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जुगाड़, जोखिम और स्कूल का सफर, SDM ने अधिकारियों को किया तलब

लक्सर में निजी स्कूल संचालकों द्वारा नियम और कानून को ताक पर रखकर स्कूल वाहनों का संचालन किया जा रहा है. बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हुए खटारा वाहनों और घोड़ा गाड़ी को स्कूल वाहन के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा रहा है. जिस पर लक्सर एसडीएम ने 5 तारीख को निजी स्कूल संचालकों और संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई है.

लक्सर के स्कूल वाहन
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Published : Sep 3, 2019, 2:16 PM IST

लक्सर: क्षेत्र में स्कूल संचालकों से लेकर वाहन चालक तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. लक्सर नगर व देहात क्षेत्र में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं. कहीं खटारा वाहनों को स्कूली वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है तो कहीं जुगाड़ वाहन व घोड़ा गाड़ियों में बच्चों को ढोया जा रहा है.

बच्चों की सुरक्षा के खिलवाड़ कर रहे निजी स्कूल

बता दें, लक्सर नगर व आसपास के देहात क्षेत्र में 100 से अधिक छोटी-बड़ी निजी शिक्षण संस्थाएं हैं. इनमें से अधिकांश स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए वाहन लगाए गए हैं, लेकिन तमाम नियमों व कानून को ताक पर रखकर क्षमता से अधिक बच्चों को वाहनों में भरकर स्कूल ले जाया जा रहा है. कई ऐसे स्कूल हैं, जिनमें स्कूल बस की बजाए पुराने और खटारा वाहनों में बच्चों को ढोया जा रहा है. इन वाहनों की फिटनेस से लेकर चालकों के लाइसेंस का कोई अता-पता नहीं है.

इस मामले में लक्सर उप जिलाधिकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि स्कूल कॉलेजों की जो भी लापरवाही सामने आ रही है, उस संबंध में उन्होंने 5 तारीख को बैठक बुलाई है. बैठक में सभी शिक्षाधिकारी, निजी स्कूल प्रबंधक और एआरटीओ मुख्य तौर पर शामिल होंगे. बैठक में अधिकारियों के साथ पूरी प्लानिंग की जाएगी और उसके आधार पर सभी को उचित दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.

पढ़ें- अटल आयुष्मान की सूची से एक और अस्पताल बाहर, 4 लाख का जुर्माना भी लगाया

गौर हो कि पिछले दिनों टिहरी में हुए हादसे के बाद शासन की ओर से स्कूली वाहनों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके बाद पिछले दिनों पुलिस और खुद उप जिलाधिकारी ने स्कूल संचालकों को नियमों व मानकों का पालन करते हुए स्कूली वाहनों का संचालन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन नियम और कानून को ताक पर रखकर स्कूली वाहनों के नाम पर खटारा वाहन, जुगाड़ या फिर घोड़ा गाड़ी का खुलेआम प्रयोग किया जा रहा है.

लक्सर: क्षेत्र में स्कूल संचालकों से लेकर वाहन चालक तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. लक्सर नगर व देहात क्षेत्र में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं. कहीं खटारा वाहनों को स्कूली वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है तो कहीं जुगाड़ वाहन व घोड़ा गाड़ियों में बच्चों को ढोया जा रहा है.

बच्चों की सुरक्षा के खिलवाड़ कर रहे निजी स्कूल

बता दें, लक्सर नगर व आसपास के देहात क्षेत्र में 100 से अधिक छोटी-बड़ी निजी शिक्षण संस्थाएं हैं. इनमें से अधिकांश स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए वाहन लगाए गए हैं, लेकिन तमाम नियमों व कानून को ताक पर रखकर क्षमता से अधिक बच्चों को वाहनों में भरकर स्कूल ले जाया जा रहा है. कई ऐसे स्कूल हैं, जिनमें स्कूल बस की बजाए पुराने और खटारा वाहनों में बच्चों को ढोया जा रहा है. इन वाहनों की फिटनेस से लेकर चालकों के लाइसेंस का कोई अता-पता नहीं है.

इस मामले में लक्सर उप जिलाधिकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि स्कूल कॉलेजों की जो भी लापरवाही सामने आ रही है, उस संबंध में उन्होंने 5 तारीख को बैठक बुलाई है. बैठक में सभी शिक्षाधिकारी, निजी स्कूल प्रबंधक और एआरटीओ मुख्य तौर पर शामिल होंगे. बैठक में अधिकारियों के साथ पूरी प्लानिंग की जाएगी और उसके आधार पर सभी को उचित दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.

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गौर हो कि पिछले दिनों टिहरी में हुए हादसे के बाद शासन की ओर से स्कूली वाहनों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके बाद पिछले दिनों पुलिस और खुद उप जिलाधिकारी ने स्कूल संचालकों को नियमों व मानकों का पालन करते हुए स्कूली वाहनों का संचालन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन नियम और कानून को ताक पर रखकर स्कूली वाहनों के नाम पर खटारा वाहन, जुगाड़ या फिर घोड़ा गाड़ी का खुलेआम प्रयोग किया जा रहा है.

Intro:लोकेशन लक्सर उत्तराखंड
संवादाता कृष्णकांत शर्मा लक्सर
सलग--- बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़

लक्सर क्षेत्र में स्कूल संचालकों से लेकर वाहन चालक तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने बैठे हैं लक्सर नगर व देहात क्षेत्र में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं कहीं खटारा वाहनों को स्कूली वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है तो कहीं जुगाड़ वाहन व घोड़ा गाड़ियों में बच्चों को ढोया जा रहा है पुलिस व प्रशासन के आदेश भी यहां बेमानी साबित हो रहे हैं
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आपको बता दें लक्सर नगर व आसपास के देहात क्षेत्र में 100 से अधिक छोटी बड़ी निजी शिक्षण संस्थाएं हैं इनमें से अधिकांश स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए वाहन लगाए गए हैं लेकिन तमाम नियमों व कानून को ताक पर रखकर जहां क्षमता से अधिक बच्चों को वाहनों में भरकर स्कूल ले जाया जा रहा है वहीं कई ऐसे स्कूल हैं जिनमें स्कूल बस के बजाएं पुराने खटारा वाहनों में बच्चों को ढोया जा रहा है इन वाहनों की फिटनेस से लेकर चालकों के लाइसेंस आदि का कोई अता पता नहीं है इतना ही नहीं नगर व आसपास के देहात के कई निजी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए जुगाड़ वाहन व घोड़ा गाड़ी जैसे वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है पूर्व में भी लक्सर क्षेत्र में स्कूली वाहन हादसों का शिकार बन चुके हैं इनमें बच्चों को जान तक गंवानी पड़ी है हादसों की जांच के दौरान वाहनों की फिटनेस से लेकर चालकों की लापरवाही सामने आने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया है पिछले दिनों टहरी में हुए हादसे के बाद शासन की ओर से भी स्कूली वाहनों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं जिसके बाद पिछले दिनों पुलिस तथा खुद उप जिलाधिकारी ने स्कूल संचालकों को नियमों व मानकों का पालन करते हुए भी स्कूली वाहनों का संचालन करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन अधिकारियों के आदेश भी स्कूल संचालकों के लिए बेमानी साबित हो रहे हैं क्षेत्र में तमाम नियम कायदों को ताक पर रखकर स्कूली वाहनों के नाम पर खटारा वाहन जुगाड़ घोड़ा गाड़ी खुलेआम दौड़ रहे हैं Conclusion: स्कूली वाहनों के संचालन में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी या नहीं ऐसे वाहनों को सीज करने के साथ ही स्कूल संचालकों पर भी कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा या नहीं यह देखने वाली बात होगी

Byet-- पूरण सिंह राणा उपजिलाधिकारी लक्सर
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