हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) की पूर्व संध्या पर देव दीपावली (dev deepawali) धूमधाम से मनाई जाती है. इस बार भी गुरूवार को देव दीपावली के दिन हरकी पैड़ी पर ग्यारह हजार दीये जलाए जायेंगे. मान्यता है कि इस दिन देवता दिवाली मनाते हैं. पुराणों के अनुसार देव दिवाली के दिन ही भगवान विष्णु (Lord Vishnu) से राजा बली को मुक्ति मिली थी और वह स्वर्ग पधारे थे, जिसके बाद सारे देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी.
ऐसी मान्यता है कि देवताओं द्वारा मनाई जाने वाली दीपावाली धरती को ऊर्जा देती है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है. कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हरकी पैड़ी (harki pauri) ब्रह्मकुंड पर 11 हजार दीप जलाकर देव दीपावली को भव्य तरीके से मनाया जाएगा, साथ ही आतिशबाजी भी की जाएगी.
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श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर हजारों दिये प्रज्ज्वलित कर भगवान विष्णु और समस्त देवताओं का पूजन और स्वागत किया जाएगा. देवताओं के निमित्त दीपदान का आध्यात्मिक महत्व है. देव दीपावली के दिन देवताओं के लिए दीपदान किया जाता है. उससे हमारे जीवन में आजीवन प्रकाश रहता है, क्योंकि दीप प्रकाश का प्रतीक है. यह परंपरा अनादि काल से चली आ रही है. गुरुवार को इस परंपरा को निभाते हुए हरकी पैड़ी पर देव दिवाली मनाई जाएगी.