रुड़की: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश की एक हिंदू युवती को पिरान कलियर दरगाह में नमाज पढ़ने की अनुमति दी है. नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिलाधिकारी और एसएसपी को युवती को पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिये हैं. जिसके बाद हरिद्वार पुलिस ने भी अपनी ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने बताया कि, पिरान कलियर दरगाह में युवती के नमाज पढ़ने के चलते किसी ने भी कानून हाथों में लेने की कोशिश की तो उचित कार्रवाई की जाएगी.
एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने कहा अभी तक हरिद्वार पुलिस को नैनीताल हाईकोर्ट का लिखित फैसला प्राप्त नहीं हुआ है, मगर जनपद की पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से युवती को सुरक्षा देने के लिए अपनी तैयारी कर चुका है. एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, हाईकोर्ट के फैसले को लागू कराने के लिए आला अधिकारियों को आदेशित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कोई भी कहीं भी जाकर पूजा पाठ कर सकता है. अगर इस दौरान शरारती तत्वों ने कोई हरकत की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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बता दें 22 साल की युवती नीमच मध्य प्रदेश की रहने वाली है. वह हरिद्वार स्थित सिडकुल में एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है. उसके साथ उसका एक साथी फरमान (35 वर्ष) उसी कंपनी में नौकरी करता है. लड़की ने युवक के साथ उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उसका नमाज पढ़ने का मन करता है. वो अपने सहकर्मी के साथ पिरान कलियर में जाकर नमाज पढ़ना चाहती है. मगर जब वह पिरान कलियर में नमाज अदा करने के लिए जाती है तो कुछ संगठन उसका विरोध करते हैं. लड़की ने याचिका में इसे अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का मामला बताया है.
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हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि जब युवती नमाज पढ़ने जाए, तो उससे पहले वह एक प्रार्थना पत्र सम्बंधित थाने के एसएचओ को दे और एसएचओ उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं. युवती ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने शादी नहीं की है और न ही वो अपना धर्म बदलना चाहती है. बता दें कि, इस मामले में सबसे पहले मंगलवार 9 मई को याचिका पर सुनवाई हुई. फिर न्यायाधीश मनोज तिवारी एवं न्यायाधीश पंकज पुरोहित की पीठ ने युवती को गुरुवार 11 मई को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा था. सुनवाई के दौरान युवती को नमाज पढ़ने जाने पर सुरक्षा प्रदान करने का आदेश खंडपीठ द्वारा दिया गया. कोर्ट ने नमाज पढ़ने की इजाजत देते हुए पुलिस को सुरक्षा देने के आदेश दिए. मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी.