रुड़कीः बीती रविवार को मतलबपुर गांव से लापता हुए बैंक कर्मी का शव मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के आसफनगर झाल से बरामद हुआ है. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जमकर हंगामा किया और धरने पर बैठ गए. इन लोगों को पुलिस ने बमुश्किल शांत कराया. परिजनों ने सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम नहीं होने दिया और शव को एम्स ऋषिकेश ले गए.
बता दें कि गंगनगर कोतवाली क्षेत्र के मतलबपुर निवासी विक्रम सैनी रुड़की के भारतीय स्टेट बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे. बीते रविवार की शाम उनके पास एक नंबर से फोन आया था. जिसके बाद वो घर से चले गये थे, लेकिन वापस नहीं लौटे. परिजनों के मुताबिक करीब साढ़े सात बजे विक्रम ने अपनी बहन के पास फोन कर बताया था कि कुछ लोग उसे परेशान कर रहे हैं. इसके बाद फोन बंद हो गया था.
इस मामले में परिजनों ने विक्रम की गुमशुदगी दर्ज कराई. इस मामले में परिजनों ने पूर्व बैंक कर्मचारी वीरेंद्र गुप्ता, संविदा बैंक कर्मचारी अशोक कश्यप और उसके साले विनय कश्यप पर अपहरण करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने इस मामले को अपहरण की धारा में तब्दील किया था. गुरुवार सुबह बैंक कर्मचारी विक्रम सैनी का शव मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के आसफनगर झाल से बरामद हुआ.
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पुलिस ने विक्रम सैनी की डेड बॉडी को कब्जे में लेकर रुड़की सिविल अस्पताल में पीएम की कार्रवाई के लिए भिजवा दिया. वहीं, शव बरामद होते ही परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए. सिविल अस्पताल की मोर्चरी के बाहर काफी संख्या में लोग जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी. आक्रोशित ग्रामीण रुड़की में शव का पोस्टमार्टम न कराने की मांग पर अड़ गए.
इसके साथ उनकी मांग थी कि आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जाए. जिस पर पुलिस ने बमुश्किल ग्रामीणों को समझाया, लेकिन परिजनों ने रुड़की में पोस्टमार्टम नहीं होने दिया. परिजनों का आरोप था कि उनको यहां की पुलिस पर भरोसा नहीं है, जिसके बाद परिजन और ग्रामीण शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए ऋषिकेश रवाना हो गए.