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हरिद्वार: आयुर्वेदिक अस्पताल में बना कोरियन बॉक्स, बिना छुए ही डॉक्टर ले सकेंगे सैंपल - बिना छुए ही डॉक्टर ले सकेंगे सैंपल

हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक अस्पताल में आइसोलेट किए गए मरीजों के जांच सैंपल लेने के लिए कोरियन तकनीक से बॉक्स बनाए गए हैं. यहां पर बिना मरीज के संपर्क में आए ही डॉक्टर उनका ब्लड या स्वैप सैंपल ले सकते हैं.

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कोरियन बॉक्स से नहीं है डॉक्टरों को खतरा.
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Published : Apr 16, 2020, 7:22 PM IST

Updated : May 25, 2020, 5:37 PM IST

हरिद्वार: जनपद के ऋषिकुल आयुर्वेदिक अस्पताल में आइसोलेट किए गए मरीजों के जांच सैंपल लेने के लिए कोरियन तकनीक से बॉक्स बनाए गए हैं. इस बॉक्स के माध्यम से डॉक्टर और मरीज के बीच एक मीटर की दूरी बनी रहती है और डॉक्टर को मरीज को छूने की भी आवश्यकता नहीं होती. बिना मरीज के संपर्क में आए ही डॉक्टरों द्वारा सैंपल लिया जाता है.

बता दें कि इस बॉक्स में विशेष ग्लब्स लगाए गए हैं. इस बॉक्स में खड़े होकर डॉक्टर अथवा नर्सिंग स्टाफ बिना मरीज के संपर्क में आए उनका ब्लड अथवा स्वैप सैंपल ले सकते हैं. जिससे ना तो पीपीई किट की आवश्यकता पड़ती है और ना ही सैंपल लेने वाले डॉक्टर अथवा नर्स को किसी प्रकार के संक्रमण का कोई खतरा रहता है.

यह भी पढ़ें: राहत कैंप में प्रवासी की मौत से मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस

जिला अस्पताल के डॉ. आशुतोष का कहना है कि यहां लाए गए लोगों की दो बार जांच की जाती है. पहली जांच नेगेटिव आने के बाद उन्हें 5 दिन क्वारंटाइन किया जाता है. उसके बाद उनकी दोबारा जांच कर नमूनों को ऋषिकेश एम्स में भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि जब दोबारा रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो क्वारंटाइन किए गए लोगों को डिस्चार्ज कर दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि डॉक्टरों का नर्सिंग स्टाफ यहां रह रहे संदिग्ध कोरोना मरीजों की निगरानी कर रहा है. उन्हें सामान्य बीमारियों के लिए यहीं से दवाई दी जाती है. गंभीर अवस्था में उन्हें एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय भी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.

हरिद्वार: जनपद के ऋषिकुल आयुर्वेदिक अस्पताल में आइसोलेट किए गए मरीजों के जांच सैंपल लेने के लिए कोरियन तकनीक से बॉक्स बनाए गए हैं. इस बॉक्स के माध्यम से डॉक्टर और मरीज के बीच एक मीटर की दूरी बनी रहती है और डॉक्टर को मरीज को छूने की भी आवश्यकता नहीं होती. बिना मरीज के संपर्क में आए ही डॉक्टरों द्वारा सैंपल लिया जाता है.

बता दें कि इस बॉक्स में विशेष ग्लब्स लगाए गए हैं. इस बॉक्स में खड़े होकर डॉक्टर अथवा नर्सिंग स्टाफ बिना मरीज के संपर्क में आए उनका ब्लड अथवा स्वैप सैंपल ले सकते हैं. जिससे ना तो पीपीई किट की आवश्यकता पड़ती है और ना ही सैंपल लेने वाले डॉक्टर अथवा नर्स को किसी प्रकार के संक्रमण का कोई खतरा रहता है.

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जिला अस्पताल के डॉ. आशुतोष का कहना है कि यहां लाए गए लोगों की दो बार जांच की जाती है. पहली जांच नेगेटिव आने के बाद उन्हें 5 दिन क्वारंटाइन किया जाता है. उसके बाद उनकी दोबारा जांच कर नमूनों को ऋषिकेश एम्स में भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि जब दोबारा रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो क्वारंटाइन किए गए लोगों को डिस्चार्ज कर दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि डॉक्टरों का नर्सिंग स्टाफ यहां रह रहे संदिग्ध कोरोना मरीजों की निगरानी कर रहा है. उन्हें सामान्य बीमारियों के लिए यहीं से दवाई दी जाती है. गंभीर अवस्था में उन्हें एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय भी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.

Last Updated : May 25, 2020, 5:37 PM IST
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