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PM मोदी ने किया 'गंगा अवलोकन' संग्रहालय का लोकार्पण, जानिए क्या है खास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गंगा अवलोकन' संग्रहालय का लोकापर्ण किया. इस संग्रहालय का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को गंगा संरक्षण की आवश्यकता के विषय में जानकारी देना व गंगा से जुड़ी सभी जानकारी देना है.

Ganga Observation Museum
गंगा अवलोकन संग्राहलय.
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Published : Sep 29, 2020, 4:37 PM IST

हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चंडी घाट के समीप नमामि गंगे घाट में एक व्याख्या केंद्र 'गंगा अवलोकन' का लोकार्पण किया. इसका निर्माण राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से किया गया है. 'गंगा अवलोकन' संग्रहालय का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को गंगा संरक्षण की आवश्यकता के विषय में जानकारी देना व गंगा से जुड़ी सभी जानकारियां प्रदान करना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 'गंगा अवलोकन' संग्रहालय का लोकार्पण.

इस संग्रहालय के संदेश स्थानीय लोगों के साथ ही विदेशों से आने वाले पर्यटक को तक गंगा संरक्षण का संदेश पहुंचाने में सहायक होंगे. साथ ही यह संग्रहालय गंगा नदी के सुंदर परिदृश्य, विशिष्ठ जैव विविधता एवं सांस्कृतिक विविधता के रंगों को प्रदर्शित करेगा.

वाइल्ड लाइफ की वैज्ञानिक डॉ. रुचि बडोला ने बताया कि हिमालय से गंगा के उद्गम से गंगा के मैदानी क्षेत्रों से होते हुए सदाबहार वनों और अंत में समुंद्र तक जहां बंगाल की खाड़ी में गंगा विलीन हो जाती है. ऐसे में यह संग्रहालय पर्यटकों व स्थानीय लोगों को गंगा की यात्रा कराएगा. इस यात्रा में व्यक्ति जीव-जंतुओं के अनिश्चित निवास स्थान के साथ ही इसकी जैविक और सांस्कृतिक विविधता को देख सकता है.

गगा में कहीं से भी सीवेज नहीं गिरेगा- मदन कौशिक.

गंगा की जैव विविधता को समर्पित है डायरोमा

उन्होंने बताया कि केंद्र के मध्य में स्थित एक डायरोमा गंगा की जैव विविधता एवं उनके निवास स्थान को समर्पित है, जो कि नदी के महत्वपूर्ण विभागों व उसमें रहने वाले जैव विविधता को चित्रित करता है. इस संग्रहालय के माध्यम से पर्यटक व आमजन गंगा के से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को समझने में सक्षम होंगे.

पढ़ें- बड़ी सौगात: 6 STP परियोजनाओं का प्रधानमंत्री ने किया लोकार्पण, जानें खासियत

गंगा से जुड़ी सभी बातें समझने को मिलेंगी- धनंजय मोहन

भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक धनंजय मोहन ने बताया कि इस संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों व स्थानीय निवासियों को गंगा से जुड़ी सभी बातें समझने को मिलेंगी. साथ ही सरकार द्वारा गंगा को निर्मल व अविरल बनाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह भी इस संग्रहालय में दर्शाए जा रहे हैं. गंगा की जुड़ी समस्याओं का किस तरह सरकार व हम सब मिलकर निदान कर रहे हैं, यह सब इस संग्रहालय में देखा जा सकता है. साथ ही गंगा किनारे रह रहे निवासियों की जीवन और उनसे जुड़ी संस्कृति भी इस संग्रहालय में दर्शायी गई है.

गंगा प्रहरियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं का प्रदर्शन

वेबकॉर्से के परियोजना प्रबंधक अमित शर्मा बताते हैं कि इस संग्रहालय में एक विक्रय केंद्र भी है, जहां पर गंगा नदी के किनारे रहने वाले गंगा प्रहरियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय भी किया जा रहा है. संग्रहालय में गंगा प्रहरियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं का प्रदर्शन व बिक्री भी की जा रही है, जिसमें अभी फिलहाल मास्क, टीशर्ट, टोकरियां, पानी की बोतल इत्यादि रखी गई हैं, जिनका मूल्य भी काफी कम रखा गया है. यह आजीविका के अवसर पैदा करने के साथ ही अर्थ गंगा को समझाने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.

गगा में कहीं से भी सीवेज नहीं गिरेगा- मदन कौशिक

इस मौके पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि हरिद्वार में पर्याप्त कैपेसिटी वाले एसटीपी स्थापित होने यहां निकलने वाले सीवेज को ट्रीट किया जायेगा. गगा में कहीं से भी सीवेज नहीं गिरेगा. आने वाले कुम्भ मेले में गंगा पूरी तरह से स्वच्छ और निर्मल हो जाएगी. जो श्रद्धालु हरिद्वार महाकुम्भ में आएंगे, उन्हें गंगा का अलग ही स्वरूप देखने को मिलेगा.

हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चंडी घाट के समीप नमामि गंगे घाट में एक व्याख्या केंद्र 'गंगा अवलोकन' का लोकार्पण किया. इसका निर्माण राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से किया गया है. 'गंगा अवलोकन' संग्रहालय का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को गंगा संरक्षण की आवश्यकता के विषय में जानकारी देना व गंगा से जुड़ी सभी जानकारियां प्रदान करना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 'गंगा अवलोकन' संग्रहालय का लोकार्पण.

इस संग्रहालय के संदेश स्थानीय लोगों के साथ ही विदेशों से आने वाले पर्यटक को तक गंगा संरक्षण का संदेश पहुंचाने में सहायक होंगे. साथ ही यह संग्रहालय गंगा नदी के सुंदर परिदृश्य, विशिष्ठ जैव विविधता एवं सांस्कृतिक विविधता के रंगों को प्रदर्शित करेगा.

वाइल्ड लाइफ की वैज्ञानिक डॉ. रुचि बडोला ने बताया कि हिमालय से गंगा के उद्गम से गंगा के मैदानी क्षेत्रों से होते हुए सदाबहार वनों और अंत में समुंद्र तक जहां बंगाल की खाड़ी में गंगा विलीन हो जाती है. ऐसे में यह संग्रहालय पर्यटकों व स्थानीय लोगों को गंगा की यात्रा कराएगा. इस यात्रा में व्यक्ति जीव-जंतुओं के अनिश्चित निवास स्थान के साथ ही इसकी जैविक और सांस्कृतिक विविधता को देख सकता है.

गगा में कहीं से भी सीवेज नहीं गिरेगा- मदन कौशिक.

गंगा की जैव विविधता को समर्पित है डायरोमा

उन्होंने बताया कि केंद्र के मध्य में स्थित एक डायरोमा गंगा की जैव विविधता एवं उनके निवास स्थान को समर्पित है, जो कि नदी के महत्वपूर्ण विभागों व उसमें रहने वाले जैव विविधता को चित्रित करता है. इस संग्रहालय के माध्यम से पर्यटक व आमजन गंगा के से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को समझने में सक्षम होंगे.

पढ़ें- बड़ी सौगात: 6 STP परियोजनाओं का प्रधानमंत्री ने किया लोकार्पण, जानें खासियत

गंगा से जुड़ी सभी बातें समझने को मिलेंगी- धनंजय मोहन

भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक धनंजय मोहन ने बताया कि इस संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों व स्थानीय निवासियों को गंगा से जुड़ी सभी बातें समझने को मिलेंगी. साथ ही सरकार द्वारा गंगा को निर्मल व अविरल बनाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह भी इस संग्रहालय में दर्शाए जा रहे हैं. गंगा की जुड़ी समस्याओं का किस तरह सरकार व हम सब मिलकर निदान कर रहे हैं, यह सब इस संग्रहालय में देखा जा सकता है. साथ ही गंगा किनारे रह रहे निवासियों की जीवन और उनसे जुड़ी संस्कृति भी इस संग्रहालय में दर्शायी गई है.

गंगा प्रहरियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं का प्रदर्शन

वेबकॉर्से के परियोजना प्रबंधक अमित शर्मा बताते हैं कि इस संग्रहालय में एक विक्रय केंद्र भी है, जहां पर गंगा नदी के किनारे रहने वाले गंगा प्रहरियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय भी किया जा रहा है. संग्रहालय में गंगा प्रहरियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं का प्रदर्शन व बिक्री भी की जा रही है, जिसमें अभी फिलहाल मास्क, टीशर्ट, टोकरियां, पानी की बोतल इत्यादि रखी गई हैं, जिनका मूल्य भी काफी कम रखा गया है. यह आजीविका के अवसर पैदा करने के साथ ही अर्थ गंगा को समझाने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.

गगा में कहीं से भी सीवेज नहीं गिरेगा- मदन कौशिक

इस मौके पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि हरिद्वार में पर्याप्त कैपेसिटी वाले एसटीपी स्थापित होने यहां निकलने वाले सीवेज को ट्रीट किया जायेगा. गगा में कहीं से भी सीवेज नहीं गिरेगा. आने वाले कुम्भ मेले में गंगा पूरी तरह से स्वच्छ और निर्मल हो जाएगी. जो श्रद्धालु हरिद्वार महाकुम्भ में आएंगे, उन्हें गंगा का अलग ही स्वरूप देखने को मिलेगा.

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