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हरिद्वार में बैन के बाद भी धड़ल्ले से बिक रहा सिंगल यूज प्लास्टिक, शोपीस बने हैंडमेड प्रोडक्ट

हरिद्वार में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने के बाद भी धड़ल्ले से बिक रहा है. हरिद्वार नगर निगम प्रशासन ने सिंगल यूज प्लास्टिक के बदले में कांस और बांस की बोटलों के स्टॉल लगाए हैं. लेकिन कीमत ज्यादा होने के कारण लोग उन्हें नहीं खरीद रहे हैं. ऐसे में हरिद्वार में केंद्र की सिंगल यूज प्लास्टिक बैन की मुहिम फेल होती नजर आ रही है.

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हरिद्वार
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Published : Sep 12, 2022, 11:19 AM IST

Updated : Sep 12, 2022, 11:51 AM IST

हरिद्वारः केंद्र की मोदी सरकार ने 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (single use plastic ban in india) लगा दिया था. इसके तहत प्लास्टिक से बनी चीजें बंद कर दी गईं. लेकिन हरिद्वार में हर की पैड़ी पर प्लास्टिक की बिक्री पर रोक लगा पाना प्रशासन के लिए चुनौती (Single use plastic being sold at Haridwar Har Ki Paidi) बना हुआ है. नगर निगम की ओर से लगाए गए कांच और बांस की बोतलों को खरीदने में लोग रुचि नहीं ले रहे हैं.

जुलाई महीने की शुरुआत में नगर निगम हरिद्वार ने हरकी पैड़ी पर कांच और बांस की बोतल, जूट के थैले, कपड़े की चटाई के स्टॉल शुरू किए थे. इन स्टॉलों का संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा गया था. लेकिन 2 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी लोग इन हैंडमेड उत्पादों को खरीदने में रुचि नहीं ले रहे हैं. इसका बड़ा कारण इन उत्पादों का प्लास्टिक कैन की तुलना में महंगा होना है. प्लास्टिक की कैन 20 से 50 रुपए में आसानी से उपलब्ध हो रही है. वहीं हैंडमेड उत्पादों की कीमत 100 रुपए है. जूट के थैले भी कीमत भी पॉलिथीन से दोगुनी है. यही कारण है कि स्टॉल संभाल रही ये महिलाएं पूरे दिन में 200 से 500 रुपए तक व्यापार ही कर पाती हैं.

हरिद्वार में बैन के बाद भी धड़ल्ले से बिक रहा सिंगल यूज प्लास्टिक.
ये भी पढ़ेंः हल्द्वानी में प्रशासन का सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ एक्शन, रिलायंस मॉल पर 2 लाख का जुर्माना

प्लास्टिक बैन होने के बाद इन उत्पादों को विकल्प के रूप में तैयार किया गया था. लेकिन हरकी पैड़ी पर आज भी प्लास्टिक की कैन धड़ल्ले से बिक रहे हैं. इसकी वजह से लोग हैंडमेड उत्पादों को नहीं खरीद रहे हैं. हालांकि, अधिकारी प्लास्टिक बेचने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई होने की बात कर रहे हैं. लेकिन नगर निगम में कार्रवाई बेअसर साबित हो रही है. प्लास्टिक बैन होने पर महिला स्वयं सहायता समूह को अपने उत्पाद बेचने और रोजगार के मौके मिलने की उम्मीद जगी थी. लेकिन फिलहाल नगर निगम हैंडमेड उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना सफल होता नहीं दिख रहा है.

1 जुलाई से लगाई गई पाबंदीः केंद्र की मोदी सरकार ने 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया था. इसके तहत प्लास्टिक से बनी चीजें बंद कर दी गईं थी. इस बैन में रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें भी शामिल हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उन सामानों की लिस्ट जारी की है, जिनपर रोक लगाई गई है. सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिनका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर इस्तेमाल कर फेंक देते हैं और जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.
ये भी पढ़ेंः रुद्रपुर में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ रात भर चला चेकिंग अभियान, 10 गाड़ियां सीज

इन सामान पर लगाई गई पाबंदी
1: प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले)
2: प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
3: गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
4: प्लास्टिक के झंडे
5: कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक
6: थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन)
7: प्लास्टिक की प्लेट
8: प्लास्टिक के कप
9: प्लास्टिक के गिलास
10: कांटे
11: चम्मच
12: चाकू
13: स्ट्रॉ
14: ट्रे
15: मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म
16: इन्विटेशन कार्ड
17: सिगरेट के पैकेट
18: 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
19: स्टिरर (चीनी आदि मिलाने वाली चीज)

हरिद्वारः केंद्र की मोदी सरकार ने 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (single use plastic ban in india) लगा दिया था. इसके तहत प्लास्टिक से बनी चीजें बंद कर दी गईं. लेकिन हरिद्वार में हर की पैड़ी पर प्लास्टिक की बिक्री पर रोक लगा पाना प्रशासन के लिए चुनौती (Single use plastic being sold at Haridwar Har Ki Paidi) बना हुआ है. नगर निगम की ओर से लगाए गए कांच और बांस की बोतलों को खरीदने में लोग रुचि नहीं ले रहे हैं.

जुलाई महीने की शुरुआत में नगर निगम हरिद्वार ने हरकी पैड़ी पर कांच और बांस की बोतल, जूट के थैले, कपड़े की चटाई के स्टॉल शुरू किए थे. इन स्टॉलों का संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा गया था. लेकिन 2 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी लोग इन हैंडमेड उत्पादों को खरीदने में रुचि नहीं ले रहे हैं. इसका बड़ा कारण इन उत्पादों का प्लास्टिक कैन की तुलना में महंगा होना है. प्लास्टिक की कैन 20 से 50 रुपए में आसानी से उपलब्ध हो रही है. वहीं हैंडमेड उत्पादों की कीमत 100 रुपए है. जूट के थैले भी कीमत भी पॉलिथीन से दोगुनी है. यही कारण है कि स्टॉल संभाल रही ये महिलाएं पूरे दिन में 200 से 500 रुपए तक व्यापार ही कर पाती हैं.

हरिद्वार में बैन के बाद भी धड़ल्ले से बिक रहा सिंगल यूज प्लास्टिक.
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प्लास्टिक बैन होने के बाद इन उत्पादों को विकल्प के रूप में तैयार किया गया था. लेकिन हरकी पैड़ी पर आज भी प्लास्टिक की कैन धड़ल्ले से बिक रहे हैं. इसकी वजह से लोग हैंडमेड उत्पादों को नहीं खरीद रहे हैं. हालांकि, अधिकारी प्लास्टिक बेचने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई होने की बात कर रहे हैं. लेकिन नगर निगम में कार्रवाई बेअसर साबित हो रही है. प्लास्टिक बैन होने पर महिला स्वयं सहायता समूह को अपने उत्पाद बेचने और रोजगार के मौके मिलने की उम्मीद जगी थी. लेकिन फिलहाल नगर निगम हैंडमेड उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना सफल होता नहीं दिख रहा है.

1 जुलाई से लगाई गई पाबंदीः केंद्र की मोदी सरकार ने 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया था. इसके तहत प्लास्टिक से बनी चीजें बंद कर दी गईं थी. इस बैन में रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें भी शामिल हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उन सामानों की लिस्ट जारी की है, जिनपर रोक लगाई गई है. सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिनका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर इस्तेमाल कर फेंक देते हैं और जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.
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इन सामान पर लगाई गई पाबंदी
1: प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले)
2: प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
3: गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
4: प्लास्टिक के झंडे
5: कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक
6: थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन)
7: प्लास्टिक की प्लेट
8: प्लास्टिक के कप
9: प्लास्टिक के गिलास
10: कांटे
11: चम्मच
12: चाकू
13: स्ट्रॉ
14: ट्रे
15: मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म
16: इन्विटेशन कार्ड
17: सिगरेट के पैकेट
18: 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
19: स्टिरर (चीनी आदि मिलाने वाली चीज)

Last Updated : Sep 12, 2022, 11:51 AM IST
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