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योग गुरु बाबा रामदेव ने मदरसे में फहराया तिरंगा, ध्वजारोहण के समय टूटा राष्ट्रीय ध्वज का डंडा

आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है. वहीं 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहादराबाद के बुड्ढाहेड़ी गांव में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण के लिए पहुंचे, योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज जिस डंडे से बंधा था वह टूट गया. गनीमत यह रही कि युवाओं ने ध्वज को जमीन पर नहीं गिरने दिया और घटना के बाद बाबा रामदेव कुछ देर के लिए सकपका गए.

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Published : Aug 15, 2022, 1:33 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 8:23 AM IST

रुड़की: आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के रूप में मना रहा है. जिसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहादराबाद के बुड्ढाहेड़ी गांव में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण के लिए पहुंचे, योगगुरु बाबा रामदेव (Yoga Guru Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balakrishna) की मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज जिस डंडे से बंधा था वह टूट गया. गनीमत यह रही कि युवाओं ने ध्वज को जमीन पर नहीं गिरने दिया और जिसके बाद दोबारा ध्वजारोहण किया गया.

बता दें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव आज बहादराबाद थाना क्षेत्र के बुड्ढाहेड़ी गांव स्थित मदरसे में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण करने के लिए आचार्य बालकृष्ण के साथ पहुंचे. इस मौके पर योगगुरु बाबा रामदेव ने ध्वजारोहण के लिए जैसे ही रस्सी को खींचा राष्ट्रीय ध्वज नहीं खुला और साथ में उपस्थित आचार्य बालकृष्ण ने भी ध्वज को खोलने का प्रयास किया, लेकिन ध्वज नहीं खुला. शायद रस्सी में गांठ गलत बंध गई थी.

ध्वजारोहण के समय राष्ट्रीय ध्वज का टूटा डंडा.

इस दौरान पास में खड़े एक व्यक्ति जो कि शायद कार्यक्रम आयोजक समिति से थे, उन्होंने रस्सी को हाथ में लेकर तेजी से खींचना शुरू कर दिया. उनके द्वारा रस्सी इतनी तेज खींची गई कि ध्वज जिस डंडे में बांधा गया था वह डंडा ही टूट गया.
पढ़ें-CM पुष्कर धामी ने सीएम आवास में किया ध्वजारोहण, स्वतंत्रता दिवस की दी शुभकामनाएं

डंडा टूटने के बाद ध्वज नीचे की ओर गिरने लगा, लेकिन तभी छत पर खड़े युवाओं ने उसे पकड़ लिया. उन युवाओं ने ही झंडे की गांठ को हाथों से खोला और फिर आचार्य बालकृष्ण ने युवाओं से झंडे को फिर से बांधने की बात कही. इस घटना के बाद योगुरु रामदेव कुछ देर सकपका गए. इस दौरान उनके सिर पर पहनी गई तिरंगे की पगड़ी भी जमीन पर जा गिरी, यह पूरी घटना मीडिया के कैमरों में कैद हो गई.

योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि आजादी का यह दिन बहुत से महापुरुष नहीं देख पाए हैं. मगर आज हम अपनी आंखों से आजादी का अमृत महोत्सव देख रहे हैं और मना रहे हैं. 2047 में जब आजादी का शताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा. उस वक्त संपूर्ण देशवासियों को अपने कर्तव्य को निभाते हुए भारत को विश्वगुरु बनाना है.

आज शिक्षा स्वास्थ्य उद्योग और देश की सुरक्षा को लेकर देश ने गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. इसके लिए हम उन करोड़ों देशवासियों का अभिनंदन करते हैं जिनके पुराषत से आज भारत शक्तिशाली रूप में खड़ा है. बाबा रामदेव का कहना है कि आज पूरे देश में एक जज्बा देखने को मिल रहा है. मुझे मुस्लिम भाइयों ने मदरसे में झंडा फहराने बुलवाया, यह भारतीय भाईचारा की बहुत बड़ी मिसाल है.

रुड़की: आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के रूप में मना रहा है. जिसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहादराबाद के बुड्ढाहेड़ी गांव में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण के लिए पहुंचे, योगगुरु बाबा रामदेव (Yoga Guru Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balakrishna) की मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज जिस डंडे से बंधा था वह टूट गया. गनीमत यह रही कि युवाओं ने ध्वज को जमीन पर नहीं गिरने दिया और जिसके बाद दोबारा ध्वजारोहण किया गया.

बता दें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव आज बहादराबाद थाना क्षेत्र के बुड्ढाहेड़ी गांव स्थित मदरसे में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण करने के लिए आचार्य बालकृष्ण के साथ पहुंचे. इस मौके पर योगगुरु बाबा रामदेव ने ध्वजारोहण के लिए जैसे ही रस्सी को खींचा राष्ट्रीय ध्वज नहीं खुला और साथ में उपस्थित आचार्य बालकृष्ण ने भी ध्वज को खोलने का प्रयास किया, लेकिन ध्वज नहीं खुला. शायद रस्सी में गांठ गलत बंध गई थी.

ध्वजारोहण के समय राष्ट्रीय ध्वज का टूटा डंडा.

इस दौरान पास में खड़े एक व्यक्ति जो कि शायद कार्यक्रम आयोजक समिति से थे, उन्होंने रस्सी को हाथ में लेकर तेजी से खींचना शुरू कर दिया. उनके द्वारा रस्सी इतनी तेज खींची गई कि ध्वज जिस डंडे में बांधा गया था वह डंडा ही टूट गया.
पढ़ें-CM पुष्कर धामी ने सीएम आवास में किया ध्वजारोहण, स्वतंत्रता दिवस की दी शुभकामनाएं

डंडा टूटने के बाद ध्वज नीचे की ओर गिरने लगा, लेकिन तभी छत पर खड़े युवाओं ने उसे पकड़ लिया. उन युवाओं ने ही झंडे की गांठ को हाथों से खोला और फिर आचार्य बालकृष्ण ने युवाओं से झंडे को फिर से बांधने की बात कही. इस घटना के बाद योगुरु रामदेव कुछ देर सकपका गए. इस दौरान उनके सिर पर पहनी गई तिरंगे की पगड़ी भी जमीन पर जा गिरी, यह पूरी घटना मीडिया के कैमरों में कैद हो गई.

योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि आजादी का यह दिन बहुत से महापुरुष नहीं देख पाए हैं. मगर आज हम अपनी आंखों से आजादी का अमृत महोत्सव देख रहे हैं और मना रहे हैं. 2047 में जब आजादी का शताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा. उस वक्त संपूर्ण देशवासियों को अपने कर्तव्य को निभाते हुए भारत को विश्वगुरु बनाना है.

आज शिक्षा स्वास्थ्य उद्योग और देश की सुरक्षा को लेकर देश ने गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. इसके लिए हम उन करोड़ों देशवासियों का अभिनंदन करते हैं जिनके पुराषत से आज भारत शक्तिशाली रूप में खड़ा है. बाबा रामदेव का कहना है कि आज पूरे देश में एक जज्बा देखने को मिल रहा है. मुझे मुस्लिम भाइयों ने मदरसे में झंडा फहराने बुलवाया, यह भारतीय भाईचारा की बहुत बड़ी मिसाल है.

Last Updated : Aug 16, 2022, 8:23 AM IST
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