लक्सर: क्षेत्र में स्कूल संचालकों से लेकर वाहन चालक तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. लक्सर नगर व देहात क्षेत्र में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं. कहीं खटारा वाहनों को स्कूली वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है तो कहीं जुगाड़ वाहन व घोड़ा गाड़ियों में बच्चों को ढोया जा रहा है.
बता दें, लक्सर नगर व आसपास के देहात क्षेत्र में 100 से अधिक छोटी-बड़ी निजी शिक्षण संस्थाएं हैं. इनमें से अधिकांश स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए वाहन लगाए गए हैं, लेकिन तमाम नियमों व कानून को ताक पर रखकर क्षमता से अधिक बच्चों को वाहनों में भरकर स्कूल ले जाया जा रहा है. कई ऐसे स्कूल हैं, जिनमें स्कूल बस की बजाए पुराने और खटारा वाहनों में बच्चों को ढोया जा रहा है. इन वाहनों की फिटनेस से लेकर चालकों के लाइसेंस का कोई अता-पता नहीं है.
इस मामले में लक्सर उप जिलाधिकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि स्कूल कॉलेजों की जो भी लापरवाही सामने आ रही है, उस संबंध में उन्होंने 5 तारीख को बैठक बुलाई है. बैठक में सभी शिक्षाधिकारी, निजी स्कूल प्रबंधक और एआरटीओ मुख्य तौर पर शामिल होंगे. बैठक में अधिकारियों के साथ पूरी प्लानिंग की जाएगी और उसके आधार पर सभी को उचित दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.
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गौर हो कि पिछले दिनों टिहरी में हुए हादसे के बाद शासन की ओर से स्कूली वाहनों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके बाद पिछले दिनों पुलिस और खुद उप जिलाधिकारी ने स्कूल संचालकों को नियमों व मानकों का पालन करते हुए स्कूली वाहनों का संचालन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन नियम और कानून को ताक पर रखकर स्कूली वाहनों के नाम पर खटारा वाहन, जुगाड़ या फिर घोड़ा गाड़ी का खुलेआम प्रयोग किया जा रहा है.