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Haridwar Pathologist Murder: कार्तिक के विश्वपात्र कर्मचारी ही निकले हत्यारे, फिरौती मांगने से पहले की हत्या - हरिद्वार लेटेस्ट न्यूज

हरिद्वार में पैथोलॉजिस्ट कार्तिक हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. कार्तिक का अपहरण उसकी की लैब के दो कर्मचारियों ने किया था, जिन पर कार्तिक सबसे ज्यादा विश्वास करता था. उन्होंने ने ही अपहरण के बाद कार्तिक की हत्या की. आरोपियों की मकसद कार्तिक के परिजनों से 70 लाख रुपए की फिरौती मांगना था.

Haridwar Pathologist Murder
पैथोलॉजिस्ट कार्तिक हत्याकांड का खुलासा.
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Published : Jan 14, 2023, 5:49 PM IST

Updated : Jan 16, 2023, 1:15 PM IST

पैथोलॉजिस्ट कार्तिक हत्याकांड का खुलासा.

हरिद्वार: बहादराबाद थाना क्षेत्र में किडनैपिंग के बाद की गई 22 साल के पैथोलॉजिस्ट कार्तिक की हत्या के मामले का हरिद्वार पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने पैथोलॉजिस्ट की हत्या के 12 घंटे के अंदर ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पैथोलॉजिस्ट का अपहरण और हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उसकी पैथोलॉजिस्ट लैब के दो कर्मचारी थे. उन्होंने अपहरण के बाद पैथोलॉजिस्ट के परिवार से 70 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी, लेकिन जब 70 लाख रुपए की फिरौती नहीं मिली तो उन्होंने पैथोलॉजिस्ट की हत्या कर दी. क्योंकि उन्हे ये भी डर था कि यदि पैथोलॉजिस्ट को छोड़ दिया तो उनका सच सबसे सामने आ जाएगा.

हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने 14 जनवरी को मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर सुबह शिव मंदिर चौक बहादराबाद निवासी प्रेमचंद थाने पहुंचे थे, उन्होंने बताया था कि 12 दिसंबर को उनका 22 साल का बेटा कार्तिक अपनी पैथोलॉजी लैब के लिए निकला था. कार्तिक न तो लैब से अभीतक वापस लौटा है और न ही वो फोन उठा रहा है.
पढ़ें- Haridwar Pathologist Murder: किडनैपिंग के बाद पैथोलॉजिस्ट की हत्या, मांगी थी 70 लाख की फिरौती

बहादराबाद थाना पुलिस ने देरी किए बिना सबसे पहले कार्तिक की गुमशुदगी दर्ज की. पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी कि तभी दोपहर में कार्तिक के फोन से उसकी माता के फोन पर फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने कार्तिक को छोड़ने की एवज में 70 लाख रुपए की फिरौती मांगी. कार्तिक के अपहरण की जानकारी मिलते ही पुलिस भी एक्टिव हो गई. एसएसपी अजय सिंह ने खुद अपने हाथों में कमान संभाली.

पुलिस ने छानबीन शुरू की तो शुक्रवार रात को पुलिस को कार्तिक के बारे में सुराग मिली और पता चला कि कार्तिक का अपहरण किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी लैब में काम करने वाले दो कर्मचारियों ने ही किया है. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सारा सच उगल दिया. हालांकि तब तक देर हो चुकी थी, क्योंकि उन्होंने पहले ही कार्तिक को मार दिया था.
पढ़ें- Haridwar Ruckus: सिडकुल के आरएम ने लोहड़ी के रंग में डाला भंग, शराब पीकर किया हंगामा

गलतफहमी ने ले ली कार्तिक की जान: आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने दादूपुर इलाके में किराए के घर से कार्तिक का शव बरामद किया. पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों का प्लान फिरौती की रकम मिलने के बाद कार्तिक के शव को घर के पास ही नाले में फेंकने का था. ताकि कार्तिक की मौत का राज कभी बाहर ही न सके. आरोपियों को शक था कि कार्तिक के परिवार के पास काफी पैसा है, उन्हें उम्मीद था कि कार्तिक के अपहरण के बाद उन्हें अच्छा खासा पैसा मिल जाएगा. कार्तिक ने पिता ने कुछ दिनों पहले ही जमीन बेची थी.

कर्मचारियों पर विश्वास करना पड़ा महंगा: वारदातों को अंजाम देने वाले दोनों आरोपी आठ और तीन महीने से कार्तिक की लैब में काम कर रहे थे. कार्तिक दोनों पर काफी विश्वास करता था. यही विश्वास उसकी जान पर भारी पड़ गया. आरोपियों ने फिरौती मांगने से पहले ही कार्तिक की हत्या कर दी थी और उसका शव बोरे में बांधकर रख दिया था. ताकी मौका मिलने पर शव को ठिकाने लगाया जा सके.

खोजबीन में आगे रहे आरोपी: कार्तिक के गायब होने पर शक दोनों कर्मचारियों पर ना जाए, इसलिए शुक्रवार सुबह से ही आरोपी लगातार परिवार वालों के साथ दिख रहे थे. इसी दौरान कार्तिक के फोन से भी उन्होंने फिरौती के लिए परिवार वालों को फोन किया था. पुलिस के अनुसार आरोपी परिजनों को भी फिरौती देने पर राजी करना चाहते थे.

पैथोलॉजिस्ट कार्तिक हत्याकांड का खुलासा.

हरिद्वार: बहादराबाद थाना क्षेत्र में किडनैपिंग के बाद की गई 22 साल के पैथोलॉजिस्ट कार्तिक की हत्या के मामले का हरिद्वार पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने पैथोलॉजिस्ट की हत्या के 12 घंटे के अंदर ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पैथोलॉजिस्ट का अपहरण और हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उसकी पैथोलॉजिस्ट लैब के दो कर्मचारी थे. उन्होंने अपहरण के बाद पैथोलॉजिस्ट के परिवार से 70 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी, लेकिन जब 70 लाख रुपए की फिरौती नहीं मिली तो उन्होंने पैथोलॉजिस्ट की हत्या कर दी. क्योंकि उन्हे ये भी डर था कि यदि पैथोलॉजिस्ट को छोड़ दिया तो उनका सच सबसे सामने आ जाएगा.

हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने 14 जनवरी को मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर सुबह शिव मंदिर चौक बहादराबाद निवासी प्रेमचंद थाने पहुंचे थे, उन्होंने बताया था कि 12 दिसंबर को उनका 22 साल का बेटा कार्तिक अपनी पैथोलॉजी लैब के लिए निकला था. कार्तिक न तो लैब से अभीतक वापस लौटा है और न ही वो फोन उठा रहा है.
पढ़ें- Haridwar Pathologist Murder: किडनैपिंग के बाद पैथोलॉजिस्ट की हत्या, मांगी थी 70 लाख की फिरौती

बहादराबाद थाना पुलिस ने देरी किए बिना सबसे पहले कार्तिक की गुमशुदगी दर्ज की. पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी कि तभी दोपहर में कार्तिक के फोन से उसकी माता के फोन पर फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने कार्तिक को छोड़ने की एवज में 70 लाख रुपए की फिरौती मांगी. कार्तिक के अपहरण की जानकारी मिलते ही पुलिस भी एक्टिव हो गई. एसएसपी अजय सिंह ने खुद अपने हाथों में कमान संभाली.

पुलिस ने छानबीन शुरू की तो शुक्रवार रात को पुलिस को कार्तिक के बारे में सुराग मिली और पता चला कि कार्तिक का अपहरण किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी लैब में काम करने वाले दो कर्मचारियों ने ही किया है. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सारा सच उगल दिया. हालांकि तब तक देर हो चुकी थी, क्योंकि उन्होंने पहले ही कार्तिक को मार दिया था.
पढ़ें- Haridwar Ruckus: सिडकुल के आरएम ने लोहड़ी के रंग में डाला भंग, शराब पीकर किया हंगामा

गलतफहमी ने ले ली कार्तिक की जान: आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने दादूपुर इलाके में किराए के घर से कार्तिक का शव बरामद किया. पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों का प्लान फिरौती की रकम मिलने के बाद कार्तिक के शव को घर के पास ही नाले में फेंकने का था. ताकि कार्तिक की मौत का राज कभी बाहर ही न सके. आरोपियों को शक था कि कार्तिक के परिवार के पास काफी पैसा है, उन्हें उम्मीद था कि कार्तिक के अपहरण के बाद उन्हें अच्छा खासा पैसा मिल जाएगा. कार्तिक ने पिता ने कुछ दिनों पहले ही जमीन बेची थी.

कर्मचारियों पर विश्वास करना पड़ा महंगा: वारदातों को अंजाम देने वाले दोनों आरोपी आठ और तीन महीने से कार्तिक की लैब में काम कर रहे थे. कार्तिक दोनों पर काफी विश्वास करता था. यही विश्वास उसकी जान पर भारी पड़ गया. आरोपियों ने फिरौती मांगने से पहले ही कार्तिक की हत्या कर दी थी और उसका शव बोरे में बांधकर रख दिया था. ताकी मौका मिलने पर शव को ठिकाने लगाया जा सके.

खोजबीन में आगे रहे आरोपी: कार्तिक के गायब होने पर शक दोनों कर्मचारियों पर ना जाए, इसलिए शुक्रवार सुबह से ही आरोपी लगातार परिवार वालों के साथ दिख रहे थे. इसी दौरान कार्तिक के फोन से भी उन्होंने फिरौती के लिए परिवार वालों को फोन किया था. पुलिस के अनुसार आरोपी परिजनों को भी फिरौती देने पर राजी करना चाहते थे.

Last Updated : Jan 16, 2023, 1:15 PM IST
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