ETV Bharat / state

पतंजलि विवि: राष्ट्रपति ने 71 छात्र-छात्राओं को दिया गोल्ड मेडल, 700 स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा की उपाधि - President reached Haridwar

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 700 विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपाधि और 71 उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए. इस मौके पर उन्होंने स्नातक स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी. इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदला है.

Patanjali University convocation ceremony
पतंजलि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
author img

By

Published : Nov 28, 2021, 11:42 AM IST

Updated : Nov 28, 2021, 4:48 PM IST

हरिद्वार: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) आज हरिद्वार दौरे पर रहे. राष्ट्रपति सबसे पहले सुबह 10.40 बजे हरिद्वार के पतंजलि योग पीठ में पहुंचे. जहां उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह (Patanjali University convocation ceremony) में शामिल हुए. इस मौके पर राष्ट्रपति ने 700 छात्रों को उच्च शिक्षा उपाधि और 71 उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए.

राष्ट्रपति ने 71 छात्र-छात्राओं को प्रदान किया स्वर्ण पदक.

इस मौके पर राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस कार्यक्रम में वो पहले ही शिरकत करना चाहते थे, लेकिन कोविड-19 के कारण सभी कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ा. आज समारोह में आकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एक अच्छा कार्य, जो अधूरा रह गया था वह आज पूरा हो रहा है. साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्नातक स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी.

Patanjali University convocation ceremony
छात्र-छात्राओं को दिया गोल्ड मेडल.

योग की परिभाषा को बदला: राष्ट्रपति ने कहा कि हरिद्वार का भारतीय परंपरा में एक विशेष महत्व है. हरिद्वार को हरि का द्वार भी कहा जाता है. हरि यानी विष्णु हर यानी शिव इस प्रकार हरिद्वार भगवान विष्णु और महादेव शंकर दोनों की पावन स्थली में प्रवेश का द्वार है. इससे भी बढ़कर यहां की पावन धरती पर रहने का और शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला. सभी विद्यार्थियों के लिए बड़ी सौभाग्य की बात है. स्वामी रामदेव के योगदान से आज योगाभ्यास से जोड़कर उन्होंने अनगिनत लोगों का कल्याण किया है और स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदला है.

राष्ट्रपति ने कहा कि आज से 10-15 साल पहले भारत में योग को एक तपस्या माना जाता था. लोग ऐसा सोचते थे कि योग वही कर सकता है, जो संन्यासी होगा, जिसने घर गृहस्थी छोड़ दी होगी और जो साधु संत होगा. लेकिन स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदल दिया. आज हर व्यक्ति चाहे ट्रेन में सफर कर रहा हो या बस में उसको कभी आप लोगों ने ध्यान से देखा होगा तो वह तो अनुलोम-विलोम में लगा होगा. पतंजलि समूह के शिक्षण संस्थान में भावी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया जा रहा है, जिससे भारतीयता का विकास हो रहा है.

पढ़ें- शीतकालीन सत्र को लेकर बोले हरीश रावत, भराड़ीसैंण में सरकार को लगती है ठंड

2019 में आए थे हरिद्वार: इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद अक्टूबर 2019 में भी हरिद्वार आए थे. उन्होंने पत्नी सविता कोविंद के साथ हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में पहुंचकर श्री पारदेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना और रुद्राभिषेक किया था. इस दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की देखरेख में उन्होंने पूजन किया था.

हरिद्वार: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) आज हरिद्वार दौरे पर रहे. राष्ट्रपति सबसे पहले सुबह 10.40 बजे हरिद्वार के पतंजलि योग पीठ में पहुंचे. जहां उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह (Patanjali University convocation ceremony) में शामिल हुए. इस मौके पर राष्ट्रपति ने 700 छात्रों को उच्च शिक्षा उपाधि और 71 उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए.

राष्ट्रपति ने 71 छात्र-छात्राओं को प्रदान किया स्वर्ण पदक.

इस मौके पर राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस कार्यक्रम में वो पहले ही शिरकत करना चाहते थे, लेकिन कोविड-19 के कारण सभी कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ा. आज समारोह में आकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एक अच्छा कार्य, जो अधूरा रह गया था वह आज पूरा हो रहा है. साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्नातक स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी.

Patanjali University convocation ceremony
छात्र-छात्राओं को दिया गोल्ड मेडल.

योग की परिभाषा को बदला: राष्ट्रपति ने कहा कि हरिद्वार का भारतीय परंपरा में एक विशेष महत्व है. हरिद्वार को हरि का द्वार भी कहा जाता है. हरि यानी विष्णु हर यानी शिव इस प्रकार हरिद्वार भगवान विष्णु और महादेव शंकर दोनों की पावन स्थली में प्रवेश का द्वार है. इससे भी बढ़कर यहां की पावन धरती पर रहने का और शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला. सभी विद्यार्थियों के लिए बड़ी सौभाग्य की बात है. स्वामी रामदेव के योगदान से आज योगाभ्यास से जोड़कर उन्होंने अनगिनत लोगों का कल्याण किया है और स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदला है.

राष्ट्रपति ने कहा कि आज से 10-15 साल पहले भारत में योग को एक तपस्या माना जाता था. लोग ऐसा सोचते थे कि योग वही कर सकता है, जो संन्यासी होगा, जिसने घर गृहस्थी छोड़ दी होगी और जो साधु संत होगा. लेकिन स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदल दिया. आज हर व्यक्ति चाहे ट्रेन में सफर कर रहा हो या बस में उसको कभी आप लोगों ने ध्यान से देखा होगा तो वह तो अनुलोम-विलोम में लगा होगा. पतंजलि समूह के शिक्षण संस्थान में भावी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया जा रहा है, जिससे भारतीयता का विकास हो रहा है.

पढ़ें- शीतकालीन सत्र को लेकर बोले हरीश रावत, भराड़ीसैंण में सरकार को लगती है ठंड

2019 में आए थे हरिद्वार: इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद अक्टूबर 2019 में भी हरिद्वार आए थे. उन्होंने पत्नी सविता कोविंद के साथ हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में पहुंचकर श्री पारदेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना और रुद्राभिषेक किया था. इस दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की देखरेख में उन्होंने पूजन किया था.

Last Updated : Nov 28, 2021, 4:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.