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गंगनहर में बढ़े पानी ने बढ़ाई हरिद्वार के लोगों की मुश्किलें, कई गंगा घाट डूबे, कॉलोनियां भी जलमग्न

यूपी सिंचाई विभाग ने गंगनहर को उसके सर्वाधिक वाटर लेवल 13000 क्यूसेक पर खोला हुआ है. इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेतों को पानी मिल रहा है, मगर इससे हरिद्वार के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कई गंगा घाट पानी में डूब गये हैं. कॉलोनियों में पानी भर गया है.

Increased water in Ganganahar increased the problems of the people of Haridwar
गंगनहर में बढ़े पानी ने बढ़ाई हरिद्वार के लोगों की मुश्किलें
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Published : Sep 5, 2022, 7:16 PM IST

हरिद्वार: इन दिनों यूपी में सिंचाई के लिए पानी की काफी अधिक मांग है. जिसे देखते हुए यूपी सिंचाई विभाग में गंगनहर का वॉटर लेवल सर्वाधिक किया हुआ है, लेकिन इसी कारण अब गंगा जगह-जगह ओवर फ्लो हो रही है. जिससे न केवल गंगा घाटों पर रहने वालों के डूबने का खतरा बढ़ गया है. वहीं आसपास की कॉलोनियों में भी पानी भर रहा है.

बता दें यूपी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से को यूपी सिंचाई विभाग की गंगनहर सींचने का काम करती है. पिछले कुछ समय से गंगा के किनारे वाले इलाकों में पर्याप्त मात्रा में बरसात ना होने के कारण फसलों पर संकट गहराने लगा है. इसी को देखते हुए यूपी सिंचाई विभाग ने गंगनहर को उसके सर्वाधिक वाटर लेवल 13000 क्यूसेक पर खोला हुआ है. इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेतों को तो पानी मिल रहा है.

गंगनहर में बढ़े पानी ने बढ़ाई हरिद्वार के लोगों की मुश्किलें

पढे़ें- पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र, कहीं सच बोलने की सजा न मिल जाए?

इस बढ़े हुए जलस्तर ने हरिद्वार वासियों के साथ गंगा के घाटों को भी खतरे में डाल दिया है. सोमवार दोपहर से ही गंगनहर का पानी ओवरफ्लो होकर नालों के रास्ते कॉलोनियों में घुस रहा है. इसके अलावा कई गंगा घाटों पर स्थित सीढ़ियां और मंदिर पानी में डूबने शुरू हो गए हैं.

एसडीओ कैनाल एसके कौशिक ने बताया शासनादेश और किसानों की सुविधा को देखते हुए इस समय गंगनहर 14000 क्यूसेक के लेवल पर बह रही है. किसी को इस पानी से कोई नुकसान ना हो इसके लिए गंगा घाटों पर नहाने वाले लोगों को भी सतर्क रहने की चेतावनी जारी कर दी गई है. इससे फिलहाल किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.

हरिद्वार: इन दिनों यूपी में सिंचाई के लिए पानी की काफी अधिक मांग है. जिसे देखते हुए यूपी सिंचाई विभाग में गंगनहर का वॉटर लेवल सर्वाधिक किया हुआ है, लेकिन इसी कारण अब गंगा जगह-जगह ओवर फ्लो हो रही है. जिससे न केवल गंगा घाटों पर रहने वालों के डूबने का खतरा बढ़ गया है. वहीं आसपास की कॉलोनियों में भी पानी भर रहा है.

बता दें यूपी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से को यूपी सिंचाई विभाग की गंगनहर सींचने का काम करती है. पिछले कुछ समय से गंगा के किनारे वाले इलाकों में पर्याप्त मात्रा में बरसात ना होने के कारण फसलों पर संकट गहराने लगा है. इसी को देखते हुए यूपी सिंचाई विभाग ने गंगनहर को उसके सर्वाधिक वाटर लेवल 13000 क्यूसेक पर खोला हुआ है. इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेतों को तो पानी मिल रहा है.

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इस बढ़े हुए जलस्तर ने हरिद्वार वासियों के साथ गंगा के घाटों को भी खतरे में डाल दिया है. सोमवार दोपहर से ही गंगनहर का पानी ओवरफ्लो होकर नालों के रास्ते कॉलोनियों में घुस रहा है. इसके अलावा कई गंगा घाटों पर स्थित सीढ़ियां और मंदिर पानी में डूबने शुरू हो गए हैं.

एसडीओ कैनाल एसके कौशिक ने बताया शासनादेश और किसानों की सुविधा को देखते हुए इस समय गंगनहर 14000 क्यूसेक के लेवल पर बह रही है. किसी को इस पानी से कोई नुकसान ना हो इसके लिए गंगा घाटों पर नहाने वाले लोगों को भी सतर्क रहने की चेतावनी जारी कर दी गई है. इससे फिलहाल किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.

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