हरिद्वारः पुलिस से जब न्याय न मिले तो आदमी कोर्ट की शरण में जाता है. ऐसे ही एक मामले में कोतवाली रानीपुर के चक्कर लगाकर परेशान हो चुके एयरफोर्स के सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ हुई 92 लाख की धोखाधड़ी का है. जिसकी शिकायत उन्होंने कोर्ट से की. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर कोतवाली रानीपुर पुलिस ने पीड़ित का मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन मीडिया को इसकी जानकारी नहीं दी गई.
एयरफोर्स में रहकर देश की रक्षा करने वाला एक अधिकारी ही धोखाधड़ी का शिकार हो गया. इतना ही नहीं उसके साथ धोखाधड़ी करने वालों की शिकायत लेकर जब वह पुलिस के पास पहुंचा तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर उसे न्याय दिलाने के बजाय पुलिस ने भी उसका मुकदमा दर्ज नहीं किया. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर रानीपुर कोतवाली पुलिस को आखिरकार आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करना पड़ा.
प्लॉट पर किया जबरन कब्जाः जानकारी के मुताबिक, शिवालिक नगर निवासी केएल प्रियानी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वह रिटायर्ड एयरफोर्स अफसर है. सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र की गंगनगरी कॉलोनी में उनका लीज पर प्लॉट है. उन्होंने बताया कि शिवालिक नगर के प्रॉपर्टी डीलर अंसारी ने प्लॉट का सौदा जितेंद्र सैनी से एक करोड़ 12 लाख रुपये में तय कराया और 20 लाख रुपये एडवांस भी दिए. लेकिन बकाया रकम दिए बिना वह प्लॉट पर जबरन काम कराने लगा. विरोध करने पर उनके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी गई. इसके बाद आरोपियों ने साजिश करके सिडकुल से प्लॉट की लीज अपने नाम करा ली.
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इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमाः पीड़ित केएल प्रियानी ने आरोपियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जितेंद्र निवासी गंगानगरी कॉलोनी, प्रॉपर्टी डीलर अंसारी निवासी शिवालिकनगर, सिडकुल के तत्कालीन अधिकारी, गवाह अश्विनी व गौरव तोमर निवासीगण देहरादून के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 504 एकल 506 में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
मीडिया से भी छिपाया मामला: पुलिस ने मामले को मीडिया से छिपाने की पूरी कोशिश की. इसीलिए इस मामले को दर्ज किए जाने के बावजूद उजागर नहीं किया. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. जब यह मामला कहीं खबर में नहीं आया तो स्वयं पीड़ित मीडिया के पास गया और इस मामले की जानकारी दी. पीड़ित को दी गई तहरीर में यह मुकदमा बीती 15 मार्च को दर्ज किया जा चुका है.