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हरिद्वार का मॉडर्न मदरसा, यहां मौलना बच्चों को देते हैं संस्कृत की तालीम

Maulana teaches Sanskrit to children in Haridwar Madrasa हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित मदरसा अरबिया दारुल उलूम रशीदिया में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के तहत संस्कृत भी पढ़ाई जाती है. ऐसे में मदरसे में पढ़ने वाले ढाई सौ से ज्यादा बच्चे न केवल उर्दू की तालीम ले रहे हैं, बल्कि संस्कृत के व्याकरण भी सीख रहे हैं.

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हरिद्वार का मॉडर्न मदरसा
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 14, 2023, 9:07 PM IST

Updated : Sep 14, 2023, 10:05 PM IST

हरिद्वार का मॉडर्न मदरसा

हरिद्वार: ज्वालापुर में चल रहा मदरसा अरबिया कई मदरसों के लिए मॉडल बन चुका है. मदरसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को उर्दू की तालीम दी जाती है. कुरान शरीफ के साथ-साथ संस्कृत के व्याकरण और उनके अनुवाद भी सिखाए जाते हैं. यहां के बच्चों को संस्कृत के कई श्लोक कंठस्थ हैं. कक्षाओं में बच्चों में संस्कृत को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है.

बच्चों का संवारा जा रहा भविष्य: मदरसे में बच्चों को न केवल तालीम दी जा रही है, बल्कि उनके संस्कारों को भी संवारा जा रहा है. बच्चों को साफ-सफाई और राष्ट्र सम्मान की भी तालीम दी जा रही है. मदरसे के संचालकों का कहना है कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाले इस मदरसे में एनसीईआरटी के पूरे पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाती है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मदरसों को लेकर दिए गए बयान से पहले ही यहां बच्चों को सभी तरह की शिक्षा दी जाती थी.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने 2 हजार वक्फ कमेटियों को भेजा नोटिस, 15 दिन में मांगा पूरा ब्योरा

अरबिया दारुल उलूम रशीदिया मदरसा बना मिसाल: मदरसे के संचालकों ने राज्य के सभी मदरसों से संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने की अपील की है. देश भर के तमाम मदरसों में दी जाने वाली तालीम को लेकर समय-समय पर बड़े सवाल खड़े होते रहे हैं. ऐसे में ज्वालापुर में चल रहा मदरसा अरबिया दारुल उलूम रशीदिया उन तमाम मदरसों के लिए मॉडल बनकर उभरा है. जिन पर धार्मिक उन्माद और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के मदरसों में हो पाएगा 'सुधार', इसीलिए सर्वे का फरमान?

हरिद्वार का मॉडर्न मदरसा

हरिद्वार: ज्वालापुर में चल रहा मदरसा अरबिया कई मदरसों के लिए मॉडल बन चुका है. मदरसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को उर्दू की तालीम दी जाती है. कुरान शरीफ के साथ-साथ संस्कृत के व्याकरण और उनके अनुवाद भी सिखाए जाते हैं. यहां के बच्चों को संस्कृत के कई श्लोक कंठस्थ हैं. कक्षाओं में बच्चों में संस्कृत को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है.

बच्चों का संवारा जा रहा भविष्य: मदरसे में बच्चों को न केवल तालीम दी जा रही है, बल्कि उनके संस्कारों को भी संवारा जा रहा है. बच्चों को साफ-सफाई और राष्ट्र सम्मान की भी तालीम दी जा रही है. मदरसे के संचालकों का कहना है कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाले इस मदरसे में एनसीईआरटी के पूरे पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाती है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मदरसों को लेकर दिए गए बयान से पहले ही यहां बच्चों को सभी तरह की शिक्षा दी जाती थी.

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अरबिया दारुल उलूम रशीदिया मदरसा बना मिसाल: मदरसे के संचालकों ने राज्य के सभी मदरसों से संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने की अपील की है. देश भर के तमाम मदरसों में दी जाने वाली तालीम को लेकर समय-समय पर बड़े सवाल खड़े होते रहे हैं. ऐसे में ज्वालापुर में चल रहा मदरसा अरबिया दारुल उलूम रशीदिया उन तमाम मदरसों के लिए मॉडल बनकर उभरा है. जिन पर धार्मिक उन्माद और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं.

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Last Updated : Sep 14, 2023, 10:05 PM IST
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