रुड़कीः आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे समेत तमाम अधिकारी बेलड़ा गांव पहुंचे. जहां उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों की बातों को सुना. साथ ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. उनका कहना था कि पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी. वहीं, 27 जुलाई को होने वाली दलित महापंचायत स्थगित होने की जानकारी भी दी गई.
बता दें कि करीब डेढ़ महीने पहले रुड़की के बेलड़ा गांव में दलित युवक की मौत के बाद बवाल हो गया था. जिसमें ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया था. इस मामले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. पुलिस ने बेलड़ा बवाल में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर कई लोगों की गिरफ्तारियां भी की थी. मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण एससी एसटी आयोग की तरफ से सीबीसीआईडी जांच के निर्देश दिए गए थे.
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बुधवार को इस मामले में आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे टीम के साथ बेलड़ा गांव पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जांच की. साथ ही दोनों पक्षों को भी सुना गया. इस दौरान हरिद्वार जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह, एसपी देहात, एसपी क्राइम, सीओ समेत आला अधिकारी मौजूद रहे.
क्या था पूरा मामलाः रुड़की की सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के बेलड़ा गांव निवासी पंकज (उम्र 35 वर्ष) एक टैंट हाउस पर नौकरी करता था. बीती 11 जून की रात को करीब 11 बजे वो बाइक से घर जा रहा था. जैसे ही वो गांव के पास पहुंचा तो एक ट्रैक्टर ट्रॉली की चपेट में आ गया. जिससे उसकी मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.
उधर, 12 जून की सुबह करीब आठ बजे युवक के परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में सिविल लाइन कोतवाली पहुंचे. जहां गांव के ही कुछ लोगों पर लोहे के सरियों से हमला कर हत्या करने का आरोप लगा दिया. उनका आरोप था कि पंकज रात को जब गांव के पास पहुंचा तो डीजे बज रहा था. पंकज ने डीजे की आवाज कम करने की बात कही तो उक्त लोगों ने उस पर हमला किया था.
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वहीं, पुलिस की जांच में हादसे की बात सामने आई थी. इससे नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए कोतवाली का घेराव किया था. बवाल होने की आशंका पर पुलिस अधिकारियों ने पीएसी और आस पास के थानों का पुलिस बल बुलाया. साथ ही पुलिस अधिकारी सुबह 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक परिजनों को समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन परिजन और ग्रामीण कोतवाली में ही डटे रहे.
इसी बीच पुलिस को सूचना मिली थी कि शव को कोतवाली लाने का प्रयास किया जा रहा है. इस पर एसपी देहात एसके सिंह, एएसपी निहारिका तोमर और सीओ पल्लवी त्यागी भारी फोर्स के साथ तैनात हो गए. वहीं, परिजन व ग्रामीण कोतवाली से नगर निगम चौक पर पहुंच गए और हंगामा करते हुए बवाल कर दिया. पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो महिलाओं ने पुलिस अधिकारियों से धक्कामुक्की करते हुए हाथापाई कर दी थी.
इस पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठी फटकार कर भीड़ को खदेड़ा था. नगर निगम चौक पर करीब पंद्रह से बीस मिनट तक हंगामा चलता रहा. पुलिस ने सिविल अस्पताल से शव को दूसरे रास्ते से गांव भेजा. इसके बाद परिजन और ग्रामीण गांव पहुंचे थे. उधर, तनाव को देखते हुए गांव में भारी पुलिस भी पहुंची थी. शाम करीब 6 बजे गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था. जिससे भगदड़ मच गई.
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इस दौरान मंगलौर कोतवाली प्रभारी मनोज मैनवाल, भगवानपुर थाना प्रभारी राजीव रौथाण गंभीर रूप से घायल हो गए. जबकि दरोगा बारु सिंह चौहान को भी हल्की चोटें आई थी. वहीं, गांव में तनाव को देखते हुए 7 थानों और कोतवाली के पुलिस बल तैनात किया गया था. साथ ही पुलिस अधिकारी गांव में डेरा डालकर ग्रामीणों को समझाने में जुटे. जिसके बाद गांव में धारा 144 लगाई गई थी. वहीं, गांव का माहौल सामान्य होने के बाद धारा 144 हटा दी गई. उधर, मामला हाईकोर्ट की शरण में भी पहुंच गया.