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एसएसपी का आदेश पुलिसकर्मी के लिये बना सिरदर्द, अब डंडो से होगी शहर की सुरक्षा

पुलिस महकमा पहले ही आधुनिक संसाधनों से जूझ रहा है और पुराने ढर्रे पर ही सब कुछ चल रहा है. समस्याओं से जूझ रहे पुलिसकर्मियों के को नया फरमान कोढ़ में खाज की तरह है. वहीं पुलिसकर्मियों को हाईटेक बनाने के बजाय एसएसपी एक बार फिर पुराने दौर में लौटा रहे हैं.

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Published : Feb 9, 2019, 1:09 PM IST

Updated : Feb 9, 2019, 2:14 PM IST

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हरिद्वार: जिले में अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाना पुलिस के लिये सिरदर्द बना हुआ है. वहीं जनपद के नये कप्तान जन्मेजय खंडूरी का नया फरमान पुलिसकर्मियों के गले नहीं उतर रहा. रात्रि गश्त के लिए बनाई गई मोटरसाइकिल चेतक पुलिस के जवान कप्तान के आदेशों से असहज महसूस कर रहे हैं. दरसल, जिले में सभी चेतक पुलिस को आदेश दिए हैं कि रात्रिगश्त में पुलिसकर्मी पिस्टल की जगह रायफल, टार्च और डंडा लेकर रात्रिगश्त करने का फरमान जारी किया है. लेकिन खुलकर कोई सामने नहीं आ रहा है.


पुलिस महकमा पहले ही आधुनिक संसाधनों से जूझ रहा है और पुराने ढर्रे पर ही सब कुछ चल रहा है. समस्याओं से जूझ रहे पुलिसकर्मियों के को नया फरमान कोढ़ में खाज की तरह है. वहीं पुलिसकर्मियों को हाईटेक बनाने के बजाय एसएसपी एक बार फिर पुराने दौर में लौटा रहे हैं. बता दें कि हाल ही में हरिद्वार जिले की कप्तानी संभालने वाले एसएसपी ने रात्रिगश्त करने वाले चेतक पुलिस के जवानों को आदेश दिया कि पिस्टल रखना छोड दें और पुराने ढर्रे पर लौटते हुए अपने साथ रायफल, डंडा और टार्च लेकर रात्रिगश्त करें.

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पढ़ें- 2 साल बाद फिर मिले दोस्त, जन्मेजय खंडूड़ी और दीपक रावत क्या दोहरा पाएंगे नैनीताल वाला करिश्मा?


पुलिस कप्तान का ये फरमान किसी के गले नहीं उतर रहा है. पुलिस विभाग में कई वाहन पुराने हो चुके हैं. उन्ही को ठीक करके काम चलाया जा रहा है. वहीं कानूनी समझ रखने वाले जानकारों के गले एसएसपी के आदेश नहीं उतर रहे. देखना होगा कि एसएसपी के इस नये फरमान से अपराधों पर कितनी लगाम लग पाती है?

हरिद्वार: जिले में अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाना पुलिस के लिये सिरदर्द बना हुआ है. वहीं जनपद के नये कप्तान जन्मेजय खंडूरी का नया फरमान पुलिसकर्मियों के गले नहीं उतर रहा. रात्रि गश्त के लिए बनाई गई मोटरसाइकिल चेतक पुलिस के जवान कप्तान के आदेशों से असहज महसूस कर रहे हैं. दरसल, जिले में सभी चेतक पुलिस को आदेश दिए हैं कि रात्रिगश्त में पुलिसकर्मी पिस्टल की जगह रायफल, टार्च और डंडा लेकर रात्रिगश्त करने का फरमान जारी किया है. लेकिन खुलकर कोई सामने नहीं आ रहा है.


पुलिस महकमा पहले ही आधुनिक संसाधनों से जूझ रहा है और पुराने ढर्रे पर ही सब कुछ चल रहा है. समस्याओं से जूझ रहे पुलिसकर्मियों के को नया फरमान कोढ़ में खाज की तरह है. वहीं पुलिसकर्मियों को हाईटेक बनाने के बजाय एसएसपी एक बार फिर पुराने दौर में लौटा रहे हैं. बता दें कि हाल ही में हरिद्वार जिले की कप्तानी संभालने वाले एसएसपी ने रात्रिगश्त करने वाले चेतक पुलिस के जवानों को आदेश दिया कि पिस्टल रखना छोड दें और पुराने ढर्रे पर लौटते हुए अपने साथ रायफल, डंडा और टार्च लेकर रात्रिगश्त करें.

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पुलिस कप्तान का ये फरमान किसी के गले नहीं उतर रहा है. पुलिस विभाग में कई वाहन पुराने हो चुके हैं. उन्ही को ठीक करके काम चलाया जा रहा है. वहीं कानूनी समझ रखने वाले जानकारों के गले एसएसपी के आदेश नहीं उतर रहे. देखना होगा कि एसएसपी के इस नये फरमान से अपराधों पर कितनी लगाम लग पाती है?

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एसएसपी का आदेश पुलिसकर्मी के लिये बना सिरदर्द,  अब डंडो से होगी शहर की सुरक्षा



हरिद्वार:  जिले में अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाना पुलिस के लिये सिरदर्द बना हुआ है. वहीं जनपद के नये कप्तान जन्मेजय खंडूरी का नया फरमान पुलिसकर्मियों के गले नहीं उतर रहा. रात्रि गश्त के लिए बनाई गई मोटरसाइकिल चेतक पुलिस के जवान कप्तान के आदेशों से असहज महसूस कर रहे हैं. दरसल, जिले में सभी चेतक पुलिस को आदेश दिए हैं कि रात्रिगश्त में पुलिसकर्मी पिस्टल की जगह  रायफल, टार्च और डंडा लेकर रात्रिगश्त करने का फरमान जारी किया है. लेकिन खुलकर कोई सामने नहीं आ रहा है.

पुलिस महकमा पहेल ही आधुनिक संसाधनों से जूझ रहा है और पुराने  ढर्रे पर ही सब कुछ चल रहा है. समस्याओं से जूझ रहे पुलिसकर्मियों के को नया फरमान कोढ़ में खाज की तरह है.  वहीं पुलिसकर्मियों को हाईटेक बनाने के बजाय एसएसपी एक बार फिर पुराने दौर में लौटा रहे हैं. बता दें कि हाल ही में हरिद्वार जिले की कप्तानी संभालने वाले एसएसपी ने रात्रिगश्त करने वाले चेतक पुलिस के जवानों को आदेश दिया हैं कि वे पिस्टल रखना छोड दें और पुराने ढर्रे पर लौटते हुए अपने साथ रायफल, डंडा और टार्च लेकर रात्रिगश्त करें. पुलिस कप्तान का ये फरमान किसी के गले नहीं उतर रहा है.

पुलिस विभाग में कई वाहन पुराने हो चुके हैं. उन्ही को ठीक करके काम चलाया जा रहा है. वहीं कानूनी समझ रखने वाले जानकारों के गले  एसएसपी के आदेश नहीं उतर रहे. देखना होगा कि एसएसपी के इस नये फरमान से अपराधों पर कितनी लगाम लग पाती है?





 




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Last Updated : Feb 9, 2019, 2:14 PM IST
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