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अपने बच्चों से इस तरह सुधारें अपने रिश्तें, जानें साइकोलॉजिस्ट की राय - माता पिता का बच्चों के साथ संबंध

वर्तमान दौर में जीवन में आ रहे बदलावों के बीच आपसी रिश्ते भी बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं. इसमें सबसे अधिक अभिभावकों और बच्चों के बीच के रिश्ते में दूरियां देखने को मिली हैं. दोनों भी एक दूसरे से उम्मीदें पूरी न होने के कारण ये दरार बढ़ रही हैं. ऐसे में माता-पिता और बच्चों के बीच रिश्ते को बेहतर बनाने के मकसद से हरिद्वार में एक सेमिनार का आयोजन किया गया.

हरिद्वार न्यूज
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Published : Apr 12, 2023, 1:36 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 2:57 PM IST

हरिद्वार: इन दिनों पेरेंट्स और बच्चों के बीच के अनमोल रिश्ते में आ रही दरारों को देखते हुए हरिद्वार के नेहरू युवा केंद्र ने एक सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें जानी मानी साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पूनम शर्मा ने अभिभावकों को बच्चों से बेहतर रिश्ता बनाने के लिए मोटिवेट किया.

डॉक्टर पूनम शर्मा ने बताया कि आजकल पेरेंट्स और बच्चों के रिश्तों में छोटी-छोटी बातों को लेकर काफी नोकझोंक देखने को मिलती है. उसका मुख्य कारण वो एक्सपेक्टशंस हैं, जो बच्चे अपने पैरंट्स से और पेरेंट्स अपने बच्चों से करते हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे की एक्सपेक्टेशंस पर खरे नहीं उतर पाते. उसका कारण सिर्फ छोटी-छोटी बातें हैं. यदि उन बातों को सुधार लिया जाए तो अभिभावकों और बच्चों का रिलेशन बेहतर हो सकता है.

मोबाइल का कम उपयोग करें पेरेंट्स: बच्चों को सलाह देने से पहले पेरेंट्स को खुद भी मोबाइल का कम उपयोग करना होगा, तभी जाकर बच्चे भी उनकी बात को समझेंगे. यदि पेरेंट्स ही मोबाइल का उपयोग ज्यादा करेंगे और बच्चों को मोबाइल का उपयोग करने से मना करेंगे तो बच्चे इस बात को समझ नहीं पाएंगे इसलिए बच्चों को समझाने के लिए मोबाइल का खुद उदाहरण सेट करना होगा.
पढ़ें- UTTARAKHAND: बच्चों के बिगड़ने में अभिभावक जिम्मेदार, सर्वे में सामने आई हकीकत

बच्चों को ज्यादा समय दें पिता: आमतौर पर देखा जाता है कि पिता के मुकाबले मां का रिश्ता बच्चों के साथ बेहतर होता है, क्योंकि मां अपने बच्चों को ज्यादा समय देती है. वहीं पिता बाहर के कार्यों के कारण बच्चों को इतना समय नहीं दे पाते इससे बच्चों को पिता के बीच न चाहते हुए भी दूरी आ जाती है. इसलिए पिता को कोशिश करनी होगी कि वो अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें और बाहरी दुनिया के तौर तरीके समझाएं.

अपने बिहेवियर में लाएं सुधार: पेरेंट्स को अपने बिहेवियर में भी सुधार लाने की आवश्यकता है, क्योंकि जिस तरह का व्यवहार पेरेंट्स बच्चों को दिखाते हैं उसी तरह का बिहेवियर बच्चे करने लगते हैं. चाहे वो गलत शब्दों का प्रयोग हो या फिर एग्रेसिव होना. यह सब पेरेंट्स से ही बच्चे सीखते हैं.

हरिद्वार: इन दिनों पेरेंट्स और बच्चों के बीच के अनमोल रिश्ते में आ रही दरारों को देखते हुए हरिद्वार के नेहरू युवा केंद्र ने एक सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें जानी मानी साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पूनम शर्मा ने अभिभावकों को बच्चों से बेहतर रिश्ता बनाने के लिए मोटिवेट किया.

डॉक्टर पूनम शर्मा ने बताया कि आजकल पेरेंट्स और बच्चों के रिश्तों में छोटी-छोटी बातों को लेकर काफी नोकझोंक देखने को मिलती है. उसका मुख्य कारण वो एक्सपेक्टशंस हैं, जो बच्चे अपने पैरंट्स से और पेरेंट्स अपने बच्चों से करते हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे की एक्सपेक्टेशंस पर खरे नहीं उतर पाते. उसका कारण सिर्फ छोटी-छोटी बातें हैं. यदि उन बातों को सुधार लिया जाए तो अभिभावकों और बच्चों का रिलेशन बेहतर हो सकता है.

मोबाइल का कम उपयोग करें पेरेंट्स: बच्चों को सलाह देने से पहले पेरेंट्स को खुद भी मोबाइल का कम उपयोग करना होगा, तभी जाकर बच्चे भी उनकी बात को समझेंगे. यदि पेरेंट्स ही मोबाइल का उपयोग ज्यादा करेंगे और बच्चों को मोबाइल का उपयोग करने से मना करेंगे तो बच्चे इस बात को समझ नहीं पाएंगे इसलिए बच्चों को समझाने के लिए मोबाइल का खुद उदाहरण सेट करना होगा.
पढ़ें- UTTARAKHAND: बच्चों के बिगड़ने में अभिभावक जिम्मेदार, सर्वे में सामने आई हकीकत

बच्चों को ज्यादा समय दें पिता: आमतौर पर देखा जाता है कि पिता के मुकाबले मां का रिश्ता बच्चों के साथ बेहतर होता है, क्योंकि मां अपने बच्चों को ज्यादा समय देती है. वहीं पिता बाहर के कार्यों के कारण बच्चों को इतना समय नहीं दे पाते इससे बच्चों को पिता के बीच न चाहते हुए भी दूरी आ जाती है. इसलिए पिता को कोशिश करनी होगी कि वो अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें और बाहरी दुनिया के तौर तरीके समझाएं.

अपने बिहेवियर में लाएं सुधार: पेरेंट्स को अपने बिहेवियर में भी सुधार लाने की आवश्यकता है, क्योंकि जिस तरह का व्यवहार पेरेंट्स बच्चों को दिखाते हैं उसी तरह का बिहेवियर बच्चे करने लगते हैं. चाहे वो गलत शब्दों का प्रयोग हो या फिर एग्रेसिव होना. यह सब पेरेंट्स से ही बच्चे सीखते हैं.

Last Updated : Apr 12, 2023, 2:57 PM IST
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