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हरिद्वार से गंगोत्री धाम के लिए भोग प्रसाद की सामग्री रवाना, 22 अप्रैल को खुलने हैं कपाट - हरिद्वार ताजा खबर

विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार गंगोत्री धाम के कपाट महज तीन दिन बाद यानी 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे. इससे पहले आज हरिद्वार से भोग प्रसाद के लिए खाद्य सामग्री रवाना की गयी. इसमें खुद गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज भी सवार हुए.

Material of Bhog Prasad
हरिद्वार से भोग प्रसाद
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Published : Apr 19, 2023, 5:29 PM IST

Updated : Apr 19, 2023, 5:39 PM IST

हरिद्वार से गंगोत्री धाम के लिए भोग प्रसाद की सामग्री रवाना.

हरिद्वारः उत्तराखंड में मात्र तीन दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. सबसे पहले 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे. इससे पहले गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज हरिद्वार के मनसा देवी चरण पादुका स्थल पहुंचे. यहां उनका मां मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी अनिल कुमार शर्मा और एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य सुनील कुमार ने भव्य स्वागत किया. इसके बाद विधि विधान के साथ भोग प्रसाद के लिए खाद्य सामग्री का एक ट्रक गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया. यह सामग्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट की ओर से भेजी गयी है.

गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज ने बताया कि इस बार गंगोत्री मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया पर 22 अप्रैल को पूरे विधि विधान के साथ खोले जाएंगे. इस साल भी गंगोत्री में पूजा विधान पूरे सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन से की जाएगी. उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल को मुखीमठ यानी मुखबा से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी, जो भैरों घाटी में रात्रि विश्राम के बाद 22 अप्रैल को गंगोत्री धाम पहुंचेगी. जहां पूरे विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ ही गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे.
ये भी पढ़ेंः 22 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट, ये रहेगा शुभ मुहूर्त और द्वार खुलने का समय

गंगोत्री धाम में सामग्री और राज भोग प्रसाद आरती की व्यवस्था करने पर रावल शिव प्रकाश महाराज ने मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी का आभार जताया. उन्होंने बताया कि यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही थी, लेकिन बीच में कुछ कारणों से चलते व्यवधान भी आया, लेकिन बीते 6 सालों से महंत रविंद्र पुरी के सहयोग यह परंपरा चल रही है.

उन्होंने बताया कि मां गंगा का षोडशोपचार पूजन, गंगा सहस्त्रनाम, गंगा लहरी पाठ के अलावा वैदिक परंपरा के अनुसार दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे. जिसके बाद गंगोत्री धाम में मां गंगा की पूजा अर्चना होगी. जहां श्रद्धालु सरकार की गाइडलाइन और प्रोटोकॉल के साथ मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे. वहीं, महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि परंपरा के अनुसार, पहले श्रद्धालु मां मनसा देवी मंदिर पहुंचकर आज्ञा लेकर चारधाम यात्रा शुरू करते थे.

हरिद्वार से गंगोत्री धाम के लिए भोग प्रसाद की सामग्री रवाना.

हरिद्वारः उत्तराखंड में मात्र तीन दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. सबसे पहले 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे. इससे पहले गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज हरिद्वार के मनसा देवी चरण पादुका स्थल पहुंचे. यहां उनका मां मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी अनिल कुमार शर्मा और एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य सुनील कुमार ने भव्य स्वागत किया. इसके बाद विधि विधान के साथ भोग प्रसाद के लिए खाद्य सामग्री का एक ट्रक गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया. यह सामग्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट की ओर से भेजी गयी है.

गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज ने बताया कि इस बार गंगोत्री मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया पर 22 अप्रैल को पूरे विधि विधान के साथ खोले जाएंगे. इस साल भी गंगोत्री में पूजा विधान पूरे सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन से की जाएगी. उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल को मुखीमठ यानी मुखबा से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी, जो भैरों घाटी में रात्रि विश्राम के बाद 22 अप्रैल को गंगोत्री धाम पहुंचेगी. जहां पूरे विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ ही गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे.
ये भी पढ़ेंः 22 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट, ये रहेगा शुभ मुहूर्त और द्वार खुलने का समय

गंगोत्री धाम में सामग्री और राज भोग प्रसाद आरती की व्यवस्था करने पर रावल शिव प्रकाश महाराज ने मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी का आभार जताया. उन्होंने बताया कि यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही थी, लेकिन बीच में कुछ कारणों से चलते व्यवधान भी आया, लेकिन बीते 6 सालों से महंत रविंद्र पुरी के सहयोग यह परंपरा चल रही है.

उन्होंने बताया कि मां गंगा का षोडशोपचार पूजन, गंगा सहस्त्रनाम, गंगा लहरी पाठ के अलावा वैदिक परंपरा के अनुसार दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे. जिसके बाद गंगोत्री धाम में मां गंगा की पूजा अर्चना होगी. जहां श्रद्धालु सरकार की गाइडलाइन और प्रोटोकॉल के साथ मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे. वहीं, महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि परंपरा के अनुसार, पहले श्रद्धालु मां मनसा देवी मंदिर पहुंचकर आज्ञा लेकर चारधाम यात्रा शुरू करते थे.

Last Updated : Apr 19, 2023, 5:39 PM IST
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