हरिद्वार: होटल व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी आंदोलन की राह पर है. पहले ही कोरोना महामारी ने उनकी कमर तोड़ दी और उसके बाद होटल व्यवसायियों की मनमानी के चलते उनको सड़कों पर आना पड़ रहा है. क्योंकि कोरोना महामारी के वक्त काफी कर्मचारी अपने घर चले गये थे. लेकिन वापस आने पर उनकों होटल व्यवसायियों द्वारा काम नहीं दिया गया. साथ ही जो कर्मचारी काम कर रहे थे उनका भी वेतन पूरा नहीं दिया गया और तो और व्यवसायियों द्वारा उन्हें रोज नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है. जिससे होटल कर्मचारियों में आक्रोश है.
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कोरोना महामारी को देखते हुए देश के पीएम मोदी ने सभी से अपील की थी कि जिनके भी यहां कर्मचारी कार्य करते हैं उनका वेतन ना काटा जाए. लेकिन हरिद्वार में पीएम मोदी की अपील का भी कोई असर नहीं हुआ. क्योंकि यहां के होटल व्यवसाई अपनी मनमानी कर रहे हैं. इसको लेकर होटल कर्मचारियों में आक्रोश है. होटल कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया.
होटल कर्मचारी एसोसिएशन का कहना है कि उत्तराखंड पर्यटन स्थल है और यहां पर भारी संख्या में कर्मचारी कार्य करते हैं लेकिन कोरोना काल में घर गए कर्मचारियों को नौकरी भी नहीं दी जा रही है इसको लेकर कर्मचारी सड़कों पर हैं. हरिद्वार होटल कर्मचारी अब सड़कों पर है और मांग की है कि सरकार उनका वेतन पूरा दिलवाए और साथ ही जिन कर्मचारियों की नौकरियां चली गई है उनको नौकरी भी दिलवाई जाए.