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स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि के निधन पर संत समाज में शोक की लहर, विधानसभा अध्यक्ष ने जताया दु:ख

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी की भारत के संतों में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. गुणवत्ता एवं जीवन मूल्यों को लोक जीवन में संचारित करने की दृष्टि में उनका विशिष्ट योगदान रहा. स्वामी सत्यमित्रानंद को इंग्लैंड में ब्रिटिश राज परिवार की ओर से सम्मानित किया गया था. उनका सभी धर्मों के धर्माचार्य सम्मान करते थे. उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर है.

फाइल फोटो
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Published : Jun 25, 2019, 6:07 PM IST

हरिद्वार: भारत माता मंदिर, हरिद्वार के संस्थापक शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि (87) का मंगलवार सुबह निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थे. बुधवार को हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर ट्रस्ट के राघव कुटीर में उन्‍हें समाधि दी जाएगी. गिरि के निधन पर संत समाज ने शोक व्यक्त किया है.

पढ़ें- 70 मीटर गहरी खाई गिरी गाय, पुलिस ने रेस्क्यू कर बचाई जान

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी की भारत के संतों में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. गुणवत्ता एवं जीवन मूल्यों को लोक जीवन में संचारित करने की दृष्टि में उनका विशिष्ट योगदान रहा. स्वामी सत्यमित्रानंद के उत्तराधिकारी जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने बताया है कि इंग्लैंड में उन्हें ब्रिटिश राज परिवार की ओर से सम्मानित किया गया था. उनका सभी धर्मों के धर्माचार्य सम्मान करते थे. उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर है.

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का निधन.

गिरी के निधन पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर सोमेश्वर नंद महाराज ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद का आभामंडल बहुत बड़ा था. उन्होंने भारत माता मंदिर की स्थापना के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बुलाया था. इस मंदिर की नींव रखने के लिए संघ प्रमुख रहे साहब देवरस को बुलाया गया था. सत्यमित्रानंद गिरी के निधन के बाद संत समाज में शोक की लहर है. सत्यमित्रानंद हमारे आदर्श थे. जब हम से कोई भी गलती होती थी तो वह हमें समझाते थे. उनके जैसा कोई और संत नहीं हो सकता.

पढ़ें- रॉयल वेडिंग के बाद कूड़े के ढेर में तब्दील औली, 200 करोड़ की शादी से हर तरफ बिखरा कचरा

अवधेशानंद गिरी ने बताया कि शाम चार बजे सत्यमित्रानंद गिरि के पार्थिव शरीर को आश्रम में जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा. बुधवार शाम को चार बजे उन्हें आश्रम में ही वह समाधि दी जाएगी.

कई नेता होंगे शामिल

बुधवार को सत्यमित्रानंद गिरि को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बाबा रामदेव समेत कई बड़े साधु-संत हरिद्वार पहुंच सकते हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ने जताया दु:ख
सत्यमित्रानंद गिरि के निधन पर उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सत्यमित्रानंद गिरी भारत माता मंदिर के संस्थापक रहे हैं. इसके साथ ही वह शंकराचार्य भी रहे हैं. स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी बहुत विद्वान संत थे और देशभर में उनके अनुयायी है. पिछले दिनों गिरी जी को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था. उनसे कई बार मिलने का मौका मिला है.

बता दें कि सत्यमित्रानंद गिरि बीते काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थे. दो दिन पहले ही उन्हें देहरादून के एक निजी अस्पताल से उन्हें आश्रम लाया गया था, जहां अस्थाई आईसीयू बनाकर उन्हें शिफ्ट किया गया था. मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.

हरिद्वार: भारत माता मंदिर, हरिद्वार के संस्थापक शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि (87) का मंगलवार सुबह निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थे. बुधवार को हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर ट्रस्ट के राघव कुटीर में उन्‍हें समाधि दी जाएगी. गिरि के निधन पर संत समाज ने शोक व्यक्त किया है.

पढ़ें- 70 मीटर गहरी खाई गिरी गाय, पुलिस ने रेस्क्यू कर बचाई जान

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी की भारत के संतों में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. गुणवत्ता एवं जीवन मूल्यों को लोक जीवन में संचारित करने की दृष्टि में उनका विशिष्ट योगदान रहा. स्वामी सत्यमित्रानंद के उत्तराधिकारी जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने बताया है कि इंग्लैंड में उन्हें ब्रिटिश राज परिवार की ओर से सम्मानित किया गया था. उनका सभी धर्मों के धर्माचार्य सम्मान करते थे. उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर है.

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का निधन.

गिरी के निधन पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर सोमेश्वर नंद महाराज ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद का आभामंडल बहुत बड़ा था. उन्होंने भारत माता मंदिर की स्थापना के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बुलाया था. इस मंदिर की नींव रखने के लिए संघ प्रमुख रहे साहब देवरस को बुलाया गया था. सत्यमित्रानंद गिरी के निधन के बाद संत समाज में शोक की लहर है. सत्यमित्रानंद हमारे आदर्श थे. जब हम से कोई भी गलती होती थी तो वह हमें समझाते थे. उनके जैसा कोई और संत नहीं हो सकता.

पढ़ें- रॉयल वेडिंग के बाद कूड़े के ढेर में तब्दील औली, 200 करोड़ की शादी से हर तरफ बिखरा कचरा

अवधेशानंद गिरी ने बताया कि शाम चार बजे सत्यमित्रानंद गिरि के पार्थिव शरीर को आश्रम में जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा. बुधवार शाम को चार बजे उन्हें आश्रम में ही वह समाधि दी जाएगी.

कई नेता होंगे शामिल

बुधवार को सत्यमित्रानंद गिरि को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बाबा रामदेव समेत कई बड़े साधु-संत हरिद्वार पहुंच सकते हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ने जताया दु:ख
सत्यमित्रानंद गिरि के निधन पर उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सत्यमित्रानंद गिरी भारत माता मंदिर के संस्थापक रहे हैं. इसके साथ ही वह शंकराचार्य भी रहे हैं. स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी बहुत विद्वान संत थे और देशभर में उनके अनुयायी है. पिछले दिनों गिरी जी को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था. उनसे कई बार मिलने का मौका मिला है.

बता दें कि सत्यमित्रानंद गिरि बीते काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थे. दो दिन पहले ही उन्हें देहरादून के एक निजी अस्पताल से उन्हें आश्रम लाया गया था, जहां अस्थाई आईसीयू बनाकर उन्हें शिफ्ट किया गया था. मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.

Intro:फीड लाइव वियू से भेजी गई है

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देश की आध्यात्मिक जगत की बड़ी हस्ती भारत माता जनहित ट्रस्ट के परमाध्यक्ष पद्मभूषण भूषण निवर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी का आज निधन हो गया वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे उन्होंने अंतिम सास अपने आश्रम भारत माता मंदिर संतकुटी मे ली सत्यमित्रानंद देश के शीर्ष संतों में गिने जाते थे सत्यमित्रानंद भानु पूरा पीठ के निवर्तमान शंकराचार्य और श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के महामंडलेश्वर थे उन्हें दो साल पहले भारत सरकार ने पदम विभूषण की उपाधि से विभूषित किया था 88 साल के स्वामी सत्यमित्रानंद के निधन से दशनामी सन्यासी परंपराओं के एक युग का अंत हो गया है


Body:देश के शीघ्र संतों में शुमार वेद पुराणों के प्रकांड विद्वान ओजस्वी वक्ता स्वामी सत्यमित्रानंद ब्रह्मलीन हो गए वह काफी समय से बीमार चल रहे थे और पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थे और दो दिन पहले ही उन्हें देहरादून के एक निजी अस्पताल से उनके आश्रम में ही स्थाई आईसीयू बनाकर शिफ्ट किया गया था जहां सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली उनके देश के कई प्रधानमंत्रियों राष्ट्रपतियों और राजनेताओं से संबंध थे इंग्लैंड में उन्हें ब्रिटिश राज परिवार की ओर से सम्मानित किया गया था उनका सभी धर्मों के धर्माचार्य सम्मान करते थे उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है स्वामी सत्यमित्रानंद के उत्तराधिकारी जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी का कहना है कि आज शाम 4:00 बजे जनता के दर्शनार्थ उनके पार्थिव देह को आश्रम में रखा जाएगा कल बुधवार को शाम 4:00 बजे उन्हें उनके आश्रम में ही वह समाधि दी जाएगी देश विदेश से उनके भक्त हरिद्वार स्थित आश्रम में पहुंचने शुरू हो गए हैं

बाइट-- स्वामी अवधेशानंद गिरी--सत्यमित्रानंद के उत्तराधिकारी

स्वामी सत्यमित्रानंद का आभामंडल बहुत बड़ा था उन्होंने भारत माता मंदिर की स्थापना के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बुलाया था और इस मंदिर की नींव रखने के लिए संघ प्रमुख रहे साहब देवरस को बुलाया था सत्यमित्रानंद की मृत्यु के बाद संत समाज में शोक की लहर है जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोमेश्वर नंद महाराज का कहना है कि सत्यमित्रानंद हमारे आदर्श थे और जब हम से कोई भी गलती होती थी तो वह हमें समझाते थे सत्यमित्रानंद एक बहुत बड़े संत थे उनके चले जाने से संत समाज में शोक की लहर है उनके जैसा कोई और संत नहीं हो सकता

बाइट--सोमेश्वर नंद महाराज--महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा


Conclusion:राष्ट्रपति प्रधानमंत्री विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रीयो योग गुरु स्वामी रामदेव समेत देश भर के कई राजनेताओं और धर्म आचार्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें देश का शीर्ष संत बताया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई राजनेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने हरिद्वार पहुंचेंगे
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