हरिद्वार: जिले के कनखल व पथरी थाना क्षेत्र के कई गांवों में टस्कर हाथियों ने उत्पात मचा रखा हैं. इसी कड़ी में कनखल थाना क्षेत्र के किशनपुर पंजनहेड़ी गांव में हाथियों का झुंड खेतों में घुस आया. टस्कर हाथियों ने फसल को पूरी तरह रौंद डाली. सूचना पाकर वन विभाग और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और टस्कर हाथियों के झुंड को जंगल की ओर भगाने का प्रयास किया. लेकिन शनिवार रात से लेकर रविवार दोपहर तक हाथियों का यह झुंड गांव में ही था, जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद वन कर्मियों की टीम ने हाथियों को जंगल की ओर भगाया.
गंगा के किनारे स्थित किशनपुर पंजनहेड़ी सहित कई गांव में बीते कई सालों से हाथियों का आतंक जारी हैं. शनिवार देर रात टस्कर हाथियों का एक झुंड किशनपुर सहित आसपास के गांव में आ धमका और पूरी रात फसलों को रौंद डाला. अधिकतर हाथी तो जंगल में वापस लौट गए लेकिन 3 हाथी खेतों में ही रह गए. सुबह खेतों पर गए ग्रामीणों ने हाथियों को देखा.
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हाथियों की खेतों में होने की खबर आसपास के इलाके में फैल गई, जिसके बाद भारी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर एकत्र हो गए. पहले तो ग्रामीणों ने पटाखे फोड़कर हाथियों को भगाने का प्रयास किया, लेकिन हाथी आक्रामक हो गए. फिर लोगों ने काफी शोर किया, लेकिन हाथी एक खेत से दूसरे खेत या एक गांव से दूसरे गांव की सीमा में दौड़ते नजर आए. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने हाथियों के आने की सूचना वन प्रभाग एवं जगजीतपुर चौकी पुलिस को दी. जिसके बाद कई टीमें मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद हाथियों को जंगल की ओर भगाया. बता दें कि, इन इलाकों में हाथियों के आने का यह कोई पहला मामला नहीं है, यह क्षेत्र गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है. जिस कारण हाथी इस क्षेत्र में आते हैं.
सोलर फेंसिंग भी हुई बेकार: हाथियों से इस क्षेत्र के ग्रामीणों और यहां की फसलों को बचाने के लिए जिला प्रशासन हरिद्वार ने वर्ष 2006 में गंगा के किनारे लाखों रुपए की लागत से सोलर फेंसिंग लगवाई थी.लेकिन हाथियों ने जगह-जगह इस सोलर फेंसिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया और अब उन्हीं रास्तों से हाथी क्षेत्र में प्रवेश करते हैं.
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हाथियों ने ली कई लोगों की जान: हाथी प्रभावित इस क्षेत्र में हाथी न केवल किसानों की फसलों को बर्बाद करते हैं, बल्कि अब तक हाथी कई ग्रामीणों की जान भी ले चुके हैं.