लक्सर: लक्सर में रेल अंडरपास निर्माण को लेकर स्थानीय लोग पिछले तेरह वर्षों से मांग करते चले आ रहे हैं. मांग को लेकर कई बार लोगों के द्वारा धरना प्रदर्शन किए जा चुके हैं. क्योंकि रेलवे लाइन क्रॉस करने के दौरान बहुत से लोग अपनी जान गवा चुके हैं. पिछले दिनों लंबे समय तक चले धरना प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे मंडल रेल प्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों के स्थलीय निरीक्षण के बाद यहां अंडरपास बनाए जाने की स्वीकृति दी गई थी. स्वीकृति के बाद करीब 6 माह पूर्व रेल अंडर पास का निर्माण कार्य शुरू हो गया था. लेकिन बेहद धीमी गति के चलते निर्माण कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पाया.
लोगों ने किया रेल अधिकारियों का घेराव: शनिवार को अंडर पास के लिए खोदे गए गड्ढे मे मिट्टी भराव किये जाने की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर रेल अधिकारियों का घेराव किया था. जिस पर रेल अधिकारीयों द्वारा बताया गया था कि अंडरपास निर्माण कार्य में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। कार्य के चलते रेलवे ट्रैक व सड़क में दरार आ रही है। जिसे देखते हुए फिलहाल कार्य को रोका गया है.
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निर्माण एजेंसी को किया जाए ब्लैक लिस्ट: समाजसेवी एवं अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को इस बाबत पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि लक्सर रेलवे स्टेशन उत्तराखंड राज्य का प्रवेश द्वार है. पिछले 13 वर्षों से क्षेत्र की जनता रेल अंडरपास निर्माण की मांग करती चली आ रही है. जनता के लम्बे संघर्ष के बाद रेल अंडरपास का निर्माण कार्य 6 माह पूर्व शुरू हो गया था. लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा अंडरपास के लिए खोदे जा रहे हैं गड्ढे में पानी आ जाने के कारण निर्माण कार्य बंद कर दिया गया. पत्र में कहा गया है कि भारतीय रेलवे समुद्र में बड़े-बड़े टैक बनाकर ट्रेन चला सकता है. तो अंडरपास के भूमि गत पानी की निकासी को क्यों नहीं रोका जा सकता. उन्होंने निर्माणाधीन एजेंसी व रेल अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जानबूझकर निर्माण कार्य को लटकाये जाने का आरोप लगाया. और साथ ही निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्ट घोषित करने, भुगतान की वसूली किए जाने तथा किसी नए एजेंसी के माध्यम से रेल अंडरपास निर्माण का कार्य कराया जाने के निर्देश दिये.