हरिद्वार: कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मारामारी ऑक्सीजन को लेकर हो रही है. उत्तराखंड में ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए राज्य सरकार अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रही है. हरिद्वार के भेल (बीएचईएल) में भी ऑक्सीजन के दो प्लांट बनाए गए हैं, जहां से भारी मात्रा ने ऑक्सीजन उत्तराखंड समेत देश के अन्य राज्यों में सप्लाई हो रही है. मंगलवार को हरिद्वार जिले के प्रभारी मंत्री और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भेल (बीएचईएल) का निरीक्षण किया.
इस दौरान उन्होंने प्राणवायु उपलब्ध करवाने के कार्य में लगी बीएचएल की प्रशंसा की और प्लांट की क्षमता बढ़ाने व नया प्लांट लगाने के लिए भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस संबंध वे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी पत्र लिखकर आग्रह करेंगे. बीएचईएल के ईडी संजय गुप्ता ने कहा गया इस मामले में वह अपने उच्च अधिकारियों से वार्ता कर आगे की रूपरेखा तय करेंगे.
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बता दें कि जब देश में ऑक्सीजन के लिए हायतौबा मची हुई थी, तब हरिद्वार का भेल आगे आया था. भेल के दो प्लांट से ऑक्सीजन वितरित की जाती है, जिसको उन्होंने मेडिकल संस्थाओं को देने का निर्णय लिया था. ताकि देश में काफी हद तक ऑक्सीजन की कमी को दूर किया जा सके. हरिद्वार भेल से बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई हो रही है, जो उत्तराखंड समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में जा रहे हैं. कैबिनेट मंत्री महाराज ने इन दोनों प्लांटों का निरीक्षण किया.
निरीक्षण करने के बाद कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि आने वाले समय में ऑक्सीजन की काफी डिमांड आ सकती है. इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से अनुरोध किया है कि हरिद्वार भेल में एक और प्लांट लगाया जाए. साथ ही दोनों प्लांटों की कैपेसिटी बढ़ाई जाए.
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड को यहां से 16 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलनी थी, लेकिन उसके बजाए हमें झबरेड़ा से 30 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही है. हरिद्वार जिले में भी ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी की जा रही है. कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार पहले ही सजग है. अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी. अभी तक वह कोरोना से अछूते रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए तैयारी की जा रही है.
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बीएचईएल कंपनी के ईडी संजय गुलाटी ने बताया कि कैबिनेट मंत्री ने दोनों प्लांट का निरीक्षण किया है. उन्होंने कैपेसिटी बढ़ाने का आग्रह किया है. साथ ही एक और प्लांट लगाने की बात कही है. इसको लेकर उच्च अधिकारियों से वार्ता की जाएगी. हरिद्वार जिले की डिमांड के अनुसार 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई की गई. यह प्लांट ऑक्सीजन फिलिंग के लिए नहीं था, लेकिन हालात को देखते हुए इस कार्य को किया गया. ताकि लोगों का जीवन बचाया जा सके. हरिद्वार के कई हॉस्पिटल उनके यहां ऑक्सीजन सिलेंडर लेने आ रहे हैं.