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रात के अंधेरे में चल रहा खनन का काला कारोबार, पुलिस-प्रशासन ने मूंदी आंखें - रुड़की में अवैध खनन

रुड़की के गंगनहर किनारे से गुजरते हुए खनन कारोबारी रात के अंधेरे में क्षतिग्रस्त पुल से ओवरलोडिंग ट्रैक्टर ट्राली का आवागमन कर रहे हैं.

खनन
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Published : Jul 3, 2020, 6:49 PM IST

रुड़की: कोरोना काल में भी खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि रात-दिन खनन का काला कारोबार बदस्तूर जारी है. रुड़की के गंगनहर किनारे से गुजरते हुए खनन कारोबारी रात के अंधेरे में क्षतिग्रस्त पुल से ओवरलोडिंग ट्रैक्टर ट्राली का आवागमन कर रहे हैं.

पुलिस-प्रशासन ने मूंदी आंखें.

यहां बात हो रही है रुड़की में आने से पहले सोनाली नदी के ऊपर बने 166 साल पुराने पुल की, ये पुल हालांकि क्षतिग्रस्त अवस्था में है, सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा लगाए गए बोर्ड में चेतावनी साफ है कि इस पुल पर भारी वाहन का आना वर्जित है. लेकिन खनन माफिया रात के अंधेरे का फायदा उठाकर इस नहर पटरी से रुड़की पहुंचते हैं.

पढ़ेंः अनलॉक-2.0 में दूनवासियों को राहत, शनिवार को खुली रहेंगी दुकानें और ऑफिस

गौरतलब है कि क्षतिग्रस्त पुल पर चेतावनी भरे बोर्ड को लगाए जाने के बाद भी खनन माफिया बिना डरे इस पुल से भारी वाहन लेकर रुड़की तक पहुंचते हैं. रास्ते में तीन जगहों पर पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. लेकिन ओवरलोडेड वाहनों को रोकने में पुलिस कर्मी भी नाकाम हैं.

सूत्र बताते हैं कि खनन माफिया ओवरलोडिंग माल भरकर भगवानपुर तहसील से रुड़की तक पहुंचते हैं, न तो उनके पास कोई बिल होता है न ही कोई राजस्व विभाग को दिए गए टैक्स की पर्ची. अब देखने वाली बात ये है कि प्रशासन इन खनन माफिया पर कोई कठोर कार्रवाई करेगा या फिर खनन का ये काला कारोबार यूं ही चलता रहेगा.

रुड़की: कोरोना काल में भी खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि रात-दिन खनन का काला कारोबार बदस्तूर जारी है. रुड़की के गंगनहर किनारे से गुजरते हुए खनन कारोबारी रात के अंधेरे में क्षतिग्रस्त पुल से ओवरलोडिंग ट्रैक्टर ट्राली का आवागमन कर रहे हैं.

पुलिस-प्रशासन ने मूंदी आंखें.

यहां बात हो रही है रुड़की में आने से पहले सोनाली नदी के ऊपर बने 166 साल पुराने पुल की, ये पुल हालांकि क्षतिग्रस्त अवस्था में है, सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा लगाए गए बोर्ड में चेतावनी साफ है कि इस पुल पर भारी वाहन का आना वर्जित है. लेकिन खनन माफिया रात के अंधेरे का फायदा उठाकर इस नहर पटरी से रुड़की पहुंचते हैं.

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गौरतलब है कि क्षतिग्रस्त पुल पर चेतावनी भरे बोर्ड को लगाए जाने के बाद भी खनन माफिया बिना डरे इस पुल से भारी वाहन लेकर रुड़की तक पहुंचते हैं. रास्ते में तीन जगहों पर पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. लेकिन ओवरलोडेड वाहनों को रोकने में पुलिस कर्मी भी नाकाम हैं.

सूत्र बताते हैं कि खनन माफिया ओवरलोडिंग माल भरकर भगवानपुर तहसील से रुड़की तक पहुंचते हैं, न तो उनके पास कोई बिल होता है न ही कोई राजस्व विभाग को दिए गए टैक्स की पर्ची. अब देखने वाली बात ये है कि प्रशासन इन खनन माफिया पर कोई कठोर कार्रवाई करेगा या फिर खनन का ये काला कारोबार यूं ही चलता रहेगा.

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