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Navratri 2020: जानिए इस नवरात्रि कैसे करें मां की आराधना

नवरात्रि में नौ दिनों तक मां की आराधना करने से वह जल्द प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मुरादों पूरी करती हैं. जानिए क्या है इस नवरात्रि में खास और कैसे करें मां की आराधना.

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Published : Oct 9, 2020, 6:02 AM IST

नवरात्रि का विशेष महत्व
जानिए इस नवरात्रि में कैसे करें मां की आराधना

हरिद्वार: हिन्दू धर्म और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में मां आदिशक्ति की आराधना का विशेष महत्व है. नवरात्रि में मां के नौ रूपों की आराधना की जाती है. हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि में नौ दिनों तक मां की आराधना करने से वह जल्द प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मुरादों पूरी करती हैं.

नवरात्रि में जल्द प्रसन्न होती हैं मां आदिशक्ति

नवरात्र में मां की आराधना करने से मां जल्द प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं. ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपूरी का कहना है कि कृष्ण पक्ष में श्राद्ध शुरू होते हैं और अश्विन शुक्ल पक्ष में नवरात्रि की शुरुआत होती है. लेकिन इस बार श्राद्ध पक्ष खत्म होते ही पुरुषोत्तम मास शुरू हो गया और यह एक महीने तक रहता है. ऐसा इससे पहले 2002 में हुआ था. इसलिए इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होंगे और पूरे नौ नवरात्रि होंगे, लेकिन दशहरा एक दिन पूर्व आ जाएगा. 25 अक्टूबर को दशमी यानी दशहरा सुबह से शुरू हो जाएगा और शाम तक रहेगा.

जानिए इस नवरात्रि कैसे करें मां की आराधना

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के कई हेलीपैड को टेकओवर कर सकती है वायुसेना

25 अक्टूबर को दशहरा

इस बार दशहरा 25 अक्टूबर तारीख को ही शुभ माना जा रहा है. क्योंकि दशहरा मध्य काल में ही मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपूरी का कहना है कि नवरात्रि में विशेष तौर पर शक्ति की पूजा की जाती है. नवरात्रि हर साल 4 बार आते है. पहला चैत्र मास, दूसरा आश्विन मास, तीसरा आषाढ़ मास और चौथे माघ मास में होता हैं. दो नवरात्रि माघ और आषाढ़ गुप्त होते हैं और दो नवरात्रि विशेष होते हैं. चैत्र और आश्विन माह में नवरात्रि सभी व्यक्ति कर सकते हैं. इन नवरात्रि में विशेष तौर पर कहा जाता है कि नव दुर्गा की उपासना के साथ 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है. कुछ लोग तंत्र की उपासना करते हैं. नवरात्रि में लोग अलग-अलग तरीके से पूजा करते हैं.

नवरात्रि का विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपूरी का कहना है कि कोरोना काल में हमारे शरीर की शक्ति कमजोर हो गई है. इसलिए यह नवरात्रि काफी विशेष है. कोरोना महामारी भी रक्तबीज की तरह है. एक को होने से 4 को होती है और 4 से 8 को. नवरात्रि में मां काली की उपासना की जाए तो शरीर की शक्ति भी बढ़ेगी और इस रोग से भी निजात मिलेगी. मां काली की उपासना विशेष रूप से महामारी को खत्म करने के लिए की जाती है. पुरुषोत्तम मास के बाद शुरू होने वाले नवरात्रि 6 गुना फलदायक होते हैं. नवरात्रि में कलश स्थापना करके 9 दिन तक मां भगवती की उपासना की जाए तो सभी फल की प्राप्ति होती है.

कन्या भोजन का विशेष महत्व

नवरात्रों में मां की आराधना के साथ-साथ छोटी कन्याओं का भी पूजन किया जाता है. माना जाता है कि छोटी कन्याओं में मां निवास करती हैं और 4 साल से 8 साल की कन्याओं को भोजन कराने और सच्चे मन से उनकी आराधना करें तो मां दुर्गा आपके घर में निवास करती है. मां हर प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करती है. नवरात्रि में मां आदिशक्ति की आराधना करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. इसलिए लोग नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं.

हरिद्वार: हिन्दू धर्म और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में मां आदिशक्ति की आराधना का विशेष महत्व है. नवरात्रि में मां के नौ रूपों की आराधना की जाती है. हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि में नौ दिनों तक मां की आराधना करने से वह जल्द प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मुरादों पूरी करती हैं.

नवरात्रि में जल्द प्रसन्न होती हैं मां आदिशक्ति

नवरात्र में मां की आराधना करने से मां जल्द प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं. ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपूरी का कहना है कि कृष्ण पक्ष में श्राद्ध शुरू होते हैं और अश्विन शुक्ल पक्ष में नवरात्रि की शुरुआत होती है. लेकिन इस बार श्राद्ध पक्ष खत्म होते ही पुरुषोत्तम मास शुरू हो गया और यह एक महीने तक रहता है. ऐसा इससे पहले 2002 में हुआ था. इसलिए इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होंगे और पूरे नौ नवरात्रि होंगे, लेकिन दशहरा एक दिन पूर्व आ जाएगा. 25 अक्टूबर को दशमी यानी दशहरा सुबह से शुरू हो जाएगा और शाम तक रहेगा.

जानिए इस नवरात्रि कैसे करें मां की आराधना

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25 अक्टूबर को दशहरा

इस बार दशहरा 25 अक्टूबर तारीख को ही शुभ माना जा रहा है. क्योंकि दशहरा मध्य काल में ही मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपूरी का कहना है कि नवरात्रि में विशेष तौर पर शक्ति की पूजा की जाती है. नवरात्रि हर साल 4 बार आते है. पहला चैत्र मास, दूसरा आश्विन मास, तीसरा आषाढ़ मास और चौथे माघ मास में होता हैं. दो नवरात्रि माघ और आषाढ़ गुप्त होते हैं और दो नवरात्रि विशेष होते हैं. चैत्र और आश्विन माह में नवरात्रि सभी व्यक्ति कर सकते हैं. इन नवरात्रि में विशेष तौर पर कहा जाता है कि नव दुर्गा की उपासना के साथ 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है. कुछ लोग तंत्र की उपासना करते हैं. नवरात्रि में लोग अलग-अलग तरीके से पूजा करते हैं.

नवरात्रि का विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपूरी का कहना है कि कोरोना काल में हमारे शरीर की शक्ति कमजोर हो गई है. इसलिए यह नवरात्रि काफी विशेष है. कोरोना महामारी भी रक्तबीज की तरह है. एक को होने से 4 को होती है और 4 से 8 को. नवरात्रि में मां काली की उपासना की जाए तो शरीर की शक्ति भी बढ़ेगी और इस रोग से भी निजात मिलेगी. मां काली की उपासना विशेष रूप से महामारी को खत्म करने के लिए की जाती है. पुरुषोत्तम मास के बाद शुरू होने वाले नवरात्रि 6 गुना फलदायक होते हैं. नवरात्रि में कलश स्थापना करके 9 दिन तक मां भगवती की उपासना की जाए तो सभी फल की प्राप्ति होती है.

कन्या भोजन का विशेष महत्व

नवरात्रों में मां की आराधना के साथ-साथ छोटी कन्याओं का भी पूजन किया जाता है. माना जाता है कि छोटी कन्याओं में मां निवास करती हैं और 4 साल से 8 साल की कन्याओं को भोजन कराने और सच्चे मन से उनकी आराधना करें तो मां दुर्गा आपके घर में निवास करती है. मां हर प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करती है. नवरात्रि में मां आदिशक्ति की आराधना करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. इसलिए लोग नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं.

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