हरिद्वारः उत्तराखंड सरकार के अतिक्रमण ध्वस्तीकरण कार्रवाई को हरिद्वार के संत समाज ने समर्थन दिया है. साधु संतों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस अभियान में तेजी लाने और 15 दिन के भीतर अतिक्रमण को ध्वस्त करने की मांग की. हरे राम आश्रम में श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा के साधु संतों द्वारा की गई बैठक में संतों ने लैंड जिहाद और समलैंगिक विवाह पर भी चर्चा की. बैठक में संतों ने एकमत होकर समलैंगिक विवाह का विरोध करते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति नहीं है. हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं और करते रहेंगे.
पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और एक सुनियोजित तरीके से यहां लैंड जिहाद चलाकर देवभूमि का स्वरूप बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. संतों ने सीएम धामी से 15 दिनों के भीतर सभी अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की मांग की है.
वहीं, दूसरी तरफ बड़े उदासीन अखाड़े के सचिव महंत दुर्गादास ने समलैंगिक विवाह और लिव इन रिलेशनशिप को भी लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति नहीं है. पश्चिम देशों की संस्कृति को भारत के युवा अपना रहे हैं जिन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है. हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि अब उनके द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें युवाओं को इन गलत विचारधाराओं से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही 26, 27 मई को विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक में भी धर्मांतरण, समलैंगिक विवाह और लिव इन रिलेशनशिप पर चर्चा की गई थी. बैठक में निर्णय लिया गया था कि सभी महिला संत आगामी दीपावली के 15 दिन पहले और 15 दिन बाद देश भर में जनजागरण चलाएंगी. इससे समाज की महिलाओं और लड़कियों को जागरूक किया जाएगा.
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