि रसूलपुर मीठी बेरी खसरा नंबर 1890 में 8000 घन मीटर और खनिज निकासी की अनुमति दी गई, जो की पूरी तरह से अवैध है. अब उन्होंने आरोप लगाया कि जहां खनन पट्टे की अनुमति दी गई है, वहां पर कोई खनन नहीं हुआ है. जबकि अन्य स्थान पर मशीनों द्वारा जमीन को खोद डाला गया है.

रवासन नदी में हुए खनन पर सवाल

पढ़ें- दिल्ली दौड़ के बाद बोले हरीश रावत, कभी-कभी दर्द बयां करना होता है फायदेमंद

उन्होंने आरोप लगाया कि जहां मात्र 9 बीघा जमीन में 8 हजार घन मीटर की अनुमति थी. उसके स्थान पर लगभग 50 बीघा जमीन को खोद डाला गया है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले में जल्द से जल्द जांच की जाए और जिस किसी ने भी अनुमति वाले स्थल की जगह अन्य स्थान पर खनन किया है, उसके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाए.

हरिद्वार: पिछले दिनों हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र की रवासन नदी में हुए खनन पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं. क्षेत्र के ही एक निवासी जसविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि जिस स्थान पर खनन की अनुमति दी गई थी, उस स्थान की जगह अन्य स्थान पर खनन हुआ है, जो कि पूरी तरह से अवैध है. इससे पहले कांग्रेस ने भी खनन पर सवाल उठाए थे. इसके जवाब में पट्टाधारी ने पत्रकार वार्ता कर अपना पक्ष रखा था.

लालढांग निवासी जसविंदर सिंह प्रेस वार्ता करने हरिद्वार पहुंचे, जहां उन्होंने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि रसूलपुर मीठी बेरी खसरा नंबर 1890 में 8000 घन मीटर और खनिज निकासी की अनुमति दी गई, जो की पूरी तरह से अवैध है. अब उन्होंने आरोप लगाया कि जहां खनन पट्टे की अनुमति दी गई है, वहां पर कोई खनन नहीं हुआ है. जबकि अन्य स्थान पर मशीनों द्वारा जमीन को खोद डाला गया है.

रवासन नदी में हुए खनन पर सवाल

पढ़ें- दिल्ली दौड़ के बाद बोले हरीश रावत, कभी-कभी दर्द बयां करना होता है फायदेमंद

उन्होंने आरोप लगाया कि जहां मात्र 9 बीघा जमीन में 8 हजार घन मीटर की अनुमति थी. उसके स्थान पर लगभग 50 बीघा जमीन को खोद डाला गया है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले में जल्द से जल्द जांच की जाए और जिस किसी ने भी अनुमति वाले स्थल की जगह अन्य स्थान पर खनन किया है, उसके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाए.

Last Updated : Dec 25, 2021, 4:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.