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भावुक होकर साबिर पाक दरगाह से लौटे पाकिस्तानी जायरीन, बोले- दोनों देशों के बीच भाईचारे की दुआ मांगी

साबिर पाक के उर्स में आए पाक जायरीनों का जत्था बुधवार शाम अपने वतन के लिए लौट गया. इससे पहले जब पाक जायरीन साबिर पाक की दरगाह पर आखिरी हाजरी देकर आए तो वे भावुक हो गए. पाकिस्तानी जायरीन 6 दिन तक पिरान कलियर में रहे.

Piran Kaliyar
Piran Kaliyar
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Published : Oct 13, 2022, 1:06 PM IST

रुड़की: पाकिस्तान से पिरान कलियर उर्स मेले में आए 150 जायरीनों के जत्थे को बीती देर रात बसों से कड़ी सुरक्षा के बीच कलियर से रुड़की रेलवे स्टेशन पर लाया गया. यहां से लाहौरी एक्सप्रेस से पाकिस्तानी जायरीन वापस अपने वतन के लिए रवाना हो गए.

बता दें कि साबिर साहब के 754वें उर्स में शामिल होने के लिए सात अक्टूबर को 150 पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था लाहौरी एक्सप्रेस से रुड़की रेलवे स्टेशन पहुंचा था. यहां से सभी जायरीन कलियर पहुंचे. कलियर में साबरी गेस्ट हाउस में सभी जायरीन रहे. इस दौरान पाक जायरीनों ने उर्स की सभी रस्मों में बढ़-चढ़कर भाग लिया.
पढ़ें- पाकिस्तान तक चर्चित है पिरान कलियर का गूलर का पेड़, ये है मान्यता

बुधवार को 6 दिन बाद दोस्ती, अमन और भाईचारे का पैगाम लेकर सभी 150 पाकिस्तानी जायरीन कड़ी सुरक्षा के बीच अपने वतन लौट गए. पाकिस्तानी जायरीन की सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन ने रुड़की रेलवे स्टेशन पुख्ता इंतजामात किए थे. पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ खुफिया विभाग भी मौके पर मुस्तैद रहा. इस दौरान कलियर से वापस जाते समय पाक जायरीनों की आंखें नम हो गई थी.

पाकिस्तानी जत्थे के ग्रुप लीडर रियाज अहमद साबरी ने रुखसती से पहले भारत दौरे के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि वह प्यार और अपनत्व से भरी इस यात्रा को कभी भूल नहीं पाएंगे. उन्होंने बताया कि दरगाह साबिर पाक में बिताया गया करीब एक सप्ताह का समय पूरे जत्थे का यादगार पल रहेगा. हिंदुस्तान की आवाम ने उनका बहुत गर्मजोशी के साथ स्वागत किया, जिसके लिए वह आभारी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वह प्यार, अमन और शांति का पैगाम लेकर हिंदुस्तान आए थे और उन्होंने दरगाह साबिर पाक से भी यही दुआ मांगी है कि दोनों देशों के बीच भाईचारा बना रहे.

रुड़की: पाकिस्तान से पिरान कलियर उर्स मेले में आए 150 जायरीनों के जत्थे को बीती देर रात बसों से कड़ी सुरक्षा के बीच कलियर से रुड़की रेलवे स्टेशन पर लाया गया. यहां से लाहौरी एक्सप्रेस से पाकिस्तानी जायरीन वापस अपने वतन के लिए रवाना हो गए.

बता दें कि साबिर साहब के 754वें उर्स में शामिल होने के लिए सात अक्टूबर को 150 पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था लाहौरी एक्सप्रेस से रुड़की रेलवे स्टेशन पहुंचा था. यहां से सभी जायरीन कलियर पहुंचे. कलियर में साबरी गेस्ट हाउस में सभी जायरीन रहे. इस दौरान पाक जायरीनों ने उर्स की सभी रस्मों में बढ़-चढ़कर भाग लिया.
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बुधवार को 6 दिन बाद दोस्ती, अमन और भाईचारे का पैगाम लेकर सभी 150 पाकिस्तानी जायरीन कड़ी सुरक्षा के बीच अपने वतन लौट गए. पाकिस्तानी जायरीन की सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन ने रुड़की रेलवे स्टेशन पुख्ता इंतजामात किए थे. पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ खुफिया विभाग भी मौके पर मुस्तैद रहा. इस दौरान कलियर से वापस जाते समय पाक जायरीनों की आंखें नम हो गई थी.

पाकिस्तानी जत्थे के ग्रुप लीडर रियाज अहमद साबरी ने रुखसती से पहले भारत दौरे के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि वह प्यार और अपनत्व से भरी इस यात्रा को कभी भूल नहीं पाएंगे. उन्होंने बताया कि दरगाह साबिर पाक में बिताया गया करीब एक सप्ताह का समय पूरे जत्थे का यादगार पल रहेगा. हिंदुस्तान की आवाम ने उनका बहुत गर्मजोशी के साथ स्वागत किया, जिसके लिए वह आभारी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वह प्यार, अमन और शांति का पैगाम लेकर हिंदुस्तान आए थे और उन्होंने दरगाह साबिर पाक से भी यही दुआ मांगी है कि दोनों देशों के बीच भाईचारा बना रहे.

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