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हरिद्वार कुंभ नहीं बना कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर', मेला प्रशासन ने आंकड़ों की दी गवाही

कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही समाज के एक हिस्से और खासकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने कुंभ को एक विलेन की तरह पेश किया गया. हरिद्वार कुंभ को कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर' कहा जा रहा था, लेकिन मेला प्रशासन ने इन दावों को खारिज किया है, जिसका लेकर उन्होंने कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं.

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हरिद्वार
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Published : May 31, 2021, 9:56 AM IST

Updated : May 31, 2021, 11:59 AM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में हाल ही में संपन्न हुए कुंभ मेले को कोरोना का सुपर स्प्रेडर बताया जा रहा है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको लेकर मीडिया रिपोर्टिंग भी की जा रही है, लेकिन मेला प्रशासन ने इससे साफ इंकार कर दिया है. उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं. मेला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से मेला समाप्त होने तक किये गये कुल आरटी-पीसीआर परीक्षणों में से केवल 0.2 प्रतिशत लोगों के संक्रमित होने का पता चला, जबकि मेले में तैनात केवल 0.5 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए.

हरिद्वार कुंभ नहीं बना कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर', मेला प्रशासन के आंकडे़ दे रहे गवाही

हरिद्वार में कुंभ के दौरान एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 8.91 लाख RT-PCR जांच की गई, जिनमें से केवल 1,954 लोग संक्रमित मिले. कुंभ मेले में तैनात 16 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों में से केवल 88 पुलिसकर्मी ही 30 अप्रैल तक संक्रमित पाए गए. हालांकि, मीडिया और इंटेलिजेंस की तरफ से जो आंकड़ें दिखाए जा रहे, वो मेला प्रशासन से मेल नहीं खा रहे हैं.

हरिद्वार मेला प्रशासन के आंकड़े

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हरिद्वार मेला प्रशासन के आंकड़े

वहीं, दूसरी ओर मीडिया और इंटेलिजेंस ने कुंभ मेले के दौरान गाड़ियों व श्रद्धालुओं की मूवमेंट को लेकर जो आंकड़े पेश किए हैं, जो मेला प्रसाशन के आंकड़ों से मेल ही नहीं खाते.

मीडिया और इंटेलिजेंस के मुताबिक जारी आंकड़े

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https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11959835_info-one.jpg

ये भी पढ़ेंः एलोपैथी के बाद बाबा रामदेव के निशाने पर निजी अस्पताल, लगाये गंभीर आरोप

कुंभ का दुष्प्रचार किया गया

हरिद्वार कुंभ को जिस तरह से कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर' कहा जा रहा है, उसको लेकर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि कुंभ मेला विश्व की सांस्कृतिक अमूल्य धरोहर है, जहां मनुष्य अपने प्रश्नों के उत्तर पाता है. जीवन की सिद्धि समाधान जहां मिलता है, वह कुंभ ही तो है. इसका दुष्प्रचार किया गया कि यहां से कोरोना का संक्रमण फैला है. कुंभ में जितने भी स्नान हुए उनमें भारी भीड़ नहीं आई. मैंने अनेक कुंभ देखे हैं, लेकिन इस प्रकार की भीड़ हरिद्वार में नहीं थी. यहां के सारे घाट खाली रहे. कुंभ का स्नान केवल हरकी पैड़ी तक सीमित रखा गया. उसमें विशेषकर संन्यासी और कुछ भक्त ही स्नान कर रहे थे.

होटल कारोबारियों नुकसान

होटल कारोबारी विभास मिश्रा का कहना है कि कुंभ में श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या में आने की उम्मीद थी. लेकिन श्रद्धालुओं की कम संख्या के कारण होटल कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़ेंः Allopathy Vs Ayurveda: फिर बरसे रामदेव, कहा- हिम्मत हो तो आमिर के खिलाफ खोलें मोर्चा

कुंभ की भव्यता कोरोना में सिमटी

वहीं, तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित का कहना है कि कुंभ मेला सनातन धर्म और परंपरा का सबसे बड़ा मेला है. हर धर्मालम्बियों की यह इच्छा रहती है कि इस कुंभ काल में वह साधु संतों के साथ मां गंगा में स्नान करे. लेकिन दुर्भाग्यवश जिस प्रकार से कोरोना की स्थिति थी उसमें कुंभ की भव्यता और दिव्यता कोरोना में सिमट गई.

हरिद्वार कुंभ नहीं बना कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर', मेला प्रशासन के आंकडे़ दे रहे गवाही

RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट के आधार पर एंट्री

वहीं, कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि कुंभ में सरकार द्वार जारी एसओपी के मुताबिक ही श्रद्धालुओं की एंट्री हुई है. बॉर्डर पर RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट पर ही लोगों को कुंभ में एंट्री मिली. बॉर्डर पर भी बकायदा सीसीटीवी कैमरा थे. ट्रेन से कुंभ आने वाले यात्रियों की भी नेगेटिव रिपोर्ट चेक की गई, जो यात्री नेगेटिव रिपोर्ट लेकर नहीं आए थे, उनका स्टेशन पर ही कोरोना टेस्ट किया गया.

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में हाल ही में संपन्न हुए कुंभ मेले को कोरोना का सुपर स्प्रेडर बताया जा रहा है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको लेकर मीडिया रिपोर्टिंग भी की जा रही है, लेकिन मेला प्रशासन ने इससे साफ इंकार कर दिया है. उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं. मेला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से मेला समाप्त होने तक किये गये कुल आरटी-पीसीआर परीक्षणों में से केवल 0.2 प्रतिशत लोगों के संक्रमित होने का पता चला, जबकि मेले में तैनात केवल 0.5 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए.

हरिद्वार कुंभ नहीं बना कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर', मेला प्रशासन के आंकडे़ दे रहे गवाही

हरिद्वार में कुंभ के दौरान एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 8.91 लाख RT-PCR जांच की गई, जिनमें से केवल 1,954 लोग संक्रमित मिले. कुंभ मेले में तैनात 16 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों में से केवल 88 पुलिसकर्मी ही 30 अप्रैल तक संक्रमित पाए गए. हालांकि, मीडिया और इंटेलिजेंस की तरफ से जो आंकड़ें दिखाए जा रहे, वो मेला प्रशासन से मेल नहीं खा रहे हैं.

हरिद्वार मेला प्रशासन के आंकड़े

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हरिद्वार मेला प्रशासन के आंकड़े

वहीं, दूसरी ओर मीडिया और इंटेलिजेंस ने कुंभ मेले के दौरान गाड़ियों व श्रद्धालुओं की मूवमेंट को लेकर जो आंकड़े पेश किए हैं, जो मेला प्रसाशन के आंकड़ों से मेल ही नहीं खाते.

मीडिया और इंटेलिजेंस के मुताबिक जारी आंकड़े

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कुंभ का दुष्प्रचार किया गया

हरिद्वार कुंभ को जिस तरह से कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर' कहा जा रहा है, उसको लेकर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि कुंभ मेला विश्व की सांस्कृतिक अमूल्य धरोहर है, जहां मनुष्य अपने प्रश्नों के उत्तर पाता है. जीवन की सिद्धि समाधान जहां मिलता है, वह कुंभ ही तो है. इसका दुष्प्रचार किया गया कि यहां से कोरोना का संक्रमण फैला है. कुंभ में जितने भी स्नान हुए उनमें भारी भीड़ नहीं आई. मैंने अनेक कुंभ देखे हैं, लेकिन इस प्रकार की भीड़ हरिद्वार में नहीं थी. यहां के सारे घाट खाली रहे. कुंभ का स्नान केवल हरकी पैड़ी तक सीमित रखा गया. उसमें विशेषकर संन्यासी और कुछ भक्त ही स्नान कर रहे थे.

होटल कारोबारियों नुकसान

होटल कारोबारी विभास मिश्रा का कहना है कि कुंभ में श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या में आने की उम्मीद थी. लेकिन श्रद्धालुओं की कम संख्या के कारण होटल कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है.

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कुंभ की भव्यता कोरोना में सिमटी

वहीं, तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित का कहना है कि कुंभ मेला सनातन धर्म और परंपरा का सबसे बड़ा मेला है. हर धर्मालम्बियों की यह इच्छा रहती है कि इस कुंभ काल में वह साधु संतों के साथ मां गंगा में स्नान करे. लेकिन दुर्भाग्यवश जिस प्रकार से कोरोना की स्थिति थी उसमें कुंभ की भव्यता और दिव्यता कोरोना में सिमट गई.

हरिद्वार कुंभ नहीं बना कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर', मेला प्रशासन के आंकडे़ दे रहे गवाही

RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट के आधार पर एंट्री

वहीं, कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि कुंभ में सरकार द्वार जारी एसओपी के मुताबिक ही श्रद्धालुओं की एंट्री हुई है. बॉर्डर पर RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट पर ही लोगों को कुंभ में एंट्री मिली. बॉर्डर पर भी बकायदा सीसीटीवी कैमरा थे. ट्रेन से कुंभ आने वाले यात्रियों की भी नेगेटिव रिपोर्ट चेक की गई, जो यात्री नेगेटिव रिपोर्ट लेकर नहीं आए थे, उनका स्टेशन पर ही कोरोना टेस्ट किया गया.

Last Updated : May 31, 2021, 11:59 AM IST
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